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ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन को लेकर सीएम ने की बैठक, कार्य जल्द पूरा करने के दिए निर्देश

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Published : Oct 10, 2019, 1:28 AM IST

Updated : Oct 10, 2019, 7:16 AM IST

ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन प्रोजेक्ट को लेकर देहरादून में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बुधवार को अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की. इस दौरान सीएम ने रेल लाइन प्रोजेक्ट से जुड़े जिलों के डीएम को रेलवे अधिकारियों के साथ समन्वय बनाकर प्रोजेक्ट को तेजी से पूरा करने का निर्देश दिया.

सीएम ने की बैठक

देहरादनू: उत्तराखंड का महत्वपूर्ण रेलवे प्रोजेक्ट ऋषिकेश-कर्णप्रयाग को लेकर देहरादून में समीक्षा बैठक आहूत की गई. बैठक में रेल विकास निगम लिमिटेड के अधिकारियों ने योजना की प्रगति रिपोर्ट को मुख्यमंत्री के सामने रखा. वहीं, इस दौरान सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रदेश के अधिकारियों को रेलवे अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित कर कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए.

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने जिलाधिकारी पौड़ी, चमोली, टिहरी और रूद्रप्रयाग को निर्देश दिया कि रेलवे के साथ समन्वय बनाकर हर प्रकार की प्रशासनिक सहायता उपलब्ध कराई जाए. साथ ही ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन से संबंधित भूमि और मकान के क्षतिपूर्ति व अन्य मामलों का निपटान के काम को भी जल्द पूरा करने के निर्देश दिए. इस दौरान सीएम ने मलबा निस्तारण के लिए चिन्हित डंपिंग जोन से संबंधित स्वीकृतियां भी जारी किए जाने के निर्देश दिए.

पढ़ें: आजादी के बाद से इस गांव में अबतक नहीं हुआ कोई चुनाव, ऐसे चुने जाते हैं प्रधान

वहीं, मुख्यमंत्री ने लोनिवि को ब्यासी-नरकोटा रोड पुल निर्माण कार्य में तेजी लाते हुए समयबद्धता के साथ पूरा करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि इससे रेलवे को भारी मशीनों के आवागमन के लिए काफी सहायता मिलेगी. विद्युत विभाग को रेलवे द्वारा वांछित स्थानों पर विद्युत कनेक्शन जल्द उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए. साथ ही रेलवे को भी सभी स्टेशनों की भव्यता का ध्यान रखने के भी निर्देश दिए.

बता दें कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन परियोजना की फाईनल लोकेशन सर्वे पूर्ण किया जा चुका है. प्रोजेक्ट के लिए भूमि अधिग्रहण का कार्य पूरा किया जा चुका है. साथ ही आवश्यक फोरेस्ट क्लीयरेंस प्राप्त की जा चुकी है. भूमि अधिग्रहण के मुआवजे का वितरण कार्य जारी है. इसके लिए निर्गत 804.28 करोड़ रूपए के सापेक्ष 623.92 करोड़ रूपए वितरित किए जा चुके हैं.

इस रेल परियोजना के प्रथम 6 किलोमीटर भाग में चंद्रभागा नदी पर एक आर.ओ.बी. और ऋषिकेश में एक आर.ओ.बी. व एक आर.यू.बी. का कार्य फरवरी 2017 में अवार्ड किया जा चुका है. परियोजना के तहत 16 टनल के कार्य को 9 पैकेज में बांटा गया है. इन सभी पैकेज के लिए डीडी एंड पीएमसी कॉन्ट्रेक्ट अवार्ड किए जा चुके हैं, इनके डिजाइन का कार्य प्रगति पर है.

वीरभद्र-न्यू ऋषिकेश ब्लॉक सेक्शन का काम 2019-20, न्यू ऋषिकेश-देवप्रयाग ब्लॉक सेक्शन का कार्य 2023-24 और देवप्रयाग-कर्णप्रयाग ब्लॉक सेक्शन का कार्य 2024-25 तक पूर्ण किए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.

वहीं, उत्तराखंड के चारधाम यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बदरीनाथ को रेलवे सेवा से जोड़ने के लिए लगभग 327 किलोमीटर की कुल लंबाई की 4 रेलवे लाईन अलाईनमेंट पर कार्य किया जाएगा. इनमें अलाईनमेंट-1 में उत्तरकाशी- बड़कोट, अलाईनमेंट-2 में डोईवाला-मनेरी, अलाईनमेंट-3 में कर्णप्रयाग-सोनप्रयाग, अलाईनमेंट-4 में साईकोट-जोशीमठ रेलवे लाईन का निर्माण प्रस्तावित है.

चारधाम रेल प्रोजेक्ट में कुल 21 रेलवे स्टेशन व 61 टनल बनाई जाएंगी. इस प्रोजेक्ट की जियो मैपिंग, हाईड्रोलॉजीकल स्टडी, ड्रॉन सर्वे व एनवायरमेंटल डेस्कटॉप स्टडी की जा चुकी है. इसका फाईनल लोकेशन सर्वे जनवरी 2020 तक पूरा किए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.

देहरादनू: उत्तराखंड का महत्वपूर्ण रेलवे प्रोजेक्ट ऋषिकेश-कर्णप्रयाग को लेकर देहरादून में समीक्षा बैठक आहूत की गई. बैठक में रेल विकास निगम लिमिटेड के अधिकारियों ने योजना की प्रगति रिपोर्ट को मुख्यमंत्री के सामने रखा. वहीं, इस दौरान सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रदेश के अधिकारियों को रेलवे अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित कर कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए.

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने जिलाधिकारी पौड़ी, चमोली, टिहरी और रूद्रप्रयाग को निर्देश दिया कि रेलवे के साथ समन्वय बनाकर हर प्रकार की प्रशासनिक सहायता उपलब्ध कराई जाए. साथ ही ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन से संबंधित भूमि और मकान के क्षतिपूर्ति व अन्य मामलों का निपटान के काम को भी जल्द पूरा करने के निर्देश दिए. इस दौरान सीएम ने मलबा निस्तारण के लिए चिन्हित डंपिंग जोन से संबंधित स्वीकृतियां भी जारी किए जाने के निर्देश दिए.

पढ़ें: आजादी के बाद से इस गांव में अबतक नहीं हुआ कोई चुनाव, ऐसे चुने जाते हैं प्रधान

वहीं, मुख्यमंत्री ने लोनिवि को ब्यासी-नरकोटा रोड पुल निर्माण कार्य में तेजी लाते हुए समयबद्धता के साथ पूरा करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि इससे रेलवे को भारी मशीनों के आवागमन के लिए काफी सहायता मिलेगी. विद्युत विभाग को रेलवे द्वारा वांछित स्थानों पर विद्युत कनेक्शन जल्द उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए. साथ ही रेलवे को भी सभी स्टेशनों की भव्यता का ध्यान रखने के भी निर्देश दिए.

बता दें कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन परियोजना की फाईनल लोकेशन सर्वे पूर्ण किया जा चुका है. प्रोजेक्ट के लिए भूमि अधिग्रहण का कार्य पूरा किया जा चुका है. साथ ही आवश्यक फोरेस्ट क्लीयरेंस प्राप्त की जा चुकी है. भूमि अधिग्रहण के मुआवजे का वितरण कार्य जारी है. इसके लिए निर्गत 804.28 करोड़ रूपए के सापेक्ष 623.92 करोड़ रूपए वितरित किए जा चुके हैं.

इस रेल परियोजना के प्रथम 6 किलोमीटर भाग में चंद्रभागा नदी पर एक आर.ओ.बी. और ऋषिकेश में एक आर.ओ.बी. व एक आर.यू.बी. का कार्य फरवरी 2017 में अवार्ड किया जा चुका है. परियोजना के तहत 16 टनल के कार्य को 9 पैकेज में बांटा गया है. इन सभी पैकेज के लिए डीडी एंड पीएमसी कॉन्ट्रेक्ट अवार्ड किए जा चुके हैं, इनके डिजाइन का कार्य प्रगति पर है.

वीरभद्र-न्यू ऋषिकेश ब्लॉक सेक्शन का काम 2019-20, न्यू ऋषिकेश-देवप्रयाग ब्लॉक सेक्शन का कार्य 2023-24 और देवप्रयाग-कर्णप्रयाग ब्लॉक सेक्शन का कार्य 2024-25 तक पूर्ण किए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.

वहीं, उत्तराखंड के चारधाम यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बदरीनाथ को रेलवे सेवा से जोड़ने के लिए लगभग 327 किलोमीटर की कुल लंबाई की 4 रेलवे लाईन अलाईनमेंट पर कार्य किया जाएगा. इनमें अलाईनमेंट-1 में उत्तरकाशी- बड़कोट, अलाईनमेंट-2 में डोईवाला-मनेरी, अलाईनमेंट-3 में कर्णप्रयाग-सोनप्रयाग, अलाईनमेंट-4 में साईकोट-जोशीमठ रेलवे लाईन का निर्माण प्रस्तावित है.

चारधाम रेल प्रोजेक्ट में कुल 21 रेलवे स्टेशन व 61 टनल बनाई जाएंगी. इस प्रोजेक्ट की जियो मैपिंग, हाईड्रोलॉजीकल स्टडी, ड्रॉन सर्वे व एनवायरमेंटल डेस्कटॉप स्टडी की जा चुकी है. इसका फाईनल लोकेशन सर्वे जनवरी 2020 तक पूरा किए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.

Intro:summary- ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल लाइन प्रोजेक्ट को लेकर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बुधवार को अधिकारियों की समीक्षा बैठक ली... इस दौरान रेल लाइन प्रोजेक्ट से जुड़े जिलों के जिलाधिकारियों को रेलवे अधिकारियों से समन्वय बनाने और प्रोजेक्ट को तेजी से पूरा करने को लेकर अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए गए....


Body:उत्तराखंड के बेहद महत्वपूर्ण रेलवे प्रोजेक्ट ऋषिकेश-करणप्रयाग को लेकर देहरादून में समीक्षा बैठक आहूत की गई... इस दौरान जहां रेल विकास निगम लिमिटेड के अधिकारियों ने और योजना की मौजूदा प्रगति रिपोर्ट को मुख्यमंत्री के सामने रखा तो सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी प्रदेश के अधिकारियों को रेलवे अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित करते हुए कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए... मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने जिलाधिकारी पौड़ी, चमोली, टिहरी व रूद्रप्रयाग को निर्देश दिये हैं कि रेलवे के साथ समन्वय बनाकर हर प्रकार की प्रशासनिक सहायता उपलब्ध करायी जाए। उन्होंने ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन से सम्बन्धित भूमि व मकान क्षतिपूर्ति व अन्य मामलों का निपटान के काम को भी प्राथमिकता के आधार पर जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिये। परियोजना से सम्बन्धित प्रत्येक जिले में सिंगल विंडो क्लीयरेंस सिस्टम स्थापित करने के भी निर्देश दिये गए। उन्होंने मलबा निस्तारण के लिए चिन्हित डम्पिंग जोन आदि से सम्बन्धित स्वीकृतियां भी शीघ्र जारी किये जाने के निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री ने लोनिवि को ब्यासी-नरकोटा रोड पुल निर्माण कार्य में तेजी लाते हुए समयबद्धता के साथ पूरा करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि इससे रेलवे को भारी मशीनों के आवागमन हेतु काफी सहायता मिलेगी। उन्होंने विद्युत विभाग को रेलवे द्वारा वांछित स्थानों पर विद्युत कनेक्शन शीघ्र उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिये। उन्होंने रेलवे को रेलवे मार्ग के सभी स्टेशनों की भव्यता का ध्यान रखने के भी निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि रेलवे स्टेशनों के निर्माण में पर्वतीय शैली की स्थापत्यकला का प्रयोग किया जाए। आपको बता दें कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन परियोजना की फाईनल लोकेशन सर्वे पूर्ण किया जा चुका है। प्रोजेक्ट के लिए भूमि अधिग्रहण का कार्य पूरा किया जा चुका है। साथ ही आवश्यक फोरेस्ट क्लीयरेंस प्राप्त की जा चुकी हैं। भूमि अधिग्रहण के मुआवजे का वितरण कार्य जारी है। इसके लिए निर्गत 804.28 करोड़ रूपये के सापेक्ष 623.92 करोड़ रूपये वितरित किये जा चुके हैं। पूरे प्रोजेक्ट के लिए जिओ-टेक्नीकल इनवेस्टीगेशन पूर्ण हो चुकी है। रेल परियोजना के प्रथम 6 किलोमीटर भाग में चंद्रभागा नदी पर एक आर.ओ.बी. व ऋषिकेश में एक आर.ओ.बी. व एक आर.यू.बी. का कार्य फरवरी 2017 में अवार्ड किया जा चुका है। कार्य प्रगति पर है जो कि फरवरी 2020 तक पूर्ण कर लिया जाएगा।
परियोजना के तहत 16 टनल के कार्य को 9 पैकेज में बांटा गया है। इन सभी पैकेज के लिए डीडी एंड पीएमसी कॉन्ट्रेक्ट अवार्ड किये जा चुके हैं। इनके डिजाइन का कार्य प्रगति पर है।
वीरभद्र-न्यू ऋषिकेश ब्लॉक सेक्शन का काम 2019-20, न्यू ऋषिकेश-देवप्रयाग ब्लॉक सेक्शन का कार्य 2023-24 और देवप्रयाग-कर्णप्रयाग ब्लॉक सेक्शन का कार्य 2024-25 तक पूर्ण किये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। 

उत्तराखण्ड के चारधाम यमुनोत्री, गंगोत्री, श्री केदारनाथ व श्री बद्रीनाथ को रेलवे सेवा से जोड़ने के लिए लगभग 327 किलोमीटर की कुल लम्बाई की 4 रेलवे लाईन अलाईनमेंट पर कार्य किया जाएगा। इनमें अलाईनमेंट-1 में उत्तरकाशी- बड़कोट, अलाईनमेंट-2 में डोईवाला-मनेरी, अलाईनमेंट-3 में कर्णप्रयाग-सोनप्रयाग व अलाईनमेंट-4 में साईकोट-जोशीमठ रेलवे लाईन का निर्माण प्रस्तावित है। इस रेल प्रोजेक्ट में कुल 21 रेलवे स्टेशन व 61 टनल बनायी जाएंगी। बताया गया कि चारधाम रेल प्रोजेक्ट का जियो मैपिंग, हाईड्रोलॉजीकल स्टडी, ड्रॉन सर्वे व एनवायरमेंटल डेस्कटॉप स्टडी की जा चुकी है। इसका फाईनल लोकेशन सर्वे जनवरी 2020 तक पूरा किए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।


Conclusion:
Last Updated : Oct 10, 2019, 7:16 AM IST
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