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अन्तरराष्ट्रीय योग महोत्सवः योगियों ने विश्व शान्ति के लिए यज्ञ में दी पूर्णाहूति, किया मौन जप - बिटल्स

योग महोत्सव के आखरी दिन स्वामी चिदानन्द ने बताया कि महर्षि आश्रम चैरासी कुटिया में विदेशी योग साधकों को ध्यान और विश्व शान्ति के लिए मौन जप कराया गया.

अन्तरराष्ट्रीय योग महोत्सव
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Published : Mar 7, 2019, 10:07 PM IST

ऋषिकेश: तीर्थनगरी में आज अन्तरराष्ट्रीय योग महोत्सव का समापन हो गया. योग महोत्सव के अंतिम दिन योगियों ने विश्व शान्ति यज्ञ में पूर्णाहूति दी. इस दौरान परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द ने विदेशी योग साधकों के साथ महर्षि आश्रम चैरासी कुटिया में ध्यान और विश्व शान्ति के लिए मौन जप किया.

अन्तरराष्ट्रीय योग महोत्सव

योग महोत्सव के आखरी दिन स्वामी चिदानन्द ने बताया कि महर्षि आश्रम चैरासी कुटिया में विदेशी योग साधकों को ध्यान और विश्व शान्ति के लिए मौन जप कराया गया. बड़ी संख्या में विदेशी योग साधकों ने महर्षि महेश योगी के आश्रम 84 कुटिया पंहुचकर योग ध्यान किया.

इस दौरान विदेशी साधक भजनों पर जमकर झूमे. स्वामी चिदानन्द ने बताया कि इस आयोजन का उद्देश्य साधकों को शांति की ओर ले जाना है. उन्होंने बताया कि यहां साधक कुटिया में बैठकर ध्यान लगाकर अपने भीतर भी प्रवेश कर सकते हैं. जिससे वे अपने भीतर की दुनिया को एक नया आयाम दे सकते हैं.

बताया जाता है कि ‘बीटल्स’ ब्रिटेन स्थित एक विश्व प्रसिद्ध ‘पॉप बैंड ग्रुप’ था. इस दल के सदस्य आध्यात्मिक जागृति की खोज में लगभग 50 साल पहले भारत आये थे. तब वे लोग महर्षि महेश योगी के आश्रम में ही ठहरे थे. यहां उन्होंने लगभग 48गाने लिखे थे.

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ऋषिकेश: तीर्थनगरी में आज अन्तरराष्ट्रीय योग महोत्सव का समापन हो गया. योग महोत्सव के अंतिम दिन योगियों ने विश्व शान्ति यज्ञ में पूर्णाहूति दी. इस दौरान परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द ने विदेशी योग साधकों के साथ महर्षि आश्रम चैरासी कुटिया में ध्यान और विश्व शान्ति के लिए मौन जप किया.

अन्तरराष्ट्रीय योग महोत्सव

योग महोत्सव के आखरी दिन स्वामी चिदानन्द ने बताया कि महर्षि आश्रम चैरासी कुटिया में विदेशी योग साधकों को ध्यान और विश्व शान्ति के लिए मौन जप कराया गया. बड़ी संख्या में विदेशी योग साधकों ने महर्षि महेश योगी के आश्रम 84 कुटिया पंहुचकर योग ध्यान किया.

इस दौरान विदेशी साधक भजनों पर जमकर झूमे. स्वामी चिदानन्द ने बताया कि इस आयोजन का उद्देश्य साधकों को शांति की ओर ले जाना है. उन्होंने बताया कि यहां साधक कुटिया में बैठकर ध्यान लगाकर अपने भीतर भी प्रवेश कर सकते हैं. जिससे वे अपने भीतर की दुनिया को एक नया आयाम दे सकते हैं.

बताया जाता है कि ‘बीटल्स’ ब्रिटेन स्थित एक विश्व प्रसिद्ध ‘पॉप बैंड ग्रुप’ था. इस दल के सदस्य आध्यात्मिक जागृति की खोज में लगभग 50 साल पहले भारत आये थे. तब वे लोग महर्षि महेश योगी के आश्रम में ही ठहरे थे. यहां उन्होंने लगभग 48गाने लिखे थे.

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Intro:ऋषिकेश- विश्व विख्यात अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव के सातवंे दिन योगियों ने विश्व शान्ति यज्ञ में पूर्णाहुति अर्पित कर योग महोत्सव का समापन किया। परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव के अंतिम दिन विदेशी योग साधकों के साथ महर्षि आश्रम चैरासी कुटिया में ’ध्यान’ और विश्व शान्ति हेतु ’मौन जप’ किया।








Body:वी/ओ--स्वामी चिदानन्द ने बताया कि महर्षि आश्रम, चैरासी कुटिया में विदेशी योग साधकों ’ध्यान’ और विश्व शान्ति हेतु ’मौन जप’ कराया गया,बड़ी संख्या में विदेशी योग साधक महर्षि महेश योगी के आश्रम 84 कुटिया पंहुचकर योग ध्यान किया,इसके साथ ही भजनों पर विदेशी खूब झूमे।इस आयोजन का ध्येय है कि साधक, ’शोर से दूर होकर शान्ति की ओर लौटे’। यह क्षेत्र शोर के लिये नहीं बल्कि यह तो शान्ति को आत्मसात करने का स्थान है। उन्होेेंने सभी से आह्वान किया कि यहां व्याप्त शान्ति को अनुभव करें और इसे आत्मसात करे ताकि आप अपने भीतर की शान्ति का अनुभव कर सके, भीतर लौटे, भीतर की ओर जायंे इसलिये ये कुटिया बनायी गयी थी ताकि इन कुटियाओं में बैठकर अपने भीतर की कुटिया में प्रवेश कर सके, भीतर की गुफा को खोल सके। हम अपने भीतर की दुनिया को एक नया आयाम दे सके और भीतरी दुनिया का दर्शन कर सके। भीतरी दुनिया एक ऐसी दुनिया है जहां पर हम बैठे-बैठे पूरी दुनिया से जुड़ सकते है। भीतर की दुनिया से हम पूर्ण शान्ति पूर्ण आनन्द को प्राप्त कर सकते है।


Conclusion:वी/ओ--महर्षि आश्रम चैरासी कुटिया में जब 1968 में विश्व प्रसिद्ध अंग्र्रेजी राॅक बैंड, बैंड द बीटल्स आया था, यह बैंड द बीटल्स की 51 वीं वर्षगांठ है। यहां पर उनके द्वारा  लगभग 48  गाने लिखे गये थे और उन्हें अत्यधिक प्रसिद्ध प्राप्त हुयी थी। महर्षि महेश योगी, जिन्होने ट्रान्सेंडैंटल मेडिटेशन (अनुभवातीत ध्यान) तकनीक, जिसका सम्बंध मंत्र ध्यान से है विकसित की थी, जिसने पश्चिम जगत में भारतीय आध्यात्मिक पृष्ठभूमि को नया आयाम दिया,पूरे सप्ताह चले अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव में अष्टांग योग, आयंगार योग, विन्यास योग, कुण्डलिनी योग, जीवमुक्ति योग, सिन्तोह योग, सेमैटिक योग, हठ योग, राज योग, भक्ति योग, गंगा योग, लीला योग, डीप योग आदि एक सप्ताह तक प्रस्तुत किये जाने वाले योग प्रस्तुत किये गए।
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