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22 नवंबर को बंद होंगे द्वितीय केदार श्री मध्यमहेश्वर के कपाट, तुंगनाथ के 30 अक्टूबर को

चारधाम यात्रा संपन्न होने में थोड़ा ही समय बचा है. आज चारधाम यात्रा समापन की तिथियों की घोषणा होगी. उससे पहले पंच केदारों के कपाट बंद होने की तिथियां घोषित हो गई हैं. द्वितीय केदार श्री मध्यमहेश्वर के कपाट 22 नवंबर को बंद होंगे. इसके साथ ही तुंगनाथ के कपाट 30 अक्टूबर को बंद होंगे.

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मद्महेश्वर के कपाट
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Published : Oct 15, 2021, 12:37 PM IST

Updated : Oct 15, 2021, 12:58 PM IST

उखीमठ/ मक्कूमठ ( रुद्रप्रयाग): पंच केदारों के कपाट बंद होने की तिथियां घोषित हो गई हैं. द्वितीय केदार श्री मध्यमहेश्वर भगवान के कपाट शीतकाल हेतु 22 नवंबर को बंद होंगे. तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ जी के कपाट शीतकाल हेतु 30 अक्टूबर को बंद होंगे. आज विजयदशमी के अवसर पर कपाट बंद होने की तिथि तय हुई है.

द्वितीय केदार भगवान श्री मध्यमहेश्वर जी के कपाट शीतकाल हेतु सोमवार 22 नवंबर को प्रात: साढ़े आठ बजे वृश्चिक लग्न में बंद हो जायेंगे. जबकि श्री मध्यमहेश्वर मेला बृहस्पतिवार 25 नवंबर को आयोजित होगा. तृतीय केदार तुंगनाथ जी के कपाट शनिवार 30 अक्टूबर को दिन में 1 बजे शीतकाल हेतु बंद हो जायेंगे.

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पंच केदार के कपाट बंद होने की घोषणा

आज पंचकेदार गद्दीस्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में पुजारी-आचार्यगणों एवं पंचगाई हक-हकूकधारियों तथा देवस्थानम बोर्ड के अधिकारियों-कर्मचारियों की उपस्थिति में विधि-विधान पूर्वक पंचाग गणना के पश्चात कपाट बंद होने की तिथि तय की गयी. तृतीय केदार तुंगनाथ जी के कपाट बंद होने की तिथि शीतकालीन गद्दीस्थल श्री मार्कंडेय मंदिर मक्कूमठ में तय हुई है. कपाट बंद होने के पश्चात भगवान मध्यमहेश्वर जी की चलविग्रह डोली 22 नवंबर को गौंडार, 23 नवंबर को रांसी, 24 नवंबर को गिरिया में प्रवास करेगी.

ये भी पढ़ें: दुर्गा विसर्जनः विधि-विधान के साथ मां दुर्गा की विदाई, भक्तों के छलके आंसू

25 नवंबर को चल विग्रह डोली श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंचेगी. 25 नवंबर को मध्यमहेश्वर मेला आयोजित किया जायेगा.

श्री तुंगनाथ जी की चल विग्रह डोली 30 अक्टूबर को चोपता, 31 अक्टूबर को भनकुंड तथा 1 नवंबर को गद्दीस्थल श्री मार्कंडेय मंदिर में विराजमान होंगी. इसी के साथ गद्दीस्थलों में शीतकालीन पूजा शुरू हो जायेगी.

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तुंगनाथ मंदिर के कपाट बंद होंगे.

श्री मध्यमहेश्वर भगवान के कपाट बंद होने की तिथि तय करने हेतु आज विजयदशमी के अवसर पर आयोजित धार्मिक कार्यक्रम में वेदपाठी यशोधर मैठाणी, पुजारी शिवशंकर लिंग, पुजारी गंगाधर लिंग, सहायक अभियंता गिरीश देवली, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी राजकुमार नौटियाल, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष चंडी प्रसाद भट्ट, सत्यप्रसाद सेमवाल, एलपी भट्ट, मनोज शुक्ला, अनूप पुष्पवान, प्रेम सिंह रावत, दीपक पंवार आदि मौजूद रहे.

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मध्यमहेश्वर मंदिर के कपाट होंगे बंद

श्री तुंगनाथ जी के कपाट बंद होने की तिथि निर्धारित करने के कार्यक्रम में मठापति राम प्रसाद मैठाणी, बदरीनाथ धाम के पूर्व मंदिर अधिकारी भूपेंद्र प्रसाद मैठाणी, प्रबंधक बलबीर नेगी तथा मैठाणी आचार्य गण मौजूद रहे.

ये भी पढ़ें: उत्तराखंड के पौड़ी वाली रामलीला की यूनेस्को तक है धूम, जानिए इतिहास

देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि कार्यक्रम में सामाजिक दूरी सहित कोरोना बचाव मानकों का पालन हुआ.

उखीमठ/ मक्कूमठ ( रुद्रप्रयाग): पंच केदारों के कपाट बंद होने की तिथियां घोषित हो गई हैं. द्वितीय केदार श्री मध्यमहेश्वर भगवान के कपाट शीतकाल हेतु 22 नवंबर को बंद होंगे. तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ जी के कपाट शीतकाल हेतु 30 अक्टूबर को बंद होंगे. आज विजयदशमी के अवसर पर कपाट बंद होने की तिथि तय हुई है.

द्वितीय केदार भगवान श्री मध्यमहेश्वर जी के कपाट शीतकाल हेतु सोमवार 22 नवंबर को प्रात: साढ़े आठ बजे वृश्चिक लग्न में बंद हो जायेंगे. जबकि श्री मध्यमहेश्वर मेला बृहस्पतिवार 25 नवंबर को आयोजित होगा. तृतीय केदार तुंगनाथ जी के कपाट शनिवार 30 अक्टूबर को दिन में 1 बजे शीतकाल हेतु बंद हो जायेंगे.

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पंच केदार के कपाट बंद होने की घोषणा

आज पंचकेदार गद्दीस्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में पुजारी-आचार्यगणों एवं पंचगाई हक-हकूकधारियों तथा देवस्थानम बोर्ड के अधिकारियों-कर्मचारियों की उपस्थिति में विधि-विधान पूर्वक पंचाग गणना के पश्चात कपाट बंद होने की तिथि तय की गयी. तृतीय केदार तुंगनाथ जी के कपाट बंद होने की तिथि शीतकालीन गद्दीस्थल श्री मार्कंडेय मंदिर मक्कूमठ में तय हुई है. कपाट बंद होने के पश्चात भगवान मध्यमहेश्वर जी की चलविग्रह डोली 22 नवंबर को गौंडार, 23 नवंबर को रांसी, 24 नवंबर को गिरिया में प्रवास करेगी.

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25 नवंबर को चल विग्रह डोली श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंचेगी. 25 नवंबर को मध्यमहेश्वर मेला आयोजित किया जायेगा.

श्री तुंगनाथ जी की चल विग्रह डोली 30 अक्टूबर को चोपता, 31 अक्टूबर को भनकुंड तथा 1 नवंबर को गद्दीस्थल श्री मार्कंडेय मंदिर में विराजमान होंगी. इसी के साथ गद्दीस्थलों में शीतकालीन पूजा शुरू हो जायेगी.

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तुंगनाथ मंदिर के कपाट बंद होंगे.

श्री मध्यमहेश्वर भगवान के कपाट बंद होने की तिथि तय करने हेतु आज विजयदशमी के अवसर पर आयोजित धार्मिक कार्यक्रम में वेदपाठी यशोधर मैठाणी, पुजारी शिवशंकर लिंग, पुजारी गंगाधर लिंग, सहायक अभियंता गिरीश देवली, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी राजकुमार नौटियाल, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष चंडी प्रसाद भट्ट, सत्यप्रसाद सेमवाल, एलपी भट्ट, मनोज शुक्ला, अनूप पुष्पवान, प्रेम सिंह रावत, दीपक पंवार आदि मौजूद रहे.

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मध्यमहेश्वर मंदिर के कपाट होंगे बंद

श्री तुंगनाथ जी के कपाट बंद होने की तिथि निर्धारित करने के कार्यक्रम में मठापति राम प्रसाद मैठाणी, बदरीनाथ धाम के पूर्व मंदिर अधिकारी भूपेंद्र प्रसाद मैठाणी, प्रबंधक बलबीर नेगी तथा मैठाणी आचार्य गण मौजूद रहे.

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देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि कार्यक्रम में सामाजिक दूरी सहित कोरोना बचाव मानकों का पालन हुआ.

Last Updated : Oct 15, 2021, 12:58 PM IST
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