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बारिश के लिए पहले करवाई थी शादी, अब बाढ़ के बाद मेंढक-मेंढकी का तलाक

मध्यप्रदेश में भारी बारिश से लोग परेशान हो रहे हैं. इसी को देखते हुए भोपाल में ओम शिव शक्ति सेवा मंडल द्वारा इंद्रपुरी स्थित महादेव मंदिर में मेंढक- मेंढकी की शादी तोड़ते हुए उन्हें अलग कर दिया गया. जिससे प्रदेश और राजधानी में बारिश कम हो जाए.

मेंढक- मेंढकी की शादी तोड़ते हुए दोनों को अलग कर दिया गया.
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Published : Sep 13, 2019, 5:27 PM IST

देहरादून/भोपाल: मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में अजब एमपी की गजब बातें देखने मिली, जहां पहले सूखे से परेशान लोग बारिश के लिए मेंढक- मेंढकी की शादी जैसे कई तरह के जतन कर रहे थे. वहीं, अब लगातार बारिश के बाद प्रदेश के कई हिस्सों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं, जिसके चलते जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है. जिसे देखते हुए भोपाल में लोगों ने फिर टोटके का सहारा लिया, जहां मेंढक- मेंढकी की शादी तोड़ते हुए दोनों को अलग कर दिया.

मेंढक- मेंढकी की शादी तोड़ते हुए दोनों को अलग कर दिया गया.

इस बारिश से बचाव करने के लिए ओम शिव शक्ति सेवा मंडल द्वारा इंद्रपुरी स्थित महादेव मंदिर में मान्यता अनुसार मेंढक और मेंढकी की शादी को तोड़ते हुए दोनों को अलग कर दिया. लोगों ने पूरे विधि विधान के साथ इन दोनों को अलग करने की रस्म अदायगी की. इसके लिए बाकायदा एक कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया. माना जाता है कि इन दोनों को यदि अलग कर दिया जाए तो बारिश कम हो जाती हैं.

यह भी पढ़ें-देखें भोपाल नाव हादसे का LIVE वीडियो

ओम शिव शक्ति सेवा मंडल के संयोजक हरिओम का कहना है, कि प्रदेश में अच्छी बारिश के लिए समिति द्वारा 19 जुलाई को मेंढक और मेंढकी की शादी पूरे विधि-विधान के साथ कराई गई थी. जिससे प्रदेश और राजधानी में अच्छी बारिश हो सके. 19 जुलाई के बाद से ही प्रदेश और राजधानी में लगातार अच्छी बारिश हुई. लेकिन अब जिस तरह से बारिश हो रही है, उससे कई तरह के खतरे सामने आ रहे हैं. इसे देखते हुए समिति ने निर्णय लिया, कि इंद्र देव को किस तरह से मनाया जाए. मान्यता अनुसार मेंढक और मेंढकी को शादी के बंधन से अलग करने का निर्णय लिया. उन्हें पानी में छोड़ दिया गया है, जिससे अब बारिश का क्रम थम जाए और अगले साल फिर अच्छी बारिश वापस लौट कर आए .

देहरादून/भोपाल: मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में अजब एमपी की गजब बातें देखने मिली, जहां पहले सूखे से परेशान लोग बारिश के लिए मेंढक- मेंढकी की शादी जैसे कई तरह के जतन कर रहे थे. वहीं, अब लगातार बारिश के बाद प्रदेश के कई हिस्सों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं, जिसके चलते जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है. जिसे देखते हुए भोपाल में लोगों ने फिर टोटके का सहारा लिया, जहां मेंढक- मेंढकी की शादी तोड़ते हुए दोनों को अलग कर दिया.

मेंढक- मेंढकी की शादी तोड़ते हुए दोनों को अलग कर दिया गया.

इस बारिश से बचाव करने के लिए ओम शिव शक्ति सेवा मंडल द्वारा इंद्रपुरी स्थित महादेव मंदिर में मान्यता अनुसार मेंढक और मेंढकी की शादी को तोड़ते हुए दोनों को अलग कर दिया. लोगों ने पूरे विधि विधान के साथ इन दोनों को अलग करने की रस्म अदायगी की. इसके लिए बाकायदा एक कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया. माना जाता है कि इन दोनों को यदि अलग कर दिया जाए तो बारिश कम हो जाती हैं.

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ओम शिव शक्ति सेवा मंडल के संयोजक हरिओम का कहना है, कि प्रदेश में अच्छी बारिश के लिए समिति द्वारा 19 जुलाई को मेंढक और मेंढकी की शादी पूरे विधि-विधान के साथ कराई गई थी. जिससे प्रदेश और राजधानी में अच्छी बारिश हो सके. 19 जुलाई के बाद से ही प्रदेश और राजधानी में लगातार अच्छी बारिश हुई. लेकिन अब जिस तरह से बारिश हो रही है, उससे कई तरह के खतरे सामने आ रहे हैं. इसे देखते हुए समिति ने निर्णय लिया, कि इंद्र देव को किस तरह से मनाया जाए. मान्यता अनुसार मेंढक और मेंढकी को शादी के बंधन से अलग करने का निर्णय लिया. उन्हें पानी में छोड़ दिया गया है, जिससे अब बारिश का क्रम थम जाए और अगले साल फिर अच्छी बारिश वापस लौट कर आए .

Intro:बारिश के लिए जिनकी कराई थी कभी शादी अब उनकी की गई विधि विधान से विदाई

भोपाल| प्रदेश और राजधानी में लगातार बारिश का क्रम जारी है लेकिन अब इस बारिश से आमजन लगातार परेशान होने लगा है क्योंकि लगातार हो रही बारिश से जलस्तर बढ़ रहा है और लोगों के घरों में पानी पहुंच रहा है जिसकी वजह से आप लोगों को अपने ही घर से पलायन करना मजबूरी बन गई है अब लोग इस बारिश से बचाव करने के जतन ढूंढ रहे हैं ओम शिव शक्ति सेवा मंडल द्वारा राजधानी के इंद्रपुरी स्थित महादेव मंदिर में इस अत्यधिक बारिश को रोकने के लिए मान्यता अनुसार मेंढक और मेंढकी की शादी को तोड़ते हुए दोनों को अलग अलग कर दिया है मान्यता अनुसार पूरे विधि विधान के साथ इन दोनों को अलग करने की रस्म अदायगी की गई है .Body:वैसे तो वैज्ञानिक मंगल और चंद्र यान पर पहुंच रहे हैं लेकिन पृथ्वी पर रहने वाले लोगों की आस्था और अंधविश्वास कभी खत्म होने का नाम नहीं लेते हैं यही वजह है कि अब तेज बारिश को रोकने के लिए मेंढक और मेंढकी को अलग अलग किया गया है इसके लिए बाकायदा एक कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया माना जाता है कि इन दोनों को यदि अलग कर दिया जाए तो बारिश कम हो जाती है .Conclusion:ओम शिव शक्ति सेवा मंडल के संयोजक हरिओम ने बताया कि प्रदेश में अच्छी बारिश के लिए समिति के द्वारा 19 जुलाई को मेंढक और मेंढकी की शादी पूरे विधि-विधान के साथ कराई गई थी ताकि प्रदेश और राजधानी में अच्छी बारिश हो सके और 19 जुलाई के बाद से ही प्रदेश और राजधानी में लगातार अच्छी बारिश हुई है लेकिन अब जिस तरह से बारिश हो रही है उसकी वजह से अब कई तरह के खतरे सामने दिखाई देने लगे हैं क्योंकि पानी की जो रफ्तार है उससे अब बाढ़ का खतरा बढ़ गया है तो वहीं बीमारियां भी इस पानी की वजह से बढ़ सकती हैं इसे देखते हुए समिति ने निर्णय किया कि इंद्र देव को किस तरह से मनाया जाए और मान्यता अनुसार मेंढक और मेंढकी को शादी के बंधन से अलग करने का निर्णय लिया उन्होंने बताया कि आज पूरे विधि विधान के साथ शिव मंदिर में दोनों को अलग कर दिया गया है और इन्हें पानी में छोड़ दिया गया है ताकि अब बारिश का क्रम थम जाए और अगले वर्ष फिर अच्छी बारिश वापस लौट कर आए .
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