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पार्टी से इस्तीफा देने के बाद बोले भगत दा, कहा- भाजपा परिवार बहुत बड़ा, नहीं पड़ेगा कोई फर्क

उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी ने भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. भगत सिंह कोश्यारी को महाराष्ट्र का राज्यपाल नियुक्त किया गया है.

भगत दा ने भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से दिया इस्तीफा
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Published : Sep 3, 2019, 8:19 PM IST

देहरादून: महाराष्ट्र का राज्यपाल नियुक्त होने के बाद पूर्व सीएम भगत सिंह कोश्यारी ने भाजपा से त्याग पत्र दे दिया है. जिसके बाद अब वे राजनीतिक गतिविधियों से दूर रहेंगे. त्याग पत्र देने के बाद भगत दा ने कहा कि जब वो नहीं थे तब भी पार्टी चलती थी और अब भी चलती रहेगी. उन्होंने कहा कि उनके जाने से पार्टी को कोई फर्क नहीं पडे़गा. वहीं पार्टी में भगत दा के करीबियों का कहना है कि उनके आदर्श हमेशा उनके साथ रहेंगे.

भाजपा से त्यागपत्र देने के बाद उत्तराखंड के दिग्गज भाजपा नेता भगत सिंह कोश्यारी अब सियासी दुनिया से दूरी ही बना कर रखेंगे. भगत दा के जाने से उत्तराखंड भाजपा को एक फायर ब्रांड नेता की कमी हमेशा ही खलेगी. भगत दा का विरोधियों पर हमलावर होने का अंदाज हो या फिर राजनीतिक चतुरता, ये वे सभी गुर हैं जिन्हें उनके जाने के बाद याद किया जाएगा. भगत दा को महाराष्ट्र का राज्यपाल बनाये जाने के बाद जहां उनके करीबियों में खुशी का माहौल है तो वहीं दूसरी ओर वे भगत दा के दूर होने से भावुक भी नजर आते हैं.

भगत दा ने भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से दिया इस्तीफा

पढ़ें-सौतेली मां ने पार की हैवानियत की हद, मासूम के गुप्तांग को किया चोटिल

आज भी उनके करीबियों को वो सारे वाक्ये याद हैं जो जनता के प्रति उनके अहसास को ताजा करते हैं. कोश्यारी के करीबी भाजपा नेता पुष्कर सिंह काला बताते हैं कि कोश्यारी का व्यक्तित्व उनकी बातें, विचार लोगों पर अपना गहरा असर छोड़ती हैं. पुष्कर काला ने ईटीवी भारत से एक जनसभा का वाक्या साझा करते हुए कहा कि हाल ही में लोकसभा चुनाव में जब भगत दा कपकोट विधानसभा के एक दुरस्त गांव में गए थे तो वहां उन्होंने जनता को अपने भाषण से इतना मंत्र मुग्ध कर दिया था कि पूरे गांव ने ही भाजपा की सदस्यता ले ली थी.

पढ़ें-छात्रवृत्ति घोटाला: अनुराग शंखधर को हाई कोर्ट से मिली जमानत, ये है पूरा मामला

वहीं पूर्व सीएम और वर्तमान में महाराष्ट के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने कहा कि राजनीति में किसी के आने जाने से कोई फर्क नहीं पड़ता है. उन्होंने कहा कि उनके पार्टी में आने से पहले भी पार्टी थी और जाने के बाद भी पार्टी रहेगी. हां इतना जरूर है कि अब उनका जनता से मिलने का दायरा और तरीका बदल जाएगा. भगत दा ने कहा कि भाजपा संगठन इतना बड़ा है कि यहां किसी के आने जाने से कोई फर्क नहीं पड़ता. भगत दा ने कहा जिस भी नेता के जहन में ये बात आ जाती है वो उसके लिए घातक साबित होती है.

देहरादून: महाराष्ट्र का राज्यपाल नियुक्त होने के बाद पूर्व सीएम भगत सिंह कोश्यारी ने भाजपा से त्याग पत्र दे दिया है. जिसके बाद अब वे राजनीतिक गतिविधियों से दूर रहेंगे. त्याग पत्र देने के बाद भगत दा ने कहा कि जब वो नहीं थे तब भी पार्टी चलती थी और अब भी चलती रहेगी. उन्होंने कहा कि उनके जाने से पार्टी को कोई फर्क नहीं पडे़गा. वहीं पार्टी में भगत दा के करीबियों का कहना है कि उनके आदर्श हमेशा उनके साथ रहेंगे.

भाजपा से त्यागपत्र देने के बाद उत्तराखंड के दिग्गज भाजपा नेता भगत सिंह कोश्यारी अब सियासी दुनिया से दूरी ही बना कर रखेंगे. भगत दा के जाने से उत्तराखंड भाजपा को एक फायर ब्रांड नेता की कमी हमेशा ही खलेगी. भगत दा का विरोधियों पर हमलावर होने का अंदाज हो या फिर राजनीतिक चतुरता, ये वे सभी गुर हैं जिन्हें उनके जाने के बाद याद किया जाएगा. भगत दा को महाराष्ट्र का राज्यपाल बनाये जाने के बाद जहां उनके करीबियों में खुशी का माहौल है तो वहीं दूसरी ओर वे भगत दा के दूर होने से भावुक भी नजर आते हैं.

भगत दा ने भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से दिया इस्तीफा

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आज भी उनके करीबियों को वो सारे वाक्ये याद हैं जो जनता के प्रति उनके अहसास को ताजा करते हैं. कोश्यारी के करीबी भाजपा नेता पुष्कर सिंह काला बताते हैं कि कोश्यारी का व्यक्तित्व उनकी बातें, विचार लोगों पर अपना गहरा असर छोड़ती हैं. पुष्कर काला ने ईटीवी भारत से एक जनसभा का वाक्या साझा करते हुए कहा कि हाल ही में लोकसभा चुनाव में जब भगत दा कपकोट विधानसभा के एक दुरस्त गांव में गए थे तो वहां उन्होंने जनता को अपने भाषण से इतना मंत्र मुग्ध कर दिया था कि पूरे गांव ने ही भाजपा की सदस्यता ले ली थी.

पढ़ें-छात्रवृत्ति घोटाला: अनुराग शंखधर को हाई कोर्ट से मिली जमानत, ये है पूरा मामला

वहीं पूर्व सीएम और वर्तमान में महाराष्ट के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने कहा कि राजनीति में किसी के आने जाने से कोई फर्क नहीं पड़ता है. उन्होंने कहा कि उनके पार्टी में आने से पहले भी पार्टी थी और जाने के बाद भी पार्टी रहेगी. हां इतना जरूर है कि अब उनका जनता से मिलने का दायरा और तरीका बदल जाएगा. भगत दा ने कहा कि भाजपा संगठन इतना बड़ा है कि यहां किसी के आने जाने से कोई फर्क नहीं पड़ता. भगत दा ने कहा जिस भी नेता के जहन में ये बात आ जाती है वो उसके लिए घातक साबित होती है.

Intro:
एंकर- महाराष्ट के राज्यपाल बनाये जाने के बाद पूर्व सीएम भगतसिंह कोश्यारी ने भाजपा से त्याग पत्र दे दिया है जिसके बाद अब वो राजनीतिक गतिविधियों से दूर रहेंगे। त्याग पत्र देने के बाद भगत दा ने कहा कि वो नही थे तब भी पार्टी चलती थी और थे भी तो पार्टी चलती है। उन्होंने कहा कि पार्टी में उनके जाने से कोई फर्क नही पड़ेगा हालांकि उनके करीबियों का कहना है कि भगत दा के आदर्श सदैव उनके साथ रहेंगे।


Body:वीओ- राजनीति से त्यागपत्र देने के बाद उत्तराखंड के दिग्गज भाजपा नेता भगतसिंह कोश्यारी अब सियासी चहलकदमी से दूरी ही बना कर रखेंगे लेकिन उनकी पार्टी में जो भूमिका थी वो हमेशा एक फायर ब्रांड प्रचारक और लोगों को लुभाने वाली रही। उनका असर जनता पर इतना था कि आज भी उनके करीबियों को वो सारे वाकिये याद है जो जनता के प्रति उनके अहसास को आज भी ताजा करते हैं। कोश्यारी के करीबी भाजपा नेता पुष्कर सिंह काला बताते हैं कि कोश्यारी का व्यक्तिव, उनकी बाते, उनके विचार लोगों पर अपना गहरा असर छोड़ती है। पुष्कर काला ने ईटीवी भारत से एक जनसभा का वाकिया साझा करते हुए कहा कि हाल ही में लोकसभा चुनाव में जब भगत दा कपकोट विधानसभा के एक दुरस्त गांव में गए थे तो वंहा उन्हीने जनता को अपने भाषण से इतना मंत्र मुग्ध कर दिया था कि पूरे गांव में भाजपा की सदस्यता ले ली।

बाइट- पुष्कर काला, भाजपा नेता

तो वहीं पूर्व सीएम और वर्तमान में महाराष्ट के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने कहा कि किसी के राजनीत में आने जाने से कोई फर्क नही पड़ता है। उन्होंने कहा कि उनके पार्टी में आने से पहले भी पार्टी थी और जाने के बाद भी पार्टी रहेगी इतना जरूर है कि अब उनका जनता से मिलने का जो दायर और तरीका बदल जेएगा लेकिन भाजपा इतना बड़ा संगठन है कि किसी के आने जाने से यंहा कोई फर्क नही पड़ता साथ ही उन्होंने एक बात और भी कही की जिसके जहन में यह आ जाता है कि वो पार्टी के लिए जरूरी है तो वह खुद के लिए घातक है।

बाइट- भगत सिंह कोश्यारी, पूर्व सीएम उत्तराखंड




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