अल्मोड़ा: पुरातात्विक लिहाज से महत्वपूर्ण माने जाने वाले अल्मोड़ा जिले के भिकियासैंण क्षेत्र में प्राचीन अवशेषों को खोजने का अभियान चलाया जा रहा है. भिकियासैंण तहसील के 397 गांवों में यह सर्वेक्षण अभियान चलाया जाएगा. जिसकी अनुमति केंद्रीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग द्वारा राज्य पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग को मिल चुकी है. जून माह के अंत से यह सर्वेक्षण अभियान शुरू हो जाएगा.
क्षेत्रीय पुरातत्व अधिकारी चंद्र सिंह चौहान ने बताया कि भिकियासैंण क्षेत्र में पुरात्तव अवशेषों की संभावनों को देखते हुए राज्य पुरातत्व विभाग द्वारा केंद्रीय पुरात्तव सर्वेक्षण विभाग को एक प्रस्ताव भेजा गया था जिसकी अनुमति मिल चुकी है. जिसके बाद भिकियासैंण के 397 गांवों में यह सर्वेक्षण किया जा रहा है.
इन गांवों में पुरात्तव महत्व के नौले, धारे, ताम्र पत्र , गुफा, सुरंग, रॉक पेंटिंग, मूर्तियों , किले, प्राचीन मंदिर आदि को खोजने का कार्य किया जाएगा. पुरात्तव विभाग की टीम तहसील के 397 गांवों में जाकर पुरात्तव अवशेषों को खोजेगी और जुलाई के अंत तक इसकी रिपोर्ट तैयार की जाएगी. यहां के बाद सल्ट क्षेत्र के गांवों का सर्वेक्षण किया जाएगा.
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उन्होंने बताया कि भिकियासैंण क्षेत्र पुरातात्विक लिहाज से काफी महत्वपूर्ण क्षेत्र है. भिकियासैंण क्षेत्र के तालेश्वर में छठी शताब्दी के आसपास बर्मन साम्राज्य के दौरान बना एक दुर्लभ तालाब भी मौजूद है. वहीं छठी सदी में राजा द्विज बर्मन का बना मंदिर और उनके 2 ताम्र पत्र मिले हैं जिनको गोविंद बल्लभ पंत संग्रहालय अल्मोड़ा और लखनऊ संग्रहालय में रखा गया है.