नई दिल्ली : संसद के बजट सत्र 2022 (Parliament budget session) का आज दूसरा दिन है. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने (FM Nirmala sitharaman) ने संसद को बताया कि रक्षा बजट 2022-23 के लिए 5.25 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है, जो पिछले साल के 4.78 लाख करोड़ रुपये के आवंटन से ज्यादा है, जिसमें सैन्य प्लेटफार्मों के निर्माण में आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए केंद्रीय बजट में, पूंजीगत व्यय के लिए कुल 1,52,369 करोड़ रुपये अलग रखे गए हैं, जिसमें नए हथियार, विमान, युद्धपोत और अन्य सैन्य हार्डवेयर खरीदना शामिल है. पिछले वर्ष यानी 2021-22 के लिए, पूंजीगत परिव्यय के लिए बजटीय आवंटन 1,35,060 करोड़ रुपये था, लेकिन संशोधित अनुमान में 1,38,850 करोड़ रुपये खर्च किए गए.
बजट दस्तावेजों के अनुसार, राजस्व व्यय के लिए 2,33,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है जिसमें वेतन के भुगतान और प्रतिष्ठानों के रखरखाव पर खर्च शामिल है. अलग से, रक्षा पेंशन के लिए 1,19,696 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है, जबकि रक्षा मंत्रालय (नागरिक) के लिए 20,100 करोड़ रुपये अलग से रखे गए हैं.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (budget 2022 rajnath singh) ने वित्त वर्ष 2022-23 में स्टार्ट-अप और निजी संस्थाओं के लिए रक्षा अनुसंधान एवं विकास बजट का 25 प्रतिशत अलग रखने के केंद्रीय बजट में प्रस्ताव को एक 'उत्कृष्ट कदम' बताया. उन्होंने इस घोषणा का भी स्वागत किया कि रक्षा पूंजी खरीद बजट का 68 प्रतिशत घरेलू उद्योग से खरीद के लिए आवंटित होगा.
बजट पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह
राजनाथ सिंह ने ट्वीट किया, 'रक्षा पूंजी खरीद बजट का 68 प्रतिशत स्थानीय खरीद के लिए आवंटित किया गया है. यह 'वोकल फॉर लोकल' पुश के अनुरूप है और यह निश्चित रूप से घरेलू रक्षा उद्योगों को बढ़ावा देगा.' उन्होंने कहा कि रक्षा सहित कई क्षेत्रों में अनुसंधान और विकास के लिए पर्याप्त राशि आवंटित की गई है. आरएंडडी बजट का 25 प्रतिशत स्टार्टअप और निजी संस्थाओं के लिए आरक्षित करने का प्रस्ताव एक उत्कृष्ट कदम है.
इससे पहले अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री (sitharaman budget speech) ने दोहराया कि सरकार आयात को कम करने और सशस्त्र बलों के लिए उपकरणों के उत्पादन में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है. पूंजीगत खरीद बजट का 68 प्रतिशत घरेलू उद्योग के लिए 2022-23 में निर्धारित किया जाएगा, जबकि 2021-22 में यह 58 प्रतिशत था. रक्षा अनुसंधान और विकास उद्योग, स्टार्ट-अप और शिक्षाविदों के लिए खोला जाएगा, इसके लिए रक्षा अनुसंधान एवं विकास बजट का 25 प्रतिशत निर्धारित किया गया है.
उन्होंने कहा, निजी उद्योग को एसपीवी (स्पेशल परपज व्हीकल) मॉडल के माध्यम से डीआरडीओ और अन्य संगठनों के सहयोग से सैन्य प्लेटफार्मों और उपकरणों के डिजाइन और विकास के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा. व्यापक परीक्षण और प्रमाणन (intensive examination and certification) आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एक स्वतंत्र नोडल अम्ब्रेला बॉडी का गठन किया जाएगा.
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बजट में रक्षा क्षेत्र (union budget defence sector) के लिए वित्त मंत्रालय ने 68 प्रतिशत रक्षा क्षेत्र का बजट स्वदेशी उद्योग पर खर्च किया जाएगा. 2021-22 सरकार ने इस बजट का 58 प्रतिशत इस क्षेत्र के लिए रखा था. इसके साथ ही रक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए केंद्र सरकार इन सेक्टरों पर ज्यादा खर्च करने का निर्णय लिया है.
रक्षा क्षेत्र में अनुसंधान और विकास के लिए बजट को 25 फीसदी आर एंड डी के लिए रखा गया है. इससे डीआरडीओ और अन्य संस्थाएं तकनीक को विकसित कर सकती हैं. रक्षा क्षेत्र में स्टार्ट अप को बढ़ावा दिया जाएगा.
वित्त मंत्री ने कहा कि रक्षा क्षेत्र के लिए 68 प्रतिशत पूंजी को स्थानीय उद्योग के लिए आवंटित किया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि अनुसंधान एवं विकास प्रौद्योगिकी उन्नयन के लिए सार्वभौमिक सेवा दायित्व कोष (ओएसओ) का पांच प्रतिशत आवंटित किया जाएगा. सीतारमण ने कहा कि सभी गांवों में भारतनेट के तहत ऑप्टिकल फाइबर नेट को बिछाने का अनुबंध पीपीपी आधार पर दिया जाएगा. उन्होंने ध्यान दिलाया कि विश्व के लिए जलवायु परिवर्तन का जोखिम बाहरी कारक हैं तथा कम कार्बन विकास रणनीति से रोजगार के अवसर खुलेंगे.
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इससे पहले सोमवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक सर्वेक्षण 2021-22 को लोकसभा के पटल पर रखा था. इकोनॉमिक सर्वे में वित्त वर्ष 2021-22 में रियल टर्म में 9.2 प्रतिशत विकास दर का अनुमान लगाया गया है. वित्त वर्ष 2022-23 में जीडीपी के 8.0-8.5 प्रतिशत की दर से विकसित होने का अनुमान है. अप्रैल-नवम्बर 2021 के दौरान पूंजी व्यय में सालाना आधार पर 13.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. 31 दिसम्बर, 2021 तक विदेशी मुद्रा भंडार 633.6 बिलियन डॉलर के स्तर पर पहुंच गया है.
2021 के आम बजट में डिफेंस सेक्टर
इससे पहले फरवरी 2021 के आम बजट में पिछले साल की तुलना में मामूली वृद्धि ही देखने को मिली थी. रक्षा विशेषज्ञ सी उदय भास्कर ने आम बजट में रक्षा को होने वाले आवंटन पर सबकी नजर थी, लेकिन इसने बिल्कुल आश्चर्यचकित नहीं किया.
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पिछले वर्ष की तुलना में रक्षा बजट में मामूली वृद्धि देखने को मिली. पिछले वर्ष यह 4,71,000 करोड़ रुपये के मुकाबले इस बार 4,78,000 करोड़ रुपये हो गया. वर्तमान विनिमय दर पर यह लगभग 65.48 बिलियन डॉलर है.
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