देहरादून: बुधवार को राज्यसभा में विस्तृत चर्चा के बाद नागरिकता संशोधन विधेयक पारित कर दिया गया है. इस बिल के पास होने के बाद से ही देशभर से लगातर प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं. कहीं बिल का विरोध किया जा रहा है तो कहीं बिल के समर्थन में लोग जमकर खुशियां मना रहे रहे हैं. इस बिल के पास हो जाने के बाद राजधानी देहरादून में रह रहे पाकिस्तानी मूल के हिंदू समुदाय में खुशी की लहर है. इन लोगों का कहना है कि इस बिल के पास होने से उन्हें नई जिंदगी मिल गई है. जिसके लिए वे केंद्र सरकार का शुक्रिया करते हैं.
इस बिल को लेकर ईटीवी भारत संवाददाता परमजीत सिंह लांबा ने देहरादून के कांवली रोड में पिछले 20 सालों से रह रहे पाक हिंदू परिवारों से बातचीत की. ये सभी परिवार पिछले 20 सालों से सभी मौलिक अधिकारों से वंचित हैं. इन सभी परिवारों ने बिल पास होने पर खुशी का इजहार करते हुए कहा कि मोदी सरकार के इस ऐतिहासिक फैसले से पाकिस्तान से आए हिंदुओं को संजीवनी मिली है. उनके मुताबिक, वर्षों से जिल्लत की जिंदगी जीने के बाद अब उनके जीवन में नया सवेरा आया है. नागरिकता संशोधन बिल पर खुशी का इजहार करते हुए पाक हिंदुओं ने इसे भारत की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक ताकत बताया है.
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देहरादून के जनरल महादेव सिंह रोड व कांवली रोड जैसे कई इलाकों में पाकिस्तान से आये ऐसे कई परिवार हैं जिन्हें नागरिकता संशोधन बिल का लाभ मिलेगा. इन सभी परिवारों का कहना है कि ये बिल उनके और उनकी आने वाली नई पीढ़ियों के लिए नई उम्मीद लेकर आया है. पाकिस्तान से 12 साल पहले आए बलराम मल्होत्रा के मुताबिक, उनके पिता के साथ लूटपाट करते हुए सरेआम उनका कत्ल कर दिया गया था. जिसके बाद भी उनके परिवार को लगातार प्रताड़ित किया गया. जिससे परेशान होकर वे 2007 में अपना सब कुछ छोड़कर भारत आये. वो और उनके साथ कई परिवार महाराष्ट्र की तरफ चले गए. बलराम के मुताबिक, उनके जैसे कई परिवार हैं जो पिछले 20 सालों से पाकिस्तान से किसी तरह से बचकर तो आ गए लेकिन, हिंदुस्तान में किसी तरह के भी मौलिक अधिकार न मिलने के कारण वे गुमनामी की जिंदगी जी रहे हैं.
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ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए पाकिस्तान से आए हिंदू परिवारों ने बताया कि अब उन्हें नई जिंदगी नागरिकता के रूप में मिलेगी. यह उनकी जिंदगी में अनमोल चीज से कम नहीं है. आज इस कानून के बनने से छोटे से लेकर बड़े वर्ग के लोगों में जबरदस्त उत्साह और उमंग का माहौल है. उन्होंने मोदी सरकार के इस फैसले को ऐतिहासिक करार दिया है.
नागरिकता संशोधन बिल (CAB) की खास बातें
- इस बिल के कानून में तब्दील होने के बाद पड़ोसी देशों के अल्पसंख्यकों को आसानी से भारत की नागरिकता मिल पाएगी. नागरिकता हासिल करने के लिए उन्हें यहां कम से कम 6 साल बिताने होंगे. पहले नागरिकता हासिल करने के लिए कम से कम 11 साल बिताने का पैमाना तय था.
- पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश और आस-पास के देशों के हिंदू, ईसाई, सिख, पारसी, जैन और बौद्ध धर्म के वो लोग जिन्होंने 31 दिसंबर 2014 की निर्णायक तारीख तक भारत में प्रवेश कर लिया था. वे सभी भारत की नागरिकता के लिए आवेदन कर सकेंगे.
- ओसीआई कार्ड धारक यदि नियमों का उल्लंघन करते हैं तो केंद्र के पास उनका कार्ड रद्द करने का अधिकार होगा. बता दें कि ओसीआई कार्ड स्थायी रूप से विदेश में बसे भारतीयों को दिए जाने वाला कार्ड है