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आयुष छात्र आंदोलन: 'हाथ' के समर्थन पर भड़के हरक, कहा- कांग्रेस शासनकाल में ही बढ़ी थी फीस

आयुष मंत्री हरक सिंह रावत ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि इन तीन सालों में कांग्रेस विपक्ष की भूमिका में पूरी तरह से फेल हुई है. उन्हें ये ही नहीं पता की कौन से मुद्दे उठाने चाहिए और कौन से नहीं. हरक सिंह रावत ने कहा जिस फीस वृद्धि का कांग्रेस विरोध कर रही है ये उन्ही के शासनकाल में बढ़ाई गई थी.

आयुष छात्रों को कांग्रेस के समर्थन पर हरक सिंह रावत ने साधा निशाना
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Published : Nov 13, 2019, 4:27 AM IST

Updated : Nov 13, 2019, 8:12 AM IST

देहरादून: बीते कई दिनों से आयुष छात्र फीस बढ़ाये जाने को लेकर लगातार सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. लाख कोशिशों के बावजूद भी अभी तक आयुष छात्रों की समस्या का समाधान नहीं हो पाया है. आयुष छात्रों के आंदोलन को देखते हुए कांग्रेस ने भी आंदोलन को अपना समर्थन दे दिया है, जिस पर आयुष मंत्री हरक सिंह रावत ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. हरक सिंह रावत ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि 2004 के बाद पहली बार साल 2015 में कांग्रेस के शासनकाल में आयुष की फीस को 80 हजार से बढ़ाकर 2 लाख 15 हजार रुपए किया गया था, जिसे अब लागू किया गया है.

आयुष छात्रों को कांग्रेस के समर्थन पर हरक सिंह रावत ने साधा निशाना

आयुष मंत्री हरक सिंह रावत ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि इन तीन सालों में कांग्रेस विपक्ष की भूमिका में पूरी तरह से फेल हुई है. उन्हें ये ही नहीं पता कि कौन से मुद्दे उठाने चाहिए और कौन से नहीं. हरक सिंह रावत ने कहा जिस फीस वृद्धि का कांग्रेस विरोध कर रही है ये उन्ही के शासनकाल में बढ़ाई गई थी. जिसे अब लागू किया गया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को व्यावहारिक बात करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि इस मामले में हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को कोई निर्देश नहीं दिये हैं.

पढ़ें-देश की एकता में जामिया का महत्वपूर्ण योगदान: PM मोदी

हरक सिंह रावत ने कहा कि हाईकोर्ट ने मात्र संबंधित कॉलेजों को इसके सीधे निर्देश दिए हैं. कोर्ट में कॉलेज के खिलाफ मानहानि का मामला भी विचाराधीन है. ऐसे में जो भी कोर्ट का निर्णय होगा या फिर सरकार को आदेश दिया जाएगा, उसका अनुपालन जाएगा.

पढ़ें-कार्तिक पूर्णिमा आज, गंगा स्नान से भगवान विष्णु की होती है विशेष कृपा

रावत ने कहा कि साल 2004 में एमबीबीएस की फीस 1 लाख 90 हजार थी तब आयुष की फीस 80 हजार रुपये थी. आज एमबीबीएस की फीस बढ़कर 19 से 20 लाख के करीब हो गई है लेकिन आयुष छात्रों की फीस 80 हजार से मात्र 2 लाख 15 हजार की गई है. यही नहीं, अगर आयुष छात्रों को गुणवत्ता परख शिक्षा देनी है तो उसके लिए ये जरूरी है. ऐसे में ये भी सोचना चाहिए कि अगर आयुष काॅलेज बंद होते हैं तो फिर आयुष छात्रों को कैसे शिक्षा दी जाएगी.

देहरादून: बीते कई दिनों से आयुष छात्र फीस बढ़ाये जाने को लेकर लगातार सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. लाख कोशिशों के बावजूद भी अभी तक आयुष छात्रों की समस्या का समाधान नहीं हो पाया है. आयुष छात्रों के आंदोलन को देखते हुए कांग्रेस ने भी आंदोलन को अपना समर्थन दे दिया है, जिस पर आयुष मंत्री हरक सिंह रावत ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. हरक सिंह रावत ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि 2004 के बाद पहली बार साल 2015 में कांग्रेस के शासनकाल में आयुष की फीस को 80 हजार से बढ़ाकर 2 लाख 15 हजार रुपए किया गया था, जिसे अब लागू किया गया है.

आयुष छात्रों को कांग्रेस के समर्थन पर हरक सिंह रावत ने साधा निशाना

आयुष मंत्री हरक सिंह रावत ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि इन तीन सालों में कांग्रेस विपक्ष की भूमिका में पूरी तरह से फेल हुई है. उन्हें ये ही नहीं पता कि कौन से मुद्दे उठाने चाहिए और कौन से नहीं. हरक सिंह रावत ने कहा जिस फीस वृद्धि का कांग्रेस विरोध कर रही है ये उन्ही के शासनकाल में बढ़ाई गई थी. जिसे अब लागू किया गया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को व्यावहारिक बात करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि इस मामले में हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को कोई निर्देश नहीं दिये हैं.

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हरक सिंह रावत ने कहा कि हाईकोर्ट ने मात्र संबंधित कॉलेजों को इसके सीधे निर्देश दिए हैं. कोर्ट में कॉलेज के खिलाफ मानहानि का मामला भी विचाराधीन है. ऐसे में जो भी कोर्ट का निर्णय होगा या फिर सरकार को आदेश दिया जाएगा, उसका अनुपालन जाएगा.

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रावत ने कहा कि साल 2004 में एमबीबीएस की फीस 1 लाख 90 हजार थी तब आयुष की फीस 80 हजार रुपये थी. आज एमबीबीएस की फीस बढ़कर 19 से 20 लाख के करीब हो गई है लेकिन आयुष छात्रों की फीस 80 हजार से मात्र 2 लाख 15 हजार की गई है. यही नहीं, अगर आयुष छात्रों को गुणवत्ता परख शिक्षा देनी है तो उसके लिए ये जरूरी है. ऐसे में ये भी सोचना चाहिए कि अगर आयुष काॅलेज बंद होते हैं तो फिर आयुष छात्रों को कैसे शिक्षा दी जाएगी.

Intro:बीते कई दिनों से आयुष छात्र फीस बढ़ाये जाने को लेकर सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर रहे है। यही नही लाख कोशिशों के बावजूद भी अभी एक आयुष छात्रों की समस्या का समाधान नही हो पाया है। तो वही अब कांग्रेस पार्टी भी आयुष छात्रों के समर्थन में उतरकर सरकार के खिलाफ हमलावर है। और राज्य सरकार से बढ़ाये गए फीस को वापिस लेने की मांग कर रहे है। 


Body:तो वही अब आयुष मंत्री ने विपक्ष पर हमला करते हुए बताया कि कांग्रेस विपक्ष की भूमिका निभाने में इन 3 साल में पूरी तरह से फेल रही है। और विपक्ष को ये तक नही पता है कि किस मुद्दों को उठाना चाहिए और किस मुद्दे को नही। साथ ही बताया कि कांग्रेस आज आयुष छात्रों के साथ खड़ी है लेकिन शायद कांग्रेस ये भूल गयी है कि साल 2004 के बाद पहली बार साल 2015 में कांग्रेस के शासनकाल में आयुष की फीस को 80 हज़ार से बढ़ाकर 2 लाख 15 हज़ार किया गया था। जिसे अब लागू किया गया है। 


साथ ही बताया कि विपक्ष को व्यवहारिक बात करनी चाहिए और फीस बढ़ोतरी का ये कोई मुदा नहीं है, क्योंकि इसमे सरकार का कोई सीधा सीधा मतलब नही है क्योंकि हाइकोर्ट ने सरकार को निर्देश भी नही दिए है। और हाइकोर्ट ने मात्र संबंधित कॉलेजो को सीधे निर्देश दिए है। और कोर्ट में कॉलेज के खिलाफ मानहानि का मामला भी विचाराधीन है। ऐसे में जो भी कोर्ट का निर्णय होगा या फिर सरकार को आदेश दिया जाएगा, उसका अनुपालन जाएगा। 


जब साल 2004 में एमबीबीएस की फीस 1 लाख 90 हजार थी तब आयुष की फीस 80 हज़ार रुपये थी। लेकिन आज एमबीबीएस की फीस बढ़कर 19 से 20 लाख के करीब हो गई है। लेकिन आयुष छात्रों की फीस 80 हजार से मात्र 2 लाख 15 हजार की गई है। यही नही अगर आयुष छात्रों को गुणवत्ता परख शिक्षा देने हो तो आज के समय मे 80 हजार रुपये में नहीं दी जा सकती है। और ऐसे मे ये भी सोचना चाहिए कि अगर आयुष काॅलेज बंद होते है तो फिर आयुष छात्रों को शिक्षा कहा मिलेगी।


बाइट - हरक सिंह रावत, आयुष मंत्री




Conclusion:
Last Updated : Nov 13, 2019, 8:12 AM IST
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