लक्सर: उत्तराखंड में बदहाल स्वास्थ्य केंद्रों की हालत किसी से छुपी नहीं है. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लक्सर (Community Health Center laksar) में मूलभूत सुविधाएं नहीं हैं. अस्पताल में डॉक्टरों के 11 पद स्वीकृत हैं, लेकिन यहां मात्र 3 डॉक्टर हैं जिनके भरोसे यह अस्पताल चल रहा है.
बता दें कि, लक्सर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मूलभूत सुविधाएं नहीं हैं. यहां जच्चा-बच्चा के लिए भी कोई विशेष सुविधा नहीं है. लक्सर के इस राजकीय सरकारी अस्पताल के ऊपर लाखों की आबादी के स्वास्थ्य की जिम्मेदारी है. यहां एक्स-रे मशीन लगी है, लेकिन मशीन का लाभ मरीजों को नहीं मिल पा रहा है. क्योंकि इस मशीन के लिए कोई भी डॉक्टर स्वीकृत नहीं हुआ है.
यहां गर्भवती महिलाओं के अल्ट्रासाउंड (ultrasound) भी नहीं हो पाते. इस कारण उन्हें भी प्राइवेट अस्पतालों में ही जाना पड़ता है. यहां नाम का पैथोलॉजी सेंटर (pathology center) भी बनाया गया है. लेकिन उसमें भी सुविधाएं मरीजों को नहीं मिल पा रही हैं. यहां आने वाले मरीजों को ज्यादातर स्वास्थ्य परीक्षण बाहर ही कराने पड़ते हैं.
बता दें कि, दूरदराज से आने वाले मरीजों को कई बार डॉक्टर न मिलने के कारण बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. गरीब लोगों को डॉक्टर न मिलने के कारण रुड़की या हरिद्वार या फिर बाहर के डॉक्टरों की मदद लेनी पड़ती है. इस कारण पैसों का भी नुकसान होता है.
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लक्सर के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अनिल वर्मा ने कहा कि राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लक्सर में चिकित्सकों की कमी के कारण बहुत सारी ऐसी सुविधाएं हैं जो मरीजों को नहीं मिल पा रही हैं. उन्होंने बताया कि यहां अल्ट्रासाउंड सुविधा नहीं है. उन्होंने कहा कि राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बच्चों के डॉक्टर व जनरल सर्जन की भी कोई सुविधा नहीं है. हालांकि यहां 11 डॉक्टरों के पद हैं, लेकिन मौके पर केवल 3 डॉक्टर ही कार्यरत हैं. इस कारण सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मिलने वाली सुविधाओं पर भारी असर पड़ रहा है. दूरदराज से आने वाले मरीजों को सभी सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं.