देहरादून: उत्तराखंड के बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले में आरोपी पूर्व हरिद्वार समाज कल्याण अधिकारी अनुराग शंखधर को देहरादून के एडीजी तृतीय कोर्ट में पेश किया गया. आरोपी अनुराग शंखधर पर समाज कल्याण विभाग के अंतर्गत छात्रवृत्ति घोटाले में लगभग 22 करोड़ से सरकारी धन गबन के आरोप में 60 मुकदमे दर्ज हैं. कोर्ट से एसआईटी की अलग-अलग टीमों को अभियुक्त अनुराग शंखधर से पूछताछ के लिए कोर्ट से 14 दिन की रिमांड मिली है.
बता दें कि पिछले दिनों घोटाले के आरोपी अनुराग शंखधर दूसरी बार दिल्ली के पहाड़गंज से गिरफ्तार हुआ था और न्यायिक हिरासत में देहरादून सुद्दोवाला जेल में बंद है. गिरफ्तार होने के बाद उनकी जमानत याचिका को एडीजे तृतीय कोर्ट खारिज कर चुका है.
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वहीं, छात्रवृत्ति घोटाले मामले में सरकार की ओर से पैरवी कर रही अधिवक्ता जया ठाकुर ने बताया कि पूर्व समाज कल्याण अधिकारी अनुराग शंखधर को रिमांड पर लेने के लिए एसआईटी के अलग-अलग इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर द्वारा कोर्ट में याचिका लगाई गई थी, जिसपर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने 14 दिनों की पुलिस रिमांड पर अभियुक्त को भेजा है. रिमांड मिलने के बाद एसआईटी जांच टीम के अधिकारी करोड़ों के घोटाले में कई और चौंकाने वाले खुलासे भी कर सकती है.
छात्रों के खाते सीज: उत्तराखंड समाज कल्याण विभाग ने SIT जांच टीमों को उधमसिंह नगर जनपद के पांच ब्लॉक जसपुर, काशीपुर, बाजपुर, गदरपुर, रुद्रपुर, किच्छा, सितारगंज, नानकमत्ता और खटीमा के 35 निजी शिक्षण संस्थानों में छात्रवृत्ति के जरिये शिक्षा ग्रहण करने OBC वर्ग के 1500 से अधिक छात्रों के दस्तावेज सौंपे थे.
ऐसे में घोटाले की जांच आगे बढ़ाते हुए 1500 छात्रों के खाते सीज कर दिए गए हैं. इससे पहले भी समाज कल्याण विभाग द्वारा एसआईटी जांच टीम को घोटाले से जुड़े 10 निजी कॉलेजों के दस्तावेज उपलब्ध कराए गए थे. उन्हें भी सीज करते हुए कार्रवाई के दायरे में लाया गया है.