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मोदी सरकार के लिए राहत भरी खबर, थोक महंगाई दर में आई कमी, पढ़ें खबर - Despite the reduction in wholesale inflation the inflation rate is more than 15 percent

सरकार के थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति (WPI) के अनुसार थोक महंगाई दर में कमी आई है लेकिन महंगाई की दर 15.18 फीसदी पर बरकरार है. पढ़िए पूरी खबर...

decrease in wholesale inflation
थोक महंगाई दर में कमी
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Published : Jul 14, 2022, 1:31 PM IST

नई दिल्ली : सरकार के द्वारा मई महीने में गेंहू और चीनी के निर्यात पर रोक लगाने के साथ ही पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ज्यूटी घटाने की वजह से जून महीने में थोक मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई दर में कमी आई है. इस कारण जून में होलसेल महंगाई दर घटकर 15.18 फीसदी पर जा पहुंची है. जबकि मई, 2022 में थोक महंगाई दर 15.88 फीसदी के स्तर पर थी. बता दें बीते साल जून 2021 में थोक मूल्य आधारित महंगाई दर 12.07 फीसदी पर थी. हालांकि थोक महंगाई दर बीते 15 महीने से लगातार दहाई के आंकड़े में बनी हुई है.

वाणिज्य मंत्रालय के अनुसार मिनरल ऑयल्स के दामों में तेजी के अलावा खाने -पीने की वस्तुओं की कीमतों में उछाल, महंगे क्रूड पेट्रोलियम आदि के चलते जून महीने में थोक महंगाई दर में बढ़ोत्तरी देखने को मिल रही है. इसकी प्रमुख वजह महंगे खाने-पीने की वस्तुएं हैं. जून में खाद्य महंगाई दर बढ़कर 12.41 फीसदी पर जा पहुंची है जबकि मई में खाद्य महंगाई दर 10.89 फीसदी पर थी. इसी तरह आलू और फलों के दाम जून में बढ़े हैं. दूध भी इस दौरान महंगा हुआ है. साथ ही थोक महंगाई दर के आंकड़ों के मुताबिक जून महीने में फ्यूल एंड पावर की थोक महंगाई दर 40.38 फीसदी रही है.

हालांकि मई के 40.62 फीसदी महंगाई दर से मामूली कमी आई. हालांकि जून महीने में मैन्युफैक्चरिंग गुड्स का थोक महंगाई दर मई के 101.11 फीसदी से घटकर 9.19 फीसदी पर आ गया है. इससे पहले मंगलवार 12 जून को खुदरा महंगाई दर का आंकड़ा आया था.

ये भी पढ़ें - स्टैगफ्लेशन: भारत अन्य उभरती अर्थव्यवस्थाओं की तरह उच्च मुद्रास्फीति व कम विकास दर की गिरफ्त में

नई दिल्ली : सरकार के द्वारा मई महीने में गेंहू और चीनी के निर्यात पर रोक लगाने के साथ ही पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ज्यूटी घटाने की वजह से जून महीने में थोक मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई दर में कमी आई है. इस कारण जून में होलसेल महंगाई दर घटकर 15.18 फीसदी पर जा पहुंची है. जबकि मई, 2022 में थोक महंगाई दर 15.88 फीसदी के स्तर पर थी. बता दें बीते साल जून 2021 में थोक मूल्य आधारित महंगाई दर 12.07 फीसदी पर थी. हालांकि थोक महंगाई दर बीते 15 महीने से लगातार दहाई के आंकड़े में बनी हुई है.

वाणिज्य मंत्रालय के अनुसार मिनरल ऑयल्स के दामों में तेजी के अलावा खाने -पीने की वस्तुओं की कीमतों में उछाल, महंगे क्रूड पेट्रोलियम आदि के चलते जून महीने में थोक महंगाई दर में बढ़ोत्तरी देखने को मिल रही है. इसकी प्रमुख वजह महंगे खाने-पीने की वस्तुएं हैं. जून में खाद्य महंगाई दर बढ़कर 12.41 फीसदी पर जा पहुंची है जबकि मई में खाद्य महंगाई दर 10.89 फीसदी पर थी. इसी तरह आलू और फलों के दाम जून में बढ़े हैं. दूध भी इस दौरान महंगा हुआ है. साथ ही थोक महंगाई दर के आंकड़ों के मुताबिक जून महीने में फ्यूल एंड पावर की थोक महंगाई दर 40.38 फीसदी रही है.

हालांकि मई के 40.62 फीसदी महंगाई दर से मामूली कमी आई. हालांकि जून महीने में मैन्युफैक्चरिंग गुड्स का थोक महंगाई दर मई के 101.11 फीसदी से घटकर 9.19 फीसदी पर आ गया है. इससे पहले मंगलवार 12 जून को खुदरा महंगाई दर का आंकड़ा आया था.

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