देहरादून (उत्तराखंड): उत्तराखंड का उत्तरकाशी जिला इन दिनों सुर्खियों में हैं. उत्तरकाशी के सिलक्यारा में निर्माणाधीन टनल में लैंडस्लाइड होने के कारण सात राज्यों के 41 मजदूर फंसे हुए हैं, जिन्हें निकालने के लिए पिछले सात दिनों से रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. उत्तरकाशी के सिलक्यारा में ऑलवेदर रोड के तहत टनल बनाई जा रही थी. इस टनल की कुल लंबाई 4.531 किलोमीटर है यानी 4531 मीटर. सिलक्यारा टनल गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के लिए काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है. इस टनल के निर्माण के बाद गंगोत्री धाम से यमुनोत्री धाम की दूरी 26 किलोमीटर कम हो जाएगी.
₹853 करोड़ की लागत से बन रही टनल: सिलक्यारा टनल का निर्माण चारधाम ऑल वेदर रोड परियोजना के तहत ₹853 करोड़ रुपए की लागत से किया जा रहा है. टनल का निर्माण कार्य जुलाई 2018 में शुरू हुआ. इसकी निर्माणदायी संस्था एनएचआईडीसीएल (National Highways & Infrastructure Development Corporation Limited) ने मार्च 2024 तक इसका निर्माण कार्य पूरा करने का लक्ष्य रखा है. अत्याधुनिक टनल, न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग मेथड से इवस टनल को बनाया जा रही है.
इस तरह फंसे हैं मजदूर-
- सिलक्यारा टनल की कुल लंबाई 4531 मीटर है.सुरंग की शुरुआत यानी सिलक्यारा की तरफ से प्रवेश द्वार है.
- प्रवेश द्वार से लगभग 205 मीटर की दूरी पर दुर्घटना हुई.
- यहां से 60 मीटर तक भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र है यानी इस क्षेत्र में मलबा गिरा है.
- इसके बाद करीब दो किलोमीटर (2000 मीटर) का हिस्सा है जहां मजदूर फंसे हुए हैं, यहां काम नहीं हुआ है.
- इसके बाद 80 मीटर हिस्से में आगे टनल बना हुआ है.
- उसके आगे 591 मीटर हिस्से का निर्माण कार्य शेष है. ये 591 मीटर का क्षेत्र अभी बंद है.
- फिर यमुनोत्री की ओर से (यानी सुरंग की दूसरी ओर से) 1600 मीटर हिस्से का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है.
- करीब 800 मजदूरों के साथ टनल निर्माण का कार्य किया जा रहा था.
टनल में फंसे 41 मजदूर: टनल के स्टार्टिंग पॉइंट से अंदर 205 मीटर तक प्लास्टर किया गया था. उससे आगे कोई प्लास्टर नहीं था, जिसकी वजह से ये हादसा हुआ. सिलक्यारा टनल में झारखंड के 15, उत्तरप्रदेश के 8, बिहार के 5, ओडिशा के 5, बंगाल के 3, असम के 2, उत्तराखंड के 2 और हिमाचल प्रदेश का एक मजदूर शामिल है. 18 नवंबर को उत्तरकाशी सिलक्यारा टनल हादसे का सातवां दिन है. मजदूरों को निकालने के लिए कोशिशें जारी है.
टनल के अंदर फंसे मजदूरों को 200 एमएम पाइप से ऑक्सीजन की सप्लाई की जा रही है. पानी की पाइप के माध्यम से खाना-पानी भेजा जा रहा है. पाइपलाइन के जरिए चना, बादाम जैसे ड्राई फ्रूट्स, ग्लूकोज, ओआरएस और दवा पहुंचाई जा रही है. मजदूरों को निकालने के लिए इंदौर से नई ऑगर मशीन भी मंगवाई जा चुकी है.
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#WATCH | Uttarakhand: Uttarkashi tunnel rescue operation | Prime Minister's Office (PMO) Deputy Secretary Mangesh Ghildiyal arrives at the spot. pic.twitter.com/B4rLsu8EIl
— ANI (@ANI) November 18, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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प्लान A, B और C पर हो रहा काम: टनल में फंसे हुए मजदूरों को निकलने के लिए प्लान A, B और C पर काम किया जा रहा है. अभी तक एक भी प्लान सक्सेसफुल नहीं हो पाया है. शुरुआती दौर में क्रेन के जरिए मलबा हटाकर मजदूरों को निकलने का प्लान था, लेकिन जब क्रेन ने मलबा हटाना शुरू किया तो फ्रेश मलबा गिरना शुरू हो गया जिसके चलते प्लान A फेल हो गया. इसके बाद प्लान B पर काम शुरू किया गया. प्लान B के तहत ड्रिल मशीन के जरिए मलबे को ड्रिल कर 900 एमएम व्यास की पाइप डाले गए, जिससे मजदूरों को बाहर आना था. इस पर जैसे ही काम किया फिर से मलबे ने प्लान पर पानी फेर दिया.
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Uttarakhand Chief Minister Pushkar Singh Dhami is reviewing with senior officers the relief and rescue operations of the landslide incident that occurred in the under-construction Silkyara Tunnel located on the Uttarkashi-Yamnotri road, at the camp office located at the CM… pic.twitter.com/tkhBcXgGr5
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) November 18, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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वायुसेना के विमानों से मंगाई गई अमेरिकन ऑगर मशीन: इसके बाद प्लान C के तहत दिल्ली से वायुसेना के विमानों के जरिये हैवी अमेरिकन ऑगर मशीन मंगवाई गई. हैवी अमेरिकन ऑगर मशीन के पहुंचने के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन में तेजी आई. इससे 25 मीटर तक पांच पाइप भी मलबे में डाले गये. कुछ देर बाद हैवी अमेरिकन ऑगर मशीन की बेयरिंग खराब हो गई और रेस्क्यू ऑपरेशन पर फिर ब्रेक लग गया. अब रेस्क्यू के लिए इंदौर से नई ऑगर मशीन मंगाई गई है. ये तीसरी नई ऑगर मशीन भी घटनास्थल पर पहुंच चुकी है.
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#WATCH | Uttarakhand: Uttarkashi tunnel rescue operation | A temple has been built at the main entrance of the tunnel to pray for the stranded victims pic.twitter.com/avPwTeJQ4z
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PMO से भी सिलक्यारा पहुंची मॉनिटरिंग टीम: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तरकाशी सिलक्यारा टनल रेस्क्यू ऑपरेशन का अपडेट ले रहे हैं. पीएमओ के अफसर सिलक्यारा आकर रेस्क्यू कार्यों का निरीक्षण कर रहे हैं. आज पीएमओ दिल्ली से प्रधानमंत्री दफ्तर के उप सचिव मंगेश घिल्डियाल सिलक्यारा टनल रेस्क्यू स्थल पहुंचे. मंगेश घिल्डियाल को उत्तराखंड का काफी अनुभव है.
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#WATCH Uttarakhand: Uttarkashi tunnel rescue operation |The machine brought from Indore for the rescue operation reached the Silkyara tunnel. pic.twitter.com/Xyq6N0ZMYX
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पीएमओ से ये टीम पहुंची: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यालय से पांच सीनियर अफसरों की टीम उत्तरकाशी के सिलक्यारा टनल रेस्क्यू स्थल पर पहुंची है. ये टीम, रेस्क्यू टीम के साथ समन्वय बनाकर काम करेगी. टीम में-
- मंगेश घिल्डियाल, डिप्टी सचिव, पीएमओ.
- वरुण अधिकारी, जियोलॉजिस्ट इंजीनियर.
- महमूद अहमद, डिप्टी सचिव.
- भास्कर खुल्वे, ओएसडीय
- टूरिज्म और अरमांडो कैपलैन, एक्सपर्ट इंजीनियर शामिल हैं.
उत्तरकाशी सिलक्यारा टनल हादसे से जुड़ी खबरें-