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10 सूत्रीय मांगों को लेकर आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों ने किया सीएम आवास कूच, पुलिस से हुई झड़प

आंगनबाड़ी कार्यकत्री संगठन की प्रदेश अध्यक्ष आशा नेगी ने कहा कि आंगनबाड़ी वर्कर्स पिछले कई महीनों से अपनी 10 सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन कर रही हैं, लेकिन सरकार उनकी मांगों को लेकर गंभीर नहीं दिखाई दे रही है.

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आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों ने किया सीएम आवास कूच
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Published : Dec 7, 2019, 9:18 PM IST

Updated : Dec 7, 2019, 11:31 PM IST

देहरादून: शनिवार को 10 सूत्रीय मांगों को लेकर आंगनबाड़ी कार्यकत्री/ सेविका/ मिनी कर्मचारी संगठन से जुड़ी सैकड़ों वर्कर्स ने परेड ग्राउंड स्थित धरना स्थल से पैदल मार्च निकालते हुए सीएम आवास कूच किया. पुलिस ने हाथीबड़कला में पहले से ही बेरिकेडिंग लगाकर आंदोलन आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को रोका. जिसके बाद पुलिस और नाराज आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के बीच जमकर धक्का-मुक्की हुई. वहीं, जिसके बाद अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रही आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां विरोध स्वरूप सड़क पर ही धरने पर बैठ गई.

आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों ने किया सीएम आवास कूच

आंगनबाड़ी कार्यकत्री संगठन की प्रदेश अध्यक्ष आशा नेगी ने कहा कि आंगनबाड़ी वर्कर्स पिछले कई महीनों से अपनी 10 सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन कर रही हैं, लेकिन सरकार उनकी मांगो को लेकर गंभीर नहीं दिखाई दे रही है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने 2276 आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को मोबाइल हैंडसेट दिए हैं जिनकी कीमत 4 से 5 हजार रुपये है. जबकि, कागजों में कार्यकत्रियों को दिये गये मोबाइल की कीमत दस हजार रुपये आंकी गई है.

पढ़ें-हैदराबाद एनकाउंटर पर बोले हरीश रावत- यही है तर्कसंगत समाधान

सभी कार्यकत्रियों से प्रमाण पत्र भरवाए जा रहे हैं कि यदि मोबाइल फोन खोता है या फिर उसमें तकनीकी खराबी आती है तो इसकी भरपाई आंगनबाड़ी वर्करों से की जाएगी. आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का कहना है कि अगर मोबाइल फोन कहीं खोता है तो उसकी रिपोर्ट थाने में दर्ज करवा दी जाएगी. इसके साथ ही इसकी जानकारी कार्यालय को दे दी जाएगी.

पढ़ें-कोटद्वार: पांचवें दिन भी मेयर का धरना जारी, पार्षदों ने की सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी

मोबाइल फोन खोने या खराब होने की जिम्मेदारी आंगनबाड़ी वर्कर्स के ऊपर डाली जा रही है जो कि गलत है. उन्होंने कहा कि सभी वर्कर्स को मोबाइल फोन के साथ काम करने में कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन सरकार को यह भी बताना चाहिए कि किन-किन विभागों को सरकार ने सेल्फी लेने के लिए मोबाइल फोन वितरित किए हैं.

आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की मुख्य मांगें

  • आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को काम के बदले उचित इनाम दिया जाए. उनका मानदेय न्यूनतम मजदूरी को देखते हुए 18000 रुपये किया जाए.
  • आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को राज्य सरकार द्वारा केंद्र सरकार के बराबर मानदेय दिया जाए.
  • आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को सीनियरिटी के अनुसार प्रतिवर्ष मानदेय बढ़ा कर दिया जाए, जिससे कि विभाग में सीनियरिटी बनी रहे.
  • आंगनबाड़ी सहायिकाओं के मानदेय में कार्यकत्री के मानदेय के 75 प्रतिशत दिया जाये.
  • आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को दिए गए फोन की शर्तों को वापस लिया जाए. अगर फोन खराब होता है या खोता है तो वर्कर्स से उसका पैसा न वसूला जाए.
  • आंगनबाड़ी कार्यकत्री को जब भी परियोजना में किसी भी कार्य के लिए बुलाया जाता है तो उन्हें यात्रा भत्ता दिया जाये.

देहरादून: शनिवार को 10 सूत्रीय मांगों को लेकर आंगनबाड़ी कार्यकत्री/ सेविका/ मिनी कर्मचारी संगठन से जुड़ी सैकड़ों वर्कर्स ने परेड ग्राउंड स्थित धरना स्थल से पैदल मार्च निकालते हुए सीएम आवास कूच किया. पुलिस ने हाथीबड़कला में पहले से ही बेरिकेडिंग लगाकर आंदोलन आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को रोका. जिसके बाद पुलिस और नाराज आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के बीच जमकर धक्का-मुक्की हुई. वहीं, जिसके बाद अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रही आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां विरोध स्वरूप सड़क पर ही धरने पर बैठ गई.

आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों ने किया सीएम आवास कूच

आंगनबाड़ी कार्यकत्री संगठन की प्रदेश अध्यक्ष आशा नेगी ने कहा कि आंगनबाड़ी वर्कर्स पिछले कई महीनों से अपनी 10 सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन कर रही हैं, लेकिन सरकार उनकी मांगो को लेकर गंभीर नहीं दिखाई दे रही है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने 2276 आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को मोबाइल हैंडसेट दिए हैं जिनकी कीमत 4 से 5 हजार रुपये है. जबकि, कागजों में कार्यकत्रियों को दिये गये मोबाइल की कीमत दस हजार रुपये आंकी गई है.

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सभी कार्यकत्रियों से प्रमाण पत्र भरवाए जा रहे हैं कि यदि मोबाइल फोन खोता है या फिर उसमें तकनीकी खराबी आती है तो इसकी भरपाई आंगनबाड़ी वर्करों से की जाएगी. आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का कहना है कि अगर मोबाइल फोन कहीं खोता है तो उसकी रिपोर्ट थाने में दर्ज करवा दी जाएगी. इसके साथ ही इसकी जानकारी कार्यालय को दे दी जाएगी.

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मोबाइल फोन खोने या खराब होने की जिम्मेदारी आंगनबाड़ी वर्कर्स के ऊपर डाली जा रही है जो कि गलत है. उन्होंने कहा कि सभी वर्कर्स को मोबाइल फोन के साथ काम करने में कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन सरकार को यह भी बताना चाहिए कि किन-किन विभागों को सरकार ने सेल्फी लेने के लिए मोबाइल फोन वितरित किए हैं.

आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की मुख्य मांगें

  • आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को काम के बदले उचित इनाम दिया जाए. उनका मानदेय न्यूनतम मजदूरी को देखते हुए 18000 रुपये किया जाए.
  • आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को राज्य सरकार द्वारा केंद्र सरकार के बराबर मानदेय दिया जाए.
  • आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को सीनियरिटी के अनुसार प्रतिवर्ष मानदेय बढ़ा कर दिया जाए, जिससे कि विभाग में सीनियरिटी बनी रहे.
  • आंगनबाड़ी सहायिकाओं के मानदेय में कार्यकत्री के मानदेय के 75 प्रतिशत दिया जाये.
  • आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को दिए गए फोन की शर्तों को वापस लिया जाए. अगर फोन खराब होता है या खोता है तो वर्कर्स से उसका पैसा न वसूला जाए.
  • आंगनबाड़ी कार्यकत्री को जब भी परियोजना में किसी भी कार्य के लिए बुलाया जाता है तो उन्हें यात्रा भत्ता दिया जाये.
Intro:अपनी 10 सूत्रीय मांगों को लेकर आंगनबाड़ी कार्यकत्री/ सेविका/ मिनी कर्मचारी संगठन से जुड़ी सैकड़ों आंगनबाड़ी वर्करों ने परेड़ ग्राउंड स्थित धरना स्थल से पैदल मार्च निकालते हुए सीएम आवास कूच किया। इस दौरान न्यू कैंट रोड स्थित हाथीबड़कला में पहले से ही मौजूद भारी पुलिस पुलिस बल ने सड़क पर बेरिकेडिंग लगाकर आंदोलन आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को वहीं रोक दिया, रोके जाने से नाराज आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों और पुलिस के बीच जमकर धक्का-मुक्की हुई, अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रही आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां विरोधस्वरूप सड़क पर ही धरने पर बैठ गई।


Body: आंगनबाड़ी कार्यकत्री संगठन की प्रदेश अध्यक्ष आशा नेगी ने कहा कि आंगनवाड़ी वर्कर्स विगत कई महीनों से अपनी 10 सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन कर रही है, लेकिन सरकार उनकी मांगो को लेकर गंभीर नहीं दिखाई दे रही हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने सभी 2276आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को मोबाइल हैंडसेट दिए हैं जो 4 से 5 हज़ार रुपये की कीमत के हैं, जबकि उस मोबाइल की कीमत दस हजार रुपये आंकी गई है। सभी कार्यकत्रियों से प्रमाण पत्र भरवाए जा रहे हैं कि यदि मोबाइल फोन होता है या फिर उसमें तकनीकी खराबी आती है तो इसकी भरपाई आंगनबाड़ी वर्करों से की जाएगी। लेकिन आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों का कहना है कि अगर मोबाइल फोन कहीं खोता है तो उसकी रिपोर्ट थाने में दर्ज करवा दी जाएगी और उसकी जानकारी कार्यालय को दे दी जाएगी, और अगर मोबाइल फोन में तकनीकी खराबी आती है तो उसे आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों कार्यालय में जमा करवा देंगी। मोबाइल फोन खोने या खराब होने की जिम्मेवारी आंगनवाड़ी वर्करों के ऊपर डाली जा रही है। उन्होंने कहा कि सभी वर्कर्स को मोबाइल फोन के साथ काम करने में कोई आपत्ति नहीं है लेकिन सरकार को यह भी बताना चाहिए कि किन किन विभागों को सरकार ने सेल्फी लेने के लिए मोबाइल फोन वितरित किए हैं
बाइट- रेखा नेगी ,प्रदेश अध्यक्ष ,आंगनबाड़ी कार्यकत्री/ सेविका/ मिनी कर्मचारी संगठन उत्तराखंड


Conclusion: आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की मुख्य मांगे-
1- आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को काम के बदले उचित इनाम दिया जाए और उनका मानदेय न्यूनतम मजदूरी को देखते हुए 18000 रुपये किया जाए।

2-आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को राज्य सरकार द्वारा केंद्र सरकार के बराबर मानदेय दिया जाए

3-आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को सीनियरिटी के अनुसार प्रतिवर्ष मानदेय बढ़ा कर दिया जाए जिससे कि विभाग में सीनियरिटी बनी रहे।

4- आंगनबाड़ी सहायिकाओं के मानदेय में कार्यकत्री के मानदेय के 75 प्रतिशत दिया जाये।

5- आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को दिए गए फोन की शर्तों को वापस लिया जाए क्योंकि अगर फोन खराब होता है या होता है तो वर्कर से उसका पैसा ना वसूला जाए।

6- आंगनबाड़ी कार्यकत्री को जब भी परियोजना में किसी भी कार्य के लिए बुलाया जाता है तो उसका यात्रा भत्ता दिया जाये।
Last Updated : Dec 7, 2019, 11:31 PM IST
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