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उत्तरकाशी आपदा: स्टेट कंट्रोल रूम से रखी जा रही चप्पे-चप्पे पर नजर, राहत कार्य में लगे 5 हेलीकॉप्टर - Uttarkashi News

उत्तरकाशी में आई भीषण आपदा के बाद उत्तराखंड आपदा प्रबंधन विभाग युद्ध स्तर पर इस मुश्किल घड़ी से निपटने में लगा है. आपदा प्रभावित क्षेत्रों में तत्काल और पूरे सामंजस्य के साथ राहत और बचाव कार्य पहुंचाने के लिए आपदा प्रबंधन विभाग ने एड़ी चोटी का जोर लगा दिया है.

स्टेट कंट्रोल रूम से रखी जा रही चप्पे-चप्पे पर नजर.
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Published : Aug 20, 2019, 5:13 PM IST

Updated : Aug 20, 2019, 5:38 PM IST

देहरादून: उत्तरकाशी जिले में आई आपदा के बाद उत्तराखंड सरकार आपदा प्रबंधन के माध्यम से प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्यों में जुटी हुई है. सचिवालय में मौजूद स्टेट कंट्रोल रूम में आपदा प्रबंधन की पूरी टीम युद्धस्तर पर राहत और बचाव कार्यों को संचालित करने में लगी है. इसी दौरान ई-टीवी भारत की टीम ने आपदा कंट्रोल रूम का जायजा लिया. आइये आपको बताते हैं कि कैसे सरकार और उसके अधिकारी कंट्रोल रूम से आपदा पर नजर बनाये हुए हैं.

स्टेट कंट्रोल रूम से रखी जा रही चप्पे-चप्पे पर नजर.

उत्तरकाशी में आई भीषण आपदा के बाद उत्तराखंड आपदा प्रबंधन विभाग युद्ध स्तर पर इस मुश्किल घड़ी से निपटने में लगा है. आपदा प्रभावित क्षेत्रों में तत्काल और पूरे सामंजस्य के साथ राहत और बचाव कार्य पहुंचाने के लिए आपदा प्रबंधन विभाग ने एड़ी चोटी का जोर लगा दिया है. इसके लिए आपदा प्रबंधन विभाग ने अपने मास्टर प्लान के तहत आपदा के केंद्र बिंदु आराकोट के सरकारी विद्यालय में अपना बेस कैंप बनाया है. जहां से आसपास के सभी प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य चलाया जा रहा है.

आपदा प्रबंधन के प्रभारी सचिव एस मुरुगेशन ने बताया कि आपदा के बाद से ही उत्तरकाशी जिले के जिलाधिकारी और एसपी सहित तमाम आला अधिकारी बेस कैंप में मौजूद हैं. उन्होंने बताया कि आपदा के कारण प्रभावित क्षेत्रों से रोड कनेक्टिविटी टूट चुकी है, जिसके कारण वहां पहुंचने के लिए हेलीकॉप्टर के आलावा कोई माध्यम नहीं है.

राहत बचाव कार्य में लगे 5 हेलीकॉप्टर

सचिवालय में बनाये गये स्टेट आपदा कंट्रोल रूम में मौजूद प्रभारी सचिव आपदा प्रबंधन एस मुरुगेशन ने बताया कि उनकी टीम द्वारा बनाए गए प्लान के तहत तीन हेलीकॉप्टर बेस कैंप तक राहत और चिकित्सा सामग्री पहुंचाने का काम कर रहे हैं. वहीं दो छोटे चॉपर बेस कैंप से प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव का काम कर रहे हैं. प्रभारी सचिव आपदा प्रबंधन ने बताया कि कुल मिलाकर 5 हेलीकॉप्टर प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्यों के लिए लगाए गए हैं. जिनमें से एक भारतीय वायुसेना का चॉपर है.

मौत का आंकड़ा बढ़ा
जैसे-जैसे राहत और बचाव का कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है वैसे-वैसे उत्तरकाशी में आई इस आपदा की भयावह तस्वीर साफ होती जा रही है. ताजा मिले आंकड़ों के अनुसार अभी तक यहां 15 लोगों के शवों को बरामद किया जा चुका है, जबकि 6 लोग अब भी लापता बताये जा रहे हैं. जबकि मरने वालों की संख्या में भी इजाफा हुआ है.

क्षतिग्रस्त मार्गों को खुलने में लगेंगे कई दिन
आपदा प्रबंधन के अनुसार कई क्षेत्रों में संपर्क मार्ग टूट चुके हैं तो वहीं कई पेयजल लाइनें और विद्युत लाइनें भी बाधित हो चुकी हैं. आपदा के प्रभारी सचिव ने बताया कि संपर्क मार्गों को खोलने के लिए आसपास की सभी मशीनरी को बुलाया गया है. इसके साथ ही लोक निर्माण विभाग की मशीनों को भी प्रभावित क्षेत्रों में स्थानांतरित कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि इस वक्त सारी बड़ी और हाईटेक मशीनें 82 जल विद्युत परियोजना में लगी हुई हैं, जहां से उन्हें आपदा प्रभावित क्षेत्रों की ओर जाने के निर्देश दिए जा चुके हैं. उन्होंने बताया कि आपदा प्रभावित क्षेत्रों में क्षतिग्रस्त मार्गों को खोलने में अभी कई दिन लगेंगे.

देहरादून: उत्तरकाशी जिले में आई आपदा के बाद उत्तराखंड सरकार आपदा प्रबंधन के माध्यम से प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्यों में जुटी हुई है. सचिवालय में मौजूद स्टेट कंट्रोल रूम में आपदा प्रबंधन की पूरी टीम युद्धस्तर पर राहत और बचाव कार्यों को संचालित करने में लगी है. इसी दौरान ई-टीवी भारत की टीम ने आपदा कंट्रोल रूम का जायजा लिया. आइये आपको बताते हैं कि कैसे सरकार और उसके अधिकारी कंट्रोल रूम से आपदा पर नजर बनाये हुए हैं.

स्टेट कंट्रोल रूम से रखी जा रही चप्पे-चप्पे पर नजर.

उत्तरकाशी में आई भीषण आपदा के बाद उत्तराखंड आपदा प्रबंधन विभाग युद्ध स्तर पर इस मुश्किल घड़ी से निपटने में लगा है. आपदा प्रभावित क्षेत्रों में तत्काल और पूरे सामंजस्य के साथ राहत और बचाव कार्य पहुंचाने के लिए आपदा प्रबंधन विभाग ने एड़ी चोटी का जोर लगा दिया है. इसके लिए आपदा प्रबंधन विभाग ने अपने मास्टर प्लान के तहत आपदा के केंद्र बिंदु आराकोट के सरकारी विद्यालय में अपना बेस कैंप बनाया है. जहां से आसपास के सभी प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य चलाया जा रहा है.

आपदा प्रबंधन के प्रभारी सचिव एस मुरुगेशन ने बताया कि आपदा के बाद से ही उत्तरकाशी जिले के जिलाधिकारी और एसपी सहित तमाम आला अधिकारी बेस कैंप में मौजूद हैं. उन्होंने बताया कि आपदा के कारण प्रभावित क्षेत्रों से रोड कनेक्टिविटी टूट चुकी है, जिसके कारण वहां पहुंचने के लिए हेलीकॉप्टर के आलावा कोई माध्यम नहीं है.

राहत बचाव कार्य में लगे 5 हेलीकॉप्टर

सचिवालय में बनाये गये स्टेट आपदा कंट्रोल रूम में मौजूद प्रभारी सचिव आपदा प्रबंधन एस मुरुगेशन ने बताया कि उनकी टीम द्वारा बनाए गए प्लान के तहत तीन हेलीकॉप्टर बेस कैंप तक राहत और चिकित्सा सामग्री पहुंचाने का काम कर रहे हैं. वहीं दो छोटे चॉपर बेस कैंप से प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव का काम कर रहे हैं. प्रभारी सचिव आपदा प्रबंधन ने बताया कि कुल मिलाकर 5 हेलीकॉप्टर प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्यों के लिए लगाए गए हैं. जिनमें से एक भारतीय वायुसेना का चॉपर है.

मौत का आंकड़ा बढ़ा
जैसे-जैसे राहत और बचाव का कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है वैसे-वैसे उत्तरकाशी में आई इस आपदा की भयावह तस्वीर साफ होती जा रही है. ताजा मिले आंकड़ों के अनुसार अभी तक यहां 15 लोगों के शवों को बरामद किया जा चुका है, जबकि 6 लोग अब भी लापता बताये जा रहे हैं. जबकि मरने वालों की संख्या में भी इजाफा हुआ है.

क्षतिग्रस्त मार्गों को खुलने में लगेंगे कई दिन
आपदा प्रबंधन के अनुसार कई क्षेत्रों में संपर्क मार्ग टूट चुके हैं तो वहीं कई पेयजल लाइनें और विद्युत लाइनें भी बाधित हो चुकी हैं. आपदा के प्रभारी सचिव ने बताया कि संपर्क मार्गों को खोलने के लिए आसपास की सभी मशीनरी को बुलाया गया है. इसके साथ ही लोक निर्माण विभाग की मशीनों को भी प्रभावित क्षेत्रों में स्थानांतरित कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि इस वक्त सारी बड़ी और हाईटेक मशीनें 82 जल विद्युत परियोजना में लगी हुई हैं, जहां से उन्हें आपदा प्रभावित क्षेत्रों की ओर जाने के निर्देश दिए जा चुके हैं. उन्होंने बताया कि आपदा प्रभावित क्षेत्रों में क्षतिग्रस्त मार्गों को खोलने में अभी कई दिन लगेंगे.

Intro:Exclusive- अभी अभी

एंकर- उत्तराखंड के उत्तकाशी जिले में आई आपदा के बाद उत्तराखंड सरकार आपदा प्रबंधन के माध्यम से प्रभावित क्षेत्र में राहत और बचाव कार्यों में जुटा हुआ है। सचिवालय में मौजूद स्टेट कंट्रोल रूम में आपदा प्रबंधन की पूरी टीम युद्धस्तर पर राहत और बचाव कार्यों को संचालित कर रही है। इसी दौरान ई टीवी भारत की टीम ने जायजा लिया कंट्रोल रूम का और मोजूदा वस्तुस्थिति को लेकर जनकरी ली।


Body:वीओ- उत्तरकाशी जिले में आई भीषण आपदा के बाद उत्तराखंड आपदा प्रबंधन युद्ध स्तर पर इस मुश्किल की घड़ी से निपटने में लगा है। आपदा में प्रभावित क्षेत्रों में तत्काल और पूरे सामंजस्य के साथ बचाव कार्य और राहत पहुंचाने के लिए आपदा प्रबंधन विभाग ने अपने मास्टर प्लान के तहत आपदा के केंद्र बिंदु आराकोट में मौजूद सरकारी विद्यालय में अपना बेसकैंप बनाया है। जहां से आसपास के सभी प्रभावित इलाकों में बचाव और राहत कार्य चलाया जा रहा है।

आपदा प्रबंधन के प्रभारी सचिव एस मुरुगेशन ने बताया कि आपदा के बाद से ही उत्तरकाशी जिले के जिलाधिकारी और एसपी सहित तमाम आला अधिकारी बेस कैंप में मौजूद हैं और क्योंकि आपदा की वजह से कई प्रभावित क्षेत्रों से रोड कनेक्टिविटी टूट चुकी है तो हॉलिकॉप्टर ही मात्र एक विकल्प बचा हुआ है।

5 चॉपर लगे हैं बचाव और राहत में---
सचिवालय में स्थित स्टेट आपदा कंट्रोल रूम में मौजूद प्रभारी सचिव आपदा प्रबंधन एस मुरुगेशन ने बताया कि टीम द्वारा बनाए गए प्लान के तहत तीन हॉलिकॉप्टर बेस कैंप तक राहत और चिकित्सा सामग्री पहुंचाने का काम कर रहे हैं तो वहीं दो छोटे चौपड़ बेस कैंप से प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव का काम कर रहे हैं। प्रभारी सचिव आपदा प्रबंधन के अनुसार क्योंकि कई क्षेत्रों में सड़क से संपर्क टूट चुका है तो मात्र हॉलिकॉप्टर के जरिए ही राहत और बचाव कार्य संभव है जिसको लेकर कुल 5 हॉलिकॉप्टर प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्यों के लिए लगाए गए हैं जिनमें से एक भारतीय वायुसेना का भी चौपर मौजूद है।

मौत का आंकड़ा बढ़ा-
जैसे-जैसे राहत और बचाव का कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है वैसे-वैसे उत्तरकाशी में आई इस आपदा की भयावह तस्वीर साफ हो रही है ताजा आंकड़े के अनुसार मौत के आंकड़े में इजाफा हुआ है और अब 15 लोगों केशव बरामद किए जा चुके हैं तो वही 6 लोग लापता बताया जा रहे हैं इस तरह से जो आंकड़ा कल तक 17 का था वह अब 21 हो चुका है।

क्षतिग्रस्त मार्गों को खुलने में लगेंगे कई दिन---
आपदा प्रबंधन के अनुसार क्षेत्र में कई संपर्क मार्ग टूट चुके हैं तो वहीं कई पेयजल लाइनें और विद्युत लाइनें भी बाधित हुई है प्रभारी सचिव आपदा एस मुर्गे शन ने बताया कि संपर्क मार्गों को खोलने के लिए आसपास की सभी मशीनरी को बुलाया जा चुका है साथ ही लोक निर्माण विभाग की मशीनों को भी प्रभावित क्षेत्र में स्थानांतरित कर दिया गया है उन्होंने बताया कि बड़ी और हाईटेक मशीनें इस वक्त सारी 82 जल विद्युत परियोजना में लगी हुई है जहां से उन्हें आपदा प्रभावित क्षेत्र की ओर जाने के तत्काल निर्देश दिए जा चुके हैं जो कि अगले कुछ दिनों में प्रभावित क्षेत्र में पहुंचकर और भी तेज गति से संपर्क मार्गों टूटी हुई सड़कों को खोलने का काम करेंगे


Conclusion:
Last Updated : Aug 20, 2019, 5:38 PM IST
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