विकासनगर: देवभूमि के विकासनगर क्षेत्र के बोहरी गांव स्थित परशुराम मंदिर लोगों की अगाध आस्था का केंद्र है. जहां स्थानीय ही नहीं देश के अन्य प्रांतों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु माथा टेकने आते हैं. जिन्हें भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है. पौराणिक मान्यता है कि देवशयनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु भू-लोक को छोड़ पाताल लोक में चले जाते हैं. जिसके बाद वे देवोत्थान एकादशी को धरती पर जनकल्याण के लिए वापस लौटते हैं. वहीं दशमी के दिन लोगों ने मंदिर में हवन पूजन कर सुख- समृद्धि की कामना की.
जौनसार बावर के कालसी ब्लॉक के बोहरी गांव स्थित प्राचीन परशुराम मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहता है. जो लोगों की इस मंदिर के प्रति श्रद्धा को दर्शाता है. लोग भगवान परशुराम मंदिर के देव दर्शन को उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, महाराष्ट्र उत्तराखंड आदि राज्यों से पहुंचते हैं. मान्यता है कि इस मंदिर में सच्चे मन से परशुराम जी की उपासना करने से हर मुराद पूरी होती है. परशुराम देवता को भगवान विष्णु के 10 अवतारों में से एक माना जाता है.
पढ़ें-चीनी मिलों की लेटलतीफी से बिगड़ सकता है किसानों का गणित, औने-पौने दामों पर बेच रहे गन्ना
इस मंदिर में हवन कुंड की विभूति लगाने मात्र से ही लोगों के कष्ट दूर हो जाते हैं. निसंतान दंपत्ति के लिए भगवान परशुराम के मंदिर से दंपति को चावल के दाने अवतरित रूप में दिए जाते हैं. मान्यता है कि जिससे नव दंपति को संतान प्राप्ति होती है. परशुराम मंदिर बोहरी गांव के पुजारी गुलाब सिंह बताते हैं कि इस मंदिर में लोगों की आस्था लोगों को यहां खींच लाती है. यहां आने वाली हर भक्त की मनोकामना पूरी होती है. उन्होंने बताया कि विष्णु अवतार परशुराम 3 माह की शयन मुद्रा के उपरांत विजयदशमी के दिन आज भू-लोक में आते हैं. जिस कारण से परशुराम मंदिर के दर्शन के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं.