देहरादून: उत्तराखंड की सभी 11 जेलों की 24 घंटे निगरानी करने के लिए सीसीटीवी कैमरों के लगाए जाने की 50 फीसदी कवायद पूरी की जा चुकी है. अब तक जेल प्रशासन द्वारा 300 सीसीटीवी कैमरा लगाए जा चुके हैं, जबकि लगभग 300 और सीसीटीवी कैमरों को भी इसी वित्तीय वर्ष में लगाए जाने का टारगेट रखा गया है.
वहीं, जेल में पेशेवर कुख्यात अपराधियों के साथ-साथ अन्य तरह के कैदियों की बारीक गतिविधि पर नजर रखने के लिए बंदी रक्षक व अन्य कर्मचारियों को Body on Camera से लैस करने का लक्ष्य राज्य की सभी जेलों में पूरा हो चुका है. बॉडी ऑन कैमरा लगने से कैदियों की हर संदिग्ध गतिविधि पर नजर बनाए रखने में जेल प्रशासन को बड़ी मदद मिलेगी.
वहीं, इस संबंध में जानकारों का मानना है कि यह बात अच्छी है कि जेलों में बंद कुख्यात अपराधियों की अपराधिक गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक संसाधन बढ़ाए गए हैं. इससे भी महत्वपूर्ण यह है कि इनकी मॉनिटरिंग और उस पर किसकी जिम्मेदारी तय होगी, यह बेहद जरूरी है. वरना इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस बढ़ाने का उद्देश्य उतना कारगर नहीं हो पाएगा, जितना इसे वर्तमान में समझा जा रहा है.
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इस संबंध में जेल आईजी एपी अंशुमान ने बताया कि सभी जिलों में 300 हाईटेक सीसीटीवी कैमरा 24 घंटे की निगरानी के लिए लगा दिए गए हैं. इसके अतिरिक्त 300 और सीसीटीवी कैमरे इसी वित्तीय वर्ष में लगाने की का प्रयास जारी है. वहीं, दूसरी तरफ राज्य की सभी जेलों में अतिरिक्त नजर बनाये रखने के तहत कारागार बंदी रक्षक व अन्य कर्मचारियों को Body on Camera से लैस करने का कार्य पूरा कर दिया गया है.
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बता दें, हरिद्वार जिले के रुड़की कारागार के अलावा टिहरी, उधमसिंह नगर और देहरादून जैसी जेलों से कुख्यात सजायाफ्ता कैदियों द्वारा जेल परिसर से ही इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स की मदद से अपराध का नेटवर्क चलाने की बात समय-समय पर सामने आयी है. ऐसे में जेल प्रशासन पर कई बार गंभीर सवाल खड़े किए गए हैं.