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72वें सेना दिवस पर मरणोपरांत सेना मेडल से नवाजे गए मेजर चित्रेश बिष्ट

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Published : Jan 15, 2020, 7:32 PM IST

पिछले साल पुलवामा अटैक के ठीक 2 दिन बाद 16 फरवरी को बॉर्डर पर आईईडी बम डिफ्यूज करने के दौरान मेजर चित्रेश बिष्ट शाहिद हो गए थे. जिसके बाद देश के साथ ही पूरे उत्तराखंड में शोक की लहर दौड़ गई थी.

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मेजर चित्रेश बिष्ट को मरणोपरांत दिया गया सेना मेडल

देहरादून: बुधवार को 72वें सेना दिवस के मौके पर उत्तराखंड के लाल मेजर चित्रेश बिष्ट को मरणोपरांत सेना मेडल से सम्मानित किया गया. चित्रेश बिष्ट को उनकी बहादुरी के लिए इस सम्मान से नवाजा गया. उनके पिता सुरेंद्र सिंह बिष्ट ने सेना प्रमुख से इस सम्मान को ग्रहण किया.

देश की आन-बान और शान भारतीय सेना आज अपना 72वां दिवस मनाया. इस दौरान सेना दिवस पर दिल्ली मुख्यालय के करियप्पा परेड ग्राउंड में देश के सैनिकों को उनके शौर्य और पराक्रम के लिए सम्मानित किया गया. इस दौरान देश के लिए जान देने वाले शहीदों को याद करते हुए उन्हें सम्मानित किया गया. जिसमें उत्तराखंड के लाल मेजर चित्रेश बिष्ट को भी मरणोपरांत सेना मेडल से सम्मानित किया गया. सेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे ने मेजर चित्रेश बिष्ट के पिता सेवानिवृत पुलिस अधिकारी सुरेंद्र सिंह बिष्ट को सेना मेडल दिया गया.

पढ़ें-CM त्रिवेंद्र ने अधिकारियों की ली बैठक, स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट निर्माणकार्य में तेजी लाने के दिए निर्देश

बता दें पिछले साल पुलवामा अटैक के ठीक 2 दिन बाद 16 फरवरी को बॉर्डर पर आईईडी बम डिफ्यूज करने के दौरान मेजर चित्रेश बिष्ट शाहिद हो गए थे. जिसके बाद देश के साथ ही पूरे उत्तराखंड में शोक की लहर दौड़ गई थी.अल्मोड़ा के पिपली गांव के रहने वाले मेजर चित्रेश बिष्ट का परिवार पिछले कई वर्षों से देहरादून की ओल्ड नेहरू कॉलोनी में रहा रहा है. चित्रेश के पिता सुरेंद्र सिंह बिष्ट उत्तराखंड पुलिस से इंस्पेक्टर पद से रिटायर हैं.

इन्हें मिला सम्मान

  • लेफ्टिनेंट जनरल रवींद्र कुमार को सियाचिन ग्लेशियर में फंसे अडंवास लाइट हेलीकॉप्टर की मदद से सफलतापूर्वक रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए वीरता मेडल दिया गया.
  • मेजर हरप्रीत सिंह, 22 राष्ट्रीय राइफल्स (पंजाब रेजिमेंट) सितंबर 2018 को जम्मू-कश्मीर में सर्च में वीरतापूर्ण काम के लिए सेना मेडल (वीरता) दिया गया.
  • मेजर विकास सेहरावत, 14 राष्ट्रीय राइफल्स (आर्मोर्ड कॉर्प्स) ने 14 जून 2018 को जम्मू-कश्मीर में सर्च में अदम्य साहस और वीरता का परिचय देने के लिए वीरता पदक से सम्मानित किया गया.
  • कैप्टन प्रतीक रंजनगांवकर, 42 राष्ट्रीय राइफल्स (असम रेजिमेंट जम्मू-कश्मीर में ऑपरेशन के दौरान आतंकियों का करीबी रेंज से ढेर करने और नेतृत्व क्षमता के लिए सेना मेडल (वीरता) दिया गया
  • नायक सुरेश सिंह को सेना मेडल से सम्मानित किया गया. वह राजपूत रेजिमेंट 44 राष्ट्रीय राइफल्स के सदस्य हैंय
  • कैप्टन आशीष गेडिओन पौडेल, 3 पैराशूट (स्पेशल फोर्सेस) ने 18 अक्टूबर 2018 को नियंत्रण रेखा पर अंधाधुध फायरिंग के बावजूद अपनी जान की परवाह न करते हुए एक आतंकी को मार गिराया. जिसके लिए उन्हें वीरता पदक से सम्मानित किया गया.
  • हवलदार शिवराम, 55 राष्ट्रीय राइफल्स (ग्रेनेडियर्स) को भी मरणोपरांत वीरता पदक से सम्मानित किया गया. हवलदार की वीर पत्नी सुनीता देवी ने सम्मान ग्रहण किया.
  • सिपाही रमन कुमार, 62 राष्ट्रीय राइफल्स (डोगरा रेजिमेंट) को भी निस्वार्थ सेवा और साहस के लिए मरणोपरांत वीरता पदक मिला. मां कमलेश देवी ने सम्मान प्राप्त किया.

देहरादून: बुधवार को 72वें सेना दिवस के मौके पर उत्तराखंड के लाल मेजर चित्रेश बिष्ट को मरणोपरांत सेना मेडल से सम्मानित किया गया. चित्रेश बिष्ट को उनकी बहादुरी के लिए इस सम्मान से नवाजा गया. उनके पिता सुरेंद्र सिंह बिष्ट ने सेना प्रमुख से इस सम्मान को ग्रहण किया.

देश की आन-बान और शान भारतीय सेना आज अपना 72वां दिवस मनाया. इस दौरान सेना दिवस पर दिल्ली मुख्यालय के करियप्पा परेड ग्राउंड में देश के सैनिकों को उनके शौर्य और पराक्रम के लिए सम्मानित किया गया. इस दौरान देश के लिए जान देने वाले शहीदों को याद करते हुए उन्हें सम्मानित किया गया. जिसमें उत्तराखंड के लाल मेजर चित्रेश बिष्ट को भी मरणोपरांत सेना मेडल से सम्मानित किया गया. सेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे ने मेजर चित्रेश बिष्ट के पिता सेवानिवृत पुलिस अधिकारी सुरेंद्र सिंह बिष्ट को सेना मेडल दिया गया.

पढ़ें-CM त्रिवेंद्र ने अधिकारियों की ली बैठक, स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट निर्माणकार्य में तेजी लाने के दिए निर्देश

बता दें पिछले साल पुलवामा अटैक के ठीक 2 दिन बाद 16 फरवरी को बॉर्डर पर आईईडी बम डिफ्यूज करने के दौरान मेजर चित्रेश बिष्ट शाहिद हो गए थे. जिसके बाद देश के साथ ही पूरे उत्तराखंड में शोक की लहर दौड़ गई थी.अल्मोड़ा के पिपली गांव के रहने वाले मेजर चित्रेश बिष्ट का परिवार पिछले कई वर्षों से देहरादून की ओल्ड नेहरू कॉलोनी में रहा रहा है. चित्रेश के पिता सुरेंद्र सिंह बिष्ट उत्तराखंड पुलिस से इंस्पेक्टर पद से रिटायर हैं.

इन्हें मिला सम्मान

  • लेफ्टिनेंट जनरल रवींद्र कुमार को सियाचिन ग्लेशियर में फंसे अडंवास लाइट हेलीकॉप्टर की मदद से सफलतापूर्वक रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए वीरता मेडल दिया गया.
  • मेजर हरप्रीत सिंह, 22 राष्ट्रीय राइफल्स (पंजाब रेजिमेंट) सितंबर 2018 को जम्मू-कश्मीर में सर्च में वीरतापूर्ण काम के लिए सेना मेडल (वीरता) दिया गया.
  • मेजर विकास सेहरावत, 14 राष्ट्रीय राइफल्स (आर्मोर्ड कॉर्प्स) ने 14 जून 2018 को जम्मू-कश्मीर में सर्च में अदम्य साहस और वीरता का परिचय देने के लिए वीरता पदक से सम्मानित किया गया.
  • कैप्टन प्रतीक रंजनगांवकर, 42 राष्ट्रीय राइफल्स (असम रेजिमेंट जम्मू-कश्मीर में ऑपरेशन के दौरान आतंकियों का करीबी रेंज से ढेर करने और नेतृत्व क्षमता के लिए सेना मेडल (वीरता) दिया गया
  • नायक सुरेश सिंह को सेना मेडल से सम्मानित किया गया. वह राजपूत रेजिमेंट 44 राष्ट्रीय राइफल्स के सदस्य हैंय
  • कैप्टन आशीष गेडिओन पौडेल, 3 पैराशूट (स्पेशल फोर्सेस) ने 18 अक्टूबर 2018 को नियंत्रण रेखा पर अंधाधुध फायरिंग के बावजूद अपनी जान की परवाह न करते हुए एक आतंकी को मार गिराया. जिसके लिए उन्हें वीरता पदक से सम्मानित किया गया.
  • हवलदार शिवराम, 55 राष्ट्रीय राइफल्स (ग्रेनेडियर्स) को भी मरणोपरांत वीरता पदक से सम्मानित किया गया. हवलदार की वीर पत्नी सुनीता देवी ने सम्मान ग्रहण किया.
  • सिपाही रमन कुमार, 62 राष्ट्रीय राइफल्स (डोगरा रेजिमेंट) को भी निस्वार्थ सेवा और साहस के लिए मरणोपरांत वीरता पदक मिला. मां कमलेश देवी ने सम्मान प्राप्त किया.
Intro:sending the file footage from Mail .Kindly check देहरादून-आज 72वे सेना दिवस के मौके पर उत्तराखंड के लाल और देहरादून निवासी मेजर चित्रेश बिष्ट को मरणोपरांत सेना मेडल (वीरता ) से सम्मानित किया गया ।


Body:गौरतलब है कि दिल्ली के करिअप्पा मैदान में आज सेना दिवस के भव्य कार्यक्रम के दौरान सेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे के द्वारा मेजर चित्रेश बिष्ट के पिता सेवानिवृत पुलिस अधिकारी सुरेंद्र सिंह बिष्ट को सेना मेडल दिया गया । बता दें कि पिछले साल पुलवामा हादसे के ठीक 2 दिन बाद 16 फरवरी को बॉर्डर पर आईईडी बम डिफ्यूज करने के दौरान 31 वर्षीय मेजर चित्रेश बिष्ट शाहिद हो गए थे । जिसके बाद देश के साथ ही पूरे उत्तराखंड में शोक की लहर दौड़ गई थी।


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