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कैमिकल EMERGENCY जैसी स्थिति से निपटने को उत्तराखंड तैयार, CM ने किया मॉक ड्रिल का निरीक्षण

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Published : Feb 12, 2020, 7:19 PM IST

Updated : Feb 12, 2020, 7:54 PM IST

आपदा केंद्र का निरीक्षण करते हुए सीएम ने कहा कि रासायनिक आपदा जैसी परिस्थितियों से निपटने के लिए इस प्रकार के मॉक ड्रिल आवश्यक हैं.

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CM ने किया आपदा केंद्र का निरीक्षण

देहरादून: रासायनिक आपदा के हालातों से निपटने के लिए राज्य स्तरीय मॉक ड्रिल का आयोजन हुए, जिसे सचिवालय स्थित आपदा केंद्र से को-आर्डिनेट किया गया. बुधवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मॉक ड्रिल को लेकर आपदा केंद्र का निरीक्षण किया.

सचिवालय स्थित राज्य आपदा परिचालन केन्द्र पहुंचे मुख्यमंत्री ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि आपदा जैसी परिस्थितियों से निपटने के लिए इस प्रकार के मॉक ड्रिल आवश्यक हैं. उन्होंने कहा कि समय-समय पर इस प्रकार के अभ्यास से कार्यक्षमता में भी सुधार होते हैं. इससे आपदा जैसी परिस्थितियों में कुशलता से राहत पहुंचायी जा सकती है.

रासायनिक आपदा को लेकर मॉक ड्रिल.

पढ़ें- कैबिनेट फैसला: 5वीं-8वीं क्लास के फेल छात्रों को अब नहीं मिलेगा मौका, HMT फैक्ट्री की जमीन खरीदेगी सरकार

बता दें कि रासायनिक आपदा जैसे हालातों के लिए विभिन्न जिलों में भूकंप आने पर रासायनिक गैस के रिसाव की स्थिति में आपदा प्रबंधन की कसरत की जा रही है. मॉक ड्रिल में तमाम विभागों समेत करीब 40 उद्योगों को भी शामिल किया गया है.

पढ़ें- झटका: 144 रुपये बढ़ गए रसोई गैस सिलेंडर के दाम

उत्तराखंड भूकंप के लिहाज से जोन पांच में आता है, यानी बड़े भूकंप की संभावना उत्तराखंड में हमेशा ही बनी रहती है. इसी बात को ध्यान में रखते हुए भूकंप आने पर विभिन्न उद्योगों में गैस के रिसाव के हालातों पर कैसे काबू पाया जाए और लोगों को कैसे त्वरित राहत दी जाए, इसे लेकर मॉक ड्रिल की गई. मॉक ड्रिल में राज्य आपदा प्रबंधन के साथ राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की टीम भी मौजूद रही.

देहरादून: रासायनिक आपदा के हालातों से निपटने के लिए राज्य स्तरीय मॉक ड्रिल का आयोजन हुए, जिसे सचिवालय स्थित आपदा केंद्र से को-आर्डिनेट किया गया. बुधवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मॉक ड्रिल को लेकर आपदा केंद्र का निरीक्षण किया.

सचिवालय स्थित राज्य आपदा परिचालन केन्द्र पहुंचे मुख्यमंत्री ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि आपदा जैसी परिस्थितियों से निपटने के लिए इस प्रकार के मॉक ड्रिल आवश्यक हैं. उन्होंने कहा कि समय-समय पर इस प्रकार के अभ्यास से कार्यक्षमता में भी सुधार होते हैं. इससे आपदा जैसी परिस्थितियों में कुशलता से राहत पहुंचायी जा सकती है.

रासायनिक आपदा को लेकर मॉक ड्रिल.

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बता दें कि रासायनिक आपदा जैसे हालातों के लिए विभिन्न जिलों में भूकंप आने पर रासायनिक गैस के रिसाव की स्थिति में आपदा प्रबंधन की कसरत की जा रही है. मॉक ड्रिल में तमाम विभागों समेत करीब 40 उद्योगों को भी शामिल किया गया है.

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उत्तराखंड भूकंप के लिहाज से जोन पांच में आता है, यानी बड़े भूकंप की संभावना उत्तराखंड में हमेशा ही बनी रहती है. इसी बात को ध्यान में रखते हुए भूकंप आने पर विभिन्न उद्योगों में गैस के रिसाव के हालातों पर कैसे काबू पाया जाए और लोगों को कैसे त्वरित राहत दी जाए, इसे लेकर मॉक ड्रिल की गई. मॉक ड्रिल में राज्य आपदा प्रबंधन के साथ राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की टीम भी मौजूद रही.

Last Updated : Feb 12, 2020, 7:54 PM IST
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