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कभी ऑस्ट्रेलिया में हुए गिरफ्तार तो कभी लगा चोरी का आरोप, आनंद गिरि की पूरी कहानी

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Published : Sep 21, 2021, 1:35 PM IST

दिवंगत महंत नरेंद्र गिरि के शिष्य आनंद गिरी का विवादों से चोली-दामन का साथ रहा है. प्रयागराज में सोमवार को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि ने आत्महत्या कर ली थी. सुसाइड नोट के आधार पर आनंद गिरि पर मुकदमा दर्ज करते हुए उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है. दरअसल आनंद गिरि को गिरफ्तारी का पुराना अनुभव है. 2019 में वो ऑस्ट्रेलिया में भी गिरफ्तार हुए थे. आनंद गिरि पर दो महिलाओं ने छेड़छाड़ का आरोप लगाया था. तब बड़ी मुश्किल से उस केस से आनंद गिरि बरी हो पाए थे. नरेंद्र गिरि के इस शिष्य के और भी कारनामे हैं.

Anand Giri
आनंद गिरि

देहरादून: अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रहे दिवंगत महंत नरेंद्र गिरि के शिष्य आनंद गिरि भले ही निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हों लेकिन उनका अतीत भी दागदार रहा है. नरेंद्र गिरि जो सुसाइड नोट छोड़ गए थे, उसमें आनंद गिरि पर परेशान करने का आरोप लगाया गया है.

यह पहली बार नहीं है जब आनंद गिरि का किसी विवाद में नाम आया है. इससे पहले वह ऑस्ट्रेलिया में दो महिलाओं के साथ अमर्यादित आचरण के आरोप में जेल भी जा चुके हैं. अक्टूबर 2020 में आनंद गिरि की एक फोटो वायरल हो गई थी. जिसमें वह एक विमान की बिजनेस क्लास में बैठे नजर आ रहे थे. उनके सामने होल्डर पर शराब से भरा एक ग्लास रखा था. महंत नरेंद्र गिरी ने इसी साल आनंद गिरि पर चोरी का गंभीर आरोप लगाया था. सबसे पहले बात करते हैं ऑस्ट्रेलिया में हुई गिरफ्तारी की.

ये भी पढ़ें: महंत नरेंद्र गिरि ने हफ्ते भर पहले भी किया था सुसाइड का प्रयास, आज आम जन कर सकेंगे अंतिम दर्शन

2019 में ऑस्ट्रेलिया में हुए गिरफ्तार: आनंद गिरि खुद को योग गुरु बताते हैं. इन्हें 2019 में ऑस्ट्रेलिया में गिरफ्तार किया गया था. आनंद गिरि पर दो महिलाओं ने छेड़छाड़ का आरोप लगाया था. ये घटना सिडनी शहर की थी. गए तो थे आनंद गिरि आध्यात्मिक शिविर के लिए, लेकिन छेड़छाड़ की शिकायत के बाद उन्हें सिडनी स्थित ओक्सले पार्क के वेस्टर्न सबअर्ब से गिरफ्तार किया गया था.

3 साल पुराने मामले में भी हुई थी गिरफ्तारी: आरोप है कि उन्होंने दो अलग-अलग घटनाओं में ऑस्ट्रेलिया निवासी दो महिलाओं से अमर्यादित आचरण किया था. महिलाओं ने उन पर आरोप लगाया था कि एक घटना तीन साल व दूसरी दो साल पहले की है. आरोपों के अनुसार, पहली घटना 2016 की थी जब आनंद गिरि नए साल के मौके पर रूटी हिल क्षेत्र स्थित एक घर में आयोजित प्रार्थना में शामिल होने गए थे.

दूसरी घटना भी रूटी हिल क्षेत्र की है, जब नवंबर 2018 में यहां स्थित एक घर में आनंद गिरि को प्रार्थना के लिए आमंत्रित किया गया था. आरोप है कि यहां उन्होंने 34 वर्षीय महिला के साथ घर के बरामदे में अमर्यादित आचरण किया था. आरोप लगाने वाली दोनों ही महिलाएं आनंद गिरि की परिचित थीं.

ये भी पढ़ें: नरेंद्र गिरि केस: शिष्य आनंद गिरि को UP पुलिस ने किया गिरफ्तार, करीब डेढ़ घंटे चली पूछताछ

सिडनी कोर्ट ने किया था बरी: आनंद गिरि को सिडनी कोर्ट, ऑस्ट्रेलिया ने 2019 के सितंबर माह में बाइज्जत बरी कर दिया था. अदालत में सभी आरोप निराधार और मन गढ़ंत पाए गए थे. सिडनी पुलिस ने अपनी गलती मानते हुए कोर्ट को बताया था कि स्वामी आनंद गिरि के खिलाफ आरोप निराधार और असत्य हैं. सिडनी कोर्ट ने स्वामी आनंद गिरि का पासपोर्ट तत्काल रिलीज करते हुए भारत जाने की अनुमति दे दी थी.

कोर्ट का फैसला आने के बाद आनंद गिरि ने कहा था कि सत्य परेशान हो सकता है पराजित नहीं हो सकता. सिडनी कोर्ट ने मुझे ससम्मान निष्कलंक बरी किया है. सनातन धर्म का अपमान करने वाले लोगों के मुंह पर जोरदार तमाचा है. सभी को बहुत-बहुत बधाई.

शराब के ग्लास के साथ वायरल हुई थी फोटो: अक्टूबर 2020 में आनंद गिरि की एक फोटो वायरल हो गई थी. इस फोटो में वह एक विमान के बिजनेस क्लास में बैठे नजर आ रहे थे. उनके सामने होल्डर पर शराब से भरा एक ग्लास रखा था. इस तस्वीर के वायरल हो जाने पर आनंद गिरि धार्मिक लोगों के निशाने पर आ गए थे. बाद में आनंद गिरि ने सफाई देते हुए कहा था कि उस ग्लास में शराब नहीं एप्पल जूस था.

महंत नरेंद्र गिरी ने लगाया था चोरी का आरोप: उनके गुरु महंत नरेंद्र गिरि ने इसी साल आनंद गिरि पर चोरी का गंभीर आरोप लगाया था. आनंद पर आरोप था कि वो संत परंपरा के खिलाफ अपने परिवार से संबंध रखते थे. प्रयागराज में संगम किनारे बने लेटे हनुमान मंदिर में जो चढ़ावे का पैसा आता है, आनंद वो अपने परिवार पर खर्च करते रहे. इसी आरोप के बाद आनंद को अखाड़े से निकाल दिया गया था. निकाले जाने के बाद आनंद गिरि ने अपने गुरु महंत नरेंद्र गिरी पर कई आरोप लगाए थे.

ये भी पढ़ें: नरेंद्र गिरि को सीएम योगी ने दी श्रद्धांजलि, बोले- हर घटना का होगा पर्दाफाश

आनंद ने महंत से मांगी थी माफी: आनंद गिरी संगम में लेटे हनुमान मंदिर के छोटे महंत हुआ करते थे. उन्हें महंत नरेंद्र गिरि का प्रिय शिष्य माना जाता था. आनंद गिरि को मंदिर से जुड़े कई अधिकार भी हासिल थे. लेकिन संत परंपरा का निर्वहन न करने की वजह से उन्हें इसी साल निष्काषित कर दिया गया था. हालांकि बाद में उनके अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि से माफी मांगने के बाद दोनों के बीच विवाद उस वक्त थम गया था. दोनों के बीच सुलह हो जाने के बाद महंत नरेंद्र गिरि ने आनंद पर मठ और प्रयागराज के हनुमान मंदिर में आने पर लगाई गई पाबंदी हटा दी थी.

देहरादून: अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रहे दिवंगत महंत नरेंद्र गिरि के शिष्य आनंद गिरि भले ही निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हों लेकिन उनका अतीत भी दागदार रहा है. नरेंद्र गिरि जो सुसाइड नोट छोड़ गए थे, उसमें आनंद गिरि पर परेशान करने का आरोप लगाया गया है.

यह पहली बार नहीं है जब आनंद गिरि का किसी विवाद में नाम आया है. इससे पहले वह ऑस्ट्रेलिया में दो महिलाओं के साथ अमर्यादित आचरण के आरोप में जेल भी जा चुके हैं. अक्टूबर 2020 में आनंद गिरि की एक फोटो वायरल हो गई थी. जिसमें वह एक विमान की बिजनेस क्लास में बैठे नजर आ रहे थे. उनके सामने होल्डर पर शराब से भरा एक ग्लास रखा था. महंत नरेंद्र गिरी ने इसी साल आनंद गिरि पर चोरी का गंभीर आरोप लगाया था. सबसे पहले बात करते हैं ऑस्ट्रेलिया में हुई गिरफ्तारी की.

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2019 में ऑस्ट्रेलिया में हुए गिरफ्तार: आनंद गिरि खुद को योग गुरु बताते हैं. इन्हें 2019 में ऑस्ट्रेलिया में गिरफ्तार किया गया था. आनंद गिरि पर दो महिलाओं ने छेड़छाड़ का आरोप लगाया था. ये घटना सिडनी शहर की थी. गए तो थे आनंद गिरि आध्यात्मिक शिविर के लिए, लेकिन छेड़छाड़ की शिकायत के बाद उन्हें सिडनी स्थित ओक्सले पार्क के वेस्टर्न सबअर्ब से गिरफ्तार किया गया था.

3 साल पुराने मामले में भी हुई थी गिरफ्तारी: आरोप है कि उन्होंने दो अलग-अलग घटनाओं में ऑस्ट्रेलिया निवासी दो महिलाओं से अमर्यादित आचरण किया था. महिलाओं ने उन पर आरोप लगाया था कि एक घटना तीन साल व दूसरी दो साल पहले की है. आरोपों के अनुसार, पहली घटना 2016 की थी जब आनंद गिरि नए साल के मौके पर रूटी हिल क्षेत्र स्थित एक घर में आयोजित प्रार्थना में शामिल होने गए थे.

दूसरी घटना भी रूटी हिल क्षेत्र की है, जब नवंबर 2018 में यहां स्थित एक घर में आनंद गिरि को प्रार्थना के लिए आमंत्रित किया गया था. आरोप है कि यहां उन्होंने 34 वर्षीय महिला के साथ घर के बरामदे में अमर्यादित आचरण किया था. आरोप लगाने वाली दोनों ही महिलाएं आनंद गिरि की परिचित थीं.

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सिडनी कोर्ट ने किया था बरी: आनंद गिरि को सिडनी कोर्ट, ऑस्ट्रेलिया ने 2019 के सितंबर माह में बाइज्जत बरी कर दिया था. अदालत में सभी आरोप निराधार और मन गढ़ंत पाए गए थे. सिडनी पुलिस ने अपनी गलती मानते हुए कोर्ट को बताया था कि स्वामी आनंद गिरि के खिलाफ आरोप निराधार और असत्य हैं. सिडनी कोर्ट ने स्वामी आनंद गिरि का पासपोर्ट तत्काल रिलीज करते हुए भारत जाने की अनुमति दे दी थी.

कोर्ट का फैसला आने के बाद आनंद गिरि ने कहा था कि सत्य परेशान हो सकता है पराजित नहीं हो सकता. सिडनी कोर्ट ने मुझे ससम्मान निष्कलंक बरी किया है. सनातन धर्म का अपमान करने वाले लोगों के मुंह पर जोरदार तमाचा है. सभी को बहुत-बहुत बधाई.

शराब के ग्लास के साथ वायरल हुई थी फोटो: अक्टूबर 2020 में आनंद गिरि की एक फोटो वायरल हो गई थी. इस फोटो में वह एक विमान के बिजनेस क्लास में बैठे नजर आ रहे थे. उनके सामने होल्डर पर शराब से भरा एक ग्लास रखा था. इस तस्वीर के वायरल हो जाने पर आनंद गिरि धार्मिक लोगों के निशाने पर आ गए थे. बाद में आनंद गिरि ने सफाई देते हुए कहा था कि उस ग्लास में शराब नहीं एप्पल जूस था.

महंत नरेंद्र गिरी ने लगाया था चोरी का आरोप: उनके गुरु महंत नरेंद्र गिरि ने इसी साल आनंद गिरि पर चोरी का गंभीर आरोप लगाया था. आनंद पर आरोप था कि वो संत परंपरा के खिलाफ अपने परिवार से संबंध रखते थे. प्रयागराज में संगम किनारे बने लेटे हनुमान मंदिर में जो चढ़ावे का पैसा आता है, आनंद वो अपने परिवार पर खर्च करते रहे. इसी आरोप के बाद आनंद को अखाड़े से निकाल दिया गया था. निकाले जाने के बाद आनंद गिरि ने अपने गुरु महंत नरेंद्र गिरी पर कई आरोप लगाए थे.

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आनंद ने महंत से मांगी थी माफी: आनंद गिरी संगम में लेटे हनुमान मंदिर के छोटे महंत हुआ करते थे. उन्हें महंत नरेंद्र गिरि का प्रिय शिष्य माना जाता था. आनंद गिरि को मंदिर से जुड़े कई अधिकार भी हासिल थे. लेकिन संत परंपरा का निर्वहन न करने की वजह से उन्हें इसी साल निष्काषित कर दिया गया था. हालांकि बाद में उनके अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि से माफी मांगने के बाद दोनों के बीच विवाद उस वक्त थम गया था. दोनों के बीच सुलह हो जाने के बाद महंत नरेंद्र गिरि ने आनंद पर मठ और प्रयागराज के हनुमान मंदिर में आने पर लगाई गई पाबंदी हटा दी थी.

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