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हरीश रावत ने सरकार को आपदा प्रबंधन में बताया फेल, 28 अक्टूबर को प्रदर्शन का ऐलान - Harish Rawats statement on disaster

आपदा प्रबंधन में ढिलाई का आरोप लगाते हुए पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत आज उत्तराखंड सरकार पर जमकर बरसे. हरीश रावत ने कहा कि सरकार को दिया 5 दिन का अल्टीमेटम खत्म हो चुका है. सरकार ने आपदा के 5 दिन बाद भी स्थितियों में कोई बदलाव नहीं किया है. आपदा पीड़ितों को कोई सरकारी मदद नहीं मिल पा रही है. हरीश रावत ने कहा कि खुद बीजेपी के लोग वीडियो भेजकर बता रहे हैं कि सरकार से कोई मदद नहीं मिल रही है. हरीश रावत ने कहा कि केदारनाथ आपदा के बाद राहत कार्यों में ढिलाई पर हमने मुख्यमंत्री तक हटा दिया था.

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हरीश रावत की प्रेस कॉन्फ्रेंस
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Published : Oct 25, 2021, 1:17 PM IST

Updated : Oct 25, 2021, 7:51 PM IST

देहरादून: कुमाऊं में आपदा से हुए नुकसान का जायजा लेने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने आज देहरादून में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की है. उन्होंने आपदा प्रबंधन में राज्य सरकार को पूरी तरह फेल बताया है. हरीश रावत ने कहा कि कांग्रेस ने उधमसिंह नगर और नैनीताल में आपदा की स्थिति देखने के बाद राज्य सरकार को 5 दिन का वक्त दिया था. हमने कहा था कि अगर 5 दिन में स्थिति नहीं सुधरती है तो उसके खिलाफ आंदोलन जैसे कदम उठाने पड़ेंगे.

आपदा के 5 दिन बात भी नहीं सुधरी हालत: हरीश रावत ने कहा कि इन 5 दिनों में अभी तक स्थिति में सुधार लाने के लिए कोई प्रयास नहीं किया गया है. भाजपा के कार्यकर्ता ने ही एक ऐसा वीडियो भेजा है. एक केंद्रीय मंत्री के दौरे में बेतालघाट में उनके ही कार्यकर्ता सवाल खड़े कर रहे हैं. आपदा प्रभावित क्षेत्रों में पांचवें दिन भी सहायता नहीं पहुंचाई गयी है. हरीश रावत ने कहा कि भाजपा ने कांग्रेस की उपस्थिति का भी कोई महत्व नहीं समझा.

हरीश रावत ने सरकार को आपदा प्रबंधन में बताया फेल.

ये भी पढ़ें: PM मोदी ने मुख्यमंत्री धामी को किया फोन, राहत और बचाव कार्य का लिया अपडेट

आपदा प्रबंधन में ढिलाई पर हमने सीएम हटा दिया था: पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि 2013 में आयी केदारनाथ आपदा में प्रबंधन और बचाव के लिए कांग्रेस ने मुख्यमंत्री हटा दिया था. जब आधी रात को लोगों के घरों में पानी भरा तो लोग घर छोड़कर भागने लगे. जिसकी मुख्य वजह रही कि उन तक आपदा की सूचनाएं नहीं पहुंच रही थी. गली-मोहल्लों में सड़ रहा कूड़ा-करकट और मरे हुए जानवरों को हटाने के लिए उन्होंने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा.

आपदाग्रस्त इलाकों में अव्यवस्था: हरीश रावत ने आरोप लगाया कि सफाई कर्मी ही नहीं, पानी के टैंकर पानी तक नहीं पहुंच रहे हैं. इससे ग्रामीणों को पेयजल की काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में यह कहा जा सकता है कि राज्य सरकार आपदा प्रबंधन और बचाव कार्यों में पूरी तरह से फेल हो गई है. आपदा प्रबंधन तंत्र 6 दिन में भी दबी हुई लाशों को नहीं निकाल पाया. केंद्रीय दल आ गया है, लेकिन सरकारी तंत्र का कोई सहयोग नहीं मिल रहा.

ये भी पढ़ें: उत्तराखंड त्रासदी में लोगों तक राहत पहुंचाएगी दिल्ली BJP, खाने के 20 हजार पैकेट किए रवाना

आपदा प्रबंधन में सरकार गायब: हरीश रावत ने आरोप लगाया कि इस पूरी आपदा में और आपदा प्रबंधन में राज्य सरकार पूरी तरह से गायब थी. साल 2013 में जब आपदा आई थी तो उस दौरान राज्य सरकार ने मानक बदले थे. तब केंद्र सरकार ने भी राज्य सरकार से सुझाव मांगे थे. क्षतिग्रस्त भवनों के लिए मुआवजा राशि के मानक तय किये थे. सरकारी और गैर-सरकारी के अंतर को समाप्त किया गया था.

मानव क्षति पर 10 लाख दे सरकार: पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि अगर किसी का नुकसान मानक में नहीं आ पा रहा है लेकिन यदि क्षति हुई है, तो उसकी प्रतिपूर्ति सरकार करे. मानव क्षति में राज्य सरकार 10 लाख की सहायता राशि दे. राज्य सरकार, किसान के रकवे के आधार पर क्षतिपूर्ति दे. ये क्षतिपूर्ति, राज्य सरकार किसानों को शीघ्र दे.

राहत राशि की जगह धामी की पीठ थपथपा गए शाह: हरीश रावत ने तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस को उम्मीद थी कि अमित शाह, 1000 करोड़ रुपये एडवांस में देकर जाएंगे. अमित शाह एडवांस में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की तारीफ कर चले गए. लोगों को सहायता की तत्काल जरूरत है. सरकार तत्काल सहायता राशि पहुंचाये.

ये भी पढ़ें: हंस फाउंडेशन ने पांच करोड़ रुपये किये दान, आपदा पीड़ितों की मदद के लिए बढ़ाए हाथ

हम आपदा के मानक बदलेंगे: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने कहा कि उनकी पार्टी भविष्य के एजेंडे में आपदा के मानकों में बदलाव को शामिल करेगी. इस आपदा से आधा राज्य प्रभावित हुआ है. राज्य सरकार घसियारी योजना ल रही है, लेकिन उन्हें चिंता नहीं है कि प्रदेश में घास है कि नहीं. जिनको भी भाजपा सरकार ने दायित्व सौंपा है, उन्होंने अपने दायित्वों का निर्वहन नहीं किया.

प्रदेशव्यापी प्रदर्शन: कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने सरकार को जल्द व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के लिए 27 तारीख का अल्टीमेटम दिया है. उन्होंने कहा कि 27 तारीख की शाम तक सरकार आपदा प्रभावित लोगों को मुआवजा दे. वर्ना 28 तारीख को लोकतांत्रिक तरीके से कांग्रेस पूरे प्रदेश में सरकार को चेताने के लिए उपवास पर बैठेगी.

उन्होंने कहा कि सरकार ने अभी तक नुकसान से हुई संपत्ति का भी आकलन नहीं किया है. ऐसे में राज्य सरकार को जल्दी आपदाग्रस्त इलाकों में सहायता देनी चाहिए. उन्होंने कहा कि आपदा से प्रभावित व्यक्ति को आज डूबते को तिनके के सहारे की जरूरत है. वहीं, दूसरी तरफ सरकार इसमें अपनी चुनावी संभावनाएं तलाश रही है.

देहरादून: कुमाऊं में आपदा से हुए नुकसान का जायजा लेने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने आज देहरादून में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की है. उन्होंने आपदा प्रबंधन में राज्य सरकार को पूरी तरह फेल बताया है. हरीश रावत ने कहा कि कांग्रेस ने उधमसिंह नगर और नैनीताल में आपदा की स्थिति देखने के बाद राज्य सरकार को 5 दिन का वक्त दिया था. हमने कहा था कि अगर 5 दिन में स्थिति नहीं सुधरती है तो उसके खिलाफ आंदोलन जैसे कदम उठाने पड़ेंगे.

आपदा के 5 दिन बात भी नहीं सुधरी हालत: हरीश रावत ने कहा कि इन 5 दिनों में अभी तक स्थिति में सुधार लाने के लिए कोई प्रयास नहीं किया गया है. भाजपा के कार्यकर्ता ने ही एक ऐसा वीडियो भेजा है. एक केंद्रीय मंत्री के दौरे में बेतालघाट में उनके ही कार्यकर्ता सवाल खड़े कर रहे हैं. आपदा प्रभावित क्षेत्रों में पांचवें दिन भी सहायता नहीं पहुंचाई गयी है. हरीश रावत ने कहा कि भाजपा ने कांग्रेस की उपस्थिति का भी कोई महत्व नहीं समझा.

हरीश रावत ने सरकार को आपदा प्रबंधन में बताया फेल.

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आपदा प्रबंधन में ढिलाई पर हमने सीएम हटा दिया था: पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि 2013 में आयी केदारनाथ आपदा में प्रबंधन और बचाव के लिए कांग्रेस ने मुख्यमंत्री हटा दिया था. जब आधी रात को लोगों के घरों में पानी भरा तो लोग घर छोड़कर भागने लगे. जिसकी मुख्य वजह रही कि उन तक आपदा की सूचनाएं नहीं पहुंच रही थी. गली-मोहल्लों में सड़ रहा कूड़ा-करकट और मरे हुए जानवरों को हटाने के लिए उन्होंने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा.

आपदाग्रस्त इलाकों में अव्यवस्था: हरीश रावत ने आरोप लगाया कि सफाई कर्मी ही नहीं, पानी के टैंकर पानी तक नहीं पहुंच रहे हैं. इससे ग्रामीणों को पेयजल की काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में यह कहा जा सकता है कि राज्य सरकार आपदा प्रबंधन और बचाव कार्यों में पूरी तरह से फेल हो गई है. आपदा प्रबंधन तंत्र 6 दिन में भी दबी हुई लाशों को नहीं निकाल पाया. केंद्रीय दल आ गया है, लेकिन सरकारी तंत्र का कोई सहयोग नहीं मिल रहा.

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आपदा प्रबंधन में सरकार गायब: हरीश रावत ने आरोप लगाया कि इस पूरी आपदा में और आपदा प्रबंधन में राज्य सरकार पूरी तरह से गायब थी. साल 2013 में जब आपदा आई थी तो उस दौरान राज्य सरकार ने मानक बदले थे. तब केंद्र सरकार ने भी राज्य सरकार से सुझाव मांगे थे. क्षतिग्रस्त भवनों के लिए मुआवजा राशि के मानक तय किये थे. सरकारी और गैर-सरकारी के अंतर को समाप्त किया गया था.

मानव क्षति पर 10 लाख दे सरकार: पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि अगर किसी का नुकसान मानक में नहीं आ पा रहा है लेकिन यदि क्षति हुई है, तो उसकी प्रतिपूर्ति सरकार करे. मानव क्षति में राज्य सरकार 10 लाख की सहायता राशि दे. राज्य सरकार, किसान के रकवे के आधार पर क्षतिपूर्ति दे. ये क्षतिपूर्ति, राज्य सरकार किसानों को शीघ्र दे.

राहत राशि की जगह धामी की पीठ थपथपा गए शाह: हरीश रावत ने तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस को उम्मीद थी कि अमित शाह, 1000 करोड़ रुपये एडवांस में देकर जाएंगे. अमित शाह एडवांस में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की तारीफ कर चले गए. लोगों को सहायता की तत्काल जरूरत है. सरकार तत्काल सहायता राशि पहुंचाये.

ये भी पढ़ें: हंस फाउंडेशन ने पांच करोड़ रुपये किये दान, आपदा पीड़ितों की मदद के लिए बढ़ाए हाथ

हम आपदा के मानक बदलेंगे: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने कहा कि उनकी पार्टी भविष्य के एजेंडे में आपदा के मानकों में बदलाव को शामिल करेगी. इस आपदा से आधा राज्य प्रभावित हुआ है. राज्य सरकार घसियारी योजना ल रही है, लेकिन उन्हें चिंता नहीं है कि प्रदेश में घास है कि नहीं. जिनको भी भाजपा सरकार ने दायित्व सौंपा है, उन्होंने अपने दायित्वों का निर्वहन नहीं किया.

प्रदेशव्यापी प्रदर्शन: कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने सरकार को जल्द व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के लिए 27 तारीख का अल्टीमेटम दिया है. उन्होंने कहा कि 27 तारीख की शाम तक सरकार आपदा प्रभावित लोगों को मुआवजा दे. वर्ना 28 तारीख को लोकतांत्रिक तरीके से कांग्रेस पूरे प्रदेश में सरकार को चेताने के लिए उपवास पर बैठेगी.

उन्होंने कहा कि सरकार ने अभी तक नुकसान से हुई संपत्ति का भी आकलन नहीं किया है. ऐसे में राज्य सरकार को जल्दी आपदाग्रस्त इलाकों में सहायता देनी चाहिए. उन्होंने कहा कि आपदा से प्रभावित व्यक्ति को आज डूबते को तिनके के सहारे की जरूरत है. वहीं, दूसरी तरफ सरकार इसमें अपनी चुनावी संभावनाएं तलाश रही है.

Last Updated : Oct 25, 2021, 7:51 PM IST
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