देहरादून: बीते रोज राजधानी देहरादून के रांझावाला क्षेत्र में ईंटों के बीच एक नवजात के मिलने की घटना सामने थी. सूचना मिलने के बाद तुरंत मौके पर पहुंची पुलिस ने बच्ची को महिला अस्पताल में भर्ती कराया. जिसके बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए मंगलवार को बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष उषा नेगी दून महिला अस्पताल पहुंची. जहां उन्होंने चिकित्सकों से नवजात का हालचाल जाना. इसके साथ ही उन्होंने चिकित्सकों को नवजात के समुचित इलाज के निर्देश दिये.
बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष उषा नेगी ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया. उन्होंने कहा इस तरह का अमानवीय व्यवहार जघन्य अपराध की श्रेणी में आता है. अस्पताल पहुंची उषा नेगी को डॉक्टरों ने बताया कि नवजात की हालत बेहद नाजुक बनी हुई है. उसके अंगों को चूहों ने कुतरा है. जिस जगह पर बच्ची को फेंका गया था वहां उसे काफी यातना झेलनी पड़ी है.
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डॉक्टरों से नवजात का हाल लेने के बाद उषा नेगी ने कहा कि बच्ची के ठीक होने के बाद उसे बालिका निकेतन में शिफ्ट करा दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि जो लोग सिविल सोसाइटी में रहकर ऐसा काम कर रहे हैं उन पर लगातार नजर बनाए रखनी चाहिए ताकि इस तरह की घटनाएं न हों. उषा नेगी ने कहा कि ऐसे लोगों को चाहिए कि बच्चे को छोड़ने की बजाय उन्हें सुरक्षित हाथों में पहुंचाया जाए. उन्होंने कहा कि बालिका निकेतन में एक पालना रखा हुआ है. वहां कई लोग नवजात शिशु छोड़ कर चले जाते हैं. इससे कम से कम वो बच्चे सुरक्षित तो हैं.
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उन्होंने बताया कि बाल संरक्षण आयोग जल्द ही चाइल्ड हेल्पलाइन को एक एडवाइजरी जारी करने जा रहा है. जिसमें ऐसे स्थानों को चिन्हित किया जाएगा जहां पालनाघर बनाया जा सके. ताकि जिन माता-पिता को बच्चों की जरूरत न हो वो बच्चों को यहां सुरक्षित छोड़कर जा सकें.
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बता दें कि रायपुर क्षेत्र के रांझावाला में सोमवार को ईटों के बीच एक नवजात बच्ची पड़ी हुई मिली थी. नवजात के रोने की आवाज सुनकर वहां से गुजर रहे राहगीरों ने पुलिस को सूचना दी. जिसके बाद पुलिस ने नवजात बच्ची को दून महिला अस्पताल में भर्ती करवाया. दून मेडिकल कॉलेज के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. केके टम्टा के मुताबिक बच्ची की हालत में सुधार हो रहा है. मगर उसके हाथ और पांव की कुछ अंगुलियां काली पड़ी हुई हैं.