उत्तरकाशी: प्रदेश में कोविड काल के दौरान गांव-गांव तक अच्छी स्वास्थ्य सुविधा पहुंचाने का सरकार दवा कर रही है, लेकिन धरातल पर हकीकत कुछ और ही है. जनपद के सबसे दूरस्थ आराकोट बंगाण क्षेत्र के लिए एक अदद एंबुलेंस की सेवा ग्रामीणों के लिए मुहैया नहीं करवाई गई है. स्थानीय लोगों का कहना है कि 25 दिन पहले कोविड प्रभारी मंत्री ने बड़कोट से आराकोट क्षेत्र के लिए हरी झंडी दिखाकर एंबुलेंस रवाना की थी. लेकिन, 25 दिन बीत जाने के बाद भी बड़कोट से 120 किमी दूर आराकोट एंबुलेंस नहीं पहुंच पाई है.
जनपद मुख्यालय से करीब 250 किमी की दूरी पर स्थित जिले के सबसे दूरस्थ क्षेत्र आराकोट बंगाण क्षेत्र में एक मात्र अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र हैं. जहां पर इस कोविड महामारी के दौरान एक अदद एम्बुलेंस की सेवा भी स्थानीय ग्रामीणों के लिए नहीं है. जबकि इस दूरस्थ क्षेत्र में करीब 22 पंचायत में हजारों लोग निवास करते हैं. किसी बीमारी पर अस्पताल तक पहुंचने के लिए लोगों को प्राइवेट या किराए पर वाहन बुक कर अस्पताल पहुंचना पड़ता है.
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वहीं, चिंवा निवासी मनमोहन चौहान ने बताया कि लंबी मांग के बाद सात मई को जनपद दौरे पर आए जिले के कोविड प्रभारी मंत्री और राज्य मंत्री स्वामी यतीश्वरानन्द ने बड़कोट से एक एंबुलेंस को आराकोट बंगाण क्षेत्र के लिए हरी झंडी दिखाकर रवाना की थी. लेकिन 25 दिन बीत जाने के बाद वह एंबुलेंस 120 किमी की दूरी का सफर भी तय नहीं कर पाई है.