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इन घटनाओं ने कराई 'मित्र पुलिस' की फजीहत, सरेआम 'एक्शन' से हुई शर्मिंदा

देहरादून में बीते 1 हफ्ते के भीतर दो पुलिसकर्मियों द्वारा की गई हरकतों के बाद पूरा पुलिस महकमा सवालों के घेरे में आ गया है. इन घटनाओं ने उत्तराखंड पुलिस को शर्मसार कर दिया है. इससे पहले भी कई पुलिस कर्मी अपनी कुछ हरकतों के कारण चर्चा में रहे हैं.

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उत्तराखंड पुलिस
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Published : Jun 26, 2023, 6:45 PM IST

Updated : Jun 26, 2023, 7:38 PM IST

इन घटनाओं ने कराई 'मित्र पुलिस' की फजीहत

देहरादून: देवभूमि (उत्तराखंड) आने वाले पर्यटकों को अच्छा संदेश जाए, पर्यटकों को किसी प्रकार की कोई दिक्कत ना हो, इसके लिए राज्य सरकार और पुलिस महकमा हमेशा ही तैयार रहता है. इसी का नतीजा है कि कई घटनाओं में यात्रियों की सुरक्षा और धैर्य से काम को अंजाम देने के लिए उत्तराखंड पुलिस की सराहना भी राष्ट्रीय स्तर पर की जाती है. उत्तराखंड पुलिस को 'मित्र पुलिस' (स्लोगन) के नाम से भी जाना जाता है. इस स्लोगन को साकार करने के लिए पुलिस अधिकारी लगातार समीक्षा करते रहते हैं. लेकिन राजधानी देहरादून में घटी दो घटनाओं ने मित्र पुलिस पर 'दाग' लगा दिया है.

सालाना करोड़ों पर्यटक उत्तराखंड पहुंचते हैं. इन पर्यटकों में देसी-विदेशी सभी पर्यटक शामिल होते हैं. चारधाम यात्रा पर भी लाखों श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. यात्रा को सुरक्षित और सुव्यवस्थित करवाने की जिम्मेदारी जितनी सरकार के अन्य विभागों पर रहती है, उससे कहीं अधिक व बड़ी जिम्मेदारी पुलिस महकमे पर रहती है. आपदा के समय भी यही पुलिसकर्मी अपनी इच्छा शक्ति, संयम और एकाग्रता का परिचय देते हुए सैकड़ों लोगों की जान बचाते हैं. इसी का नतीजा है कि उत्तराखंड पुलिस महकमे की कई बार तारीफ ना केवल राज्य सरकार बल्कि केंद्र सरकार भी करती रहती है. लेकिन उसके बावजूद भी उत्तराखंड के कुछ पुलिसकर्मी अपनी हरकतों से देश को नकारात्मक संदेश दे रहे हैं. ऐसे ही दो मामले राजधानी देहरादून से सामने आए हैं.
ये भी पढ़ेंः बल्लीवाल में पुलिसकर्मी ने युवक को पीटा, वीडियो वायरल

सरेबाजार शख्स पर थप्पड़ों का प्रहार: पहला मामला देहरादून के बल्लीवाला चौक पर चेकिंग के दौरान का है, जहां एक पुलिस कर्मी पहले तो शख्स से बातचीत करता है. उसके बाद सरेबाजार व्यक्ति पर थप्पड़ों की बरसात कर देता है. एक के बाद एक थप्पड़ से सहमा व्यक्ति लगातार बचने का प्रयास करता है. इस दौरान पुलिस कर्मी की ये पूरी दबंगई कैमरे में कैद हो जाती है और देखते ही देखते सोशल मीडिया की सुर्खियां बन जाती है. मामला पुलिस अधिकारियों तक पहुंचती है तो संबंधित पुलिसकर्मी के खिलाफ जांच बैठाई जाती है. पता लगाया जा है कि पूरा प्रकरण आखिर किस बात पर और क्यों शुरू हुआ. फिलहाल मामले में जांच जारी है. उधर ये मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि एक और मामले ने मित्र पुलिस को 'बदनाम' करने का प्रयास किया है.

पुलिस कर्मी का जूते से हमला: राजधानी देहरादून में ही विकास नगर स्थित क्षेत्र में एक पुलिसकर्मी का ऐसा ही वीडियो सामने आया. इस वीडियो ने तो पुलिस कर्मियों द्वारा शर्मसार करने के सारे रिकॉर्ड ही तोड़ दिए. वीडियो में एक कॉन्स्टेबल एक मजदूर को तालिबानी सजा की तरह जूतों की नोक से मारता हुआ दिखाई दिया. पुलिसकर्मी बूट की नोक से मजदूर को ना केवल पीट रहा है बल्कि उसके साथ अभद्र भाषा का प्रयोग भी कर रहा है. वीडियो विकासनगर के सहसपुर क्षेत्र के बद्रीपुर गांव का बताया गया है. हालांकि, मामला जैसे ही एसएसपी तक पहुंचा, पुलिसकर्मी को लाइन हाजिर कर दिया गया. इसके साथ ही मामले के जांच के आदेश भी दे दिए गए.
ये भी पढ़ेंः काश ऐसे कैंप हमेशा लगते, पुलिस ने सैलानियों का किया स्वागत, पर्यटक स्थलों से कराया रूबरू

पुलिस ने बैठाई विभागीय जांच: राजधानी देहरादून के इन दोनों घटनाओं ने पुलिस अधिकारी को भी सोचने पर विवश कर दिया है. लिहाजा, देहरादून एसएसपी दलीप सिंह कुंवर ने दोनों ही मामलों का संज्ञान लेते हुए विभागीय जांच के आदेश दिए हैं. एसएसपी का कहना है कि उत्तराखंड पुलिस को इस तरह के कृत्य करने की इजाजत नहीं है. अगर पुलिसकर्मी ही इस तरह की हरकतें करेंगे तो आम लोगों में पुलिस की अच्छी छवि प्रस्तुत नहीं होगी. लिहाजा, समय-समय पर पुलिसकर्मियों को संयम में रहने और अन्य बातों को लेकर समझाया जाता है, ताकि इस तरह की घटनाएं समाज में पुलिसकर्मियों द्वारा ना हो.

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मॉनसून के दौरान प्राकृतिक आपदा में प्रभावितों का रेस्क्यू करते उत्तराखंड पुलिस के जवान

ये पुलिस कर्मी बने मिसाल: उत्तराखंड में इस तरह की वीडियो सामने आने के बाद यह नहीं कहा जा सकता है कि सभी पुलिसकर्मी इस तरह की हरकतें करते हैं. उत्तराखंड पुलिस के ही जवान हैं जो केदारनाथ और हेमकुंड साहिब यात्रा पवाड़ पर तीर्थ यात्रियों को अपनी जान जोखिम में डालकर सुरक्षित यात्रा करा रहे हैं. उत्तराखंड पुलिस के ही जवान हैं जो प्राकृतिक या मानवीय घटनाओं में लोगों की जान बचाने के लिए गहरी खाई से लोगों का रेस्क्यू करते हैं.

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अपनी जान जोखिम में डालकर लोगों की रक्षा करते उत्तराखंड पुलिस के जवान

यह वही उत्तराखंड पुलिस है जिसकी महिला जवान ने धर्मनगरी हरिद्वार में बदतमीजी कर रहे दिल्ली पुलिस के जवान का चालान किया था. साथ ही दिल्ली पुलिस को उनके पुलिसकर्मी द्वारा किए गए अभद्र व्यवहार से अवगत भी कराया था. इसमें कोई दो राय नहीं है कि उत्तराखंड जैसे पहाड़ी राज्य में सिविल पुलिस हो या अन्य पुलिस की यूनिट, हमेशा से संकटमोचक रही है. लेकिन बड़े पुलिस अधिकारियों को यह भी समझना होगा कि चंद पुलिसकर्मियों की इस तरह की हरकतें पूरे डिपार्टमेंट को सोचने पर मजबूर कर देती है.
ये भी पढ़ेंः Chardham Yatra: केदारनाथ में मित्र पुलिस का 'ऑपरेशन मुस्कान', 'देवदूत' बन श्रद्धालुओं की बचा रहे जान

इन घटनाओं ने कराई 'मित्र पुलिस' की फजीहत

देहरादून: देवभूमि (उत्तराखंड) आने वाले पर्यटकों को अच्छा संदेश जाए, पर्यटकों को किसी प्रकार की कोई दिक्कत ना हो, इसके लिए राज्य सरकार और पुलिस महकमा हमेशा ही तैयार रहता है. इसी का नतीजा है कि कई घटनाओं में यात्रियों की सुरक्षा और धैर्य से काम को अंजाम देने के लिए उत्तराखंड पुलिस की सराहना भी राष्ट्रीय स्तर पर की जाती है. उत्तराखंड पुलिस को 'मित्र पुलिस' (स्लोगन) के नाम से भी जाना जाता है. इस स्लोगन को साकार करने के लिए पुलिस अधिकारी लगातार समीक्षा करते रहते हैं. लेकिन राजधानी देहरादून में घटी दो घटनाओं ने मित्र पुलिस पर 'दाग' लगा दिया है.

सालाना करोड़ों पर्यटक उत्तराखंड पहुंचते हैं. इन पर्यटकों में देसी-विदेशी सभी पर्यटक शामिल होते हैं. चारधाम यात्रा पर भी लाखों श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. यात्रा को सुरक्षित और सुव्यवस्थित करवाने की जिम्मेदारी जितनी सरकार के अन्य विभागों पर रहती है, उससे कहीं अधिक व बड़ी जिम्मेदारी पुलिस महकमे पर रहती है. आपदा के समय भी यही पुलिसकर्मी अपनी इच्छा शक्ति, संयम और एकाग्रता का परिचय देते हुए सैकड़ों लोगों की जान बचाते हैं. इसी का नतीजा है कि उत्तराखंड पुलिस महकमे की कई बार तारीफ ना केवल राज्य सरकार बल्कि केंद्र सरकार भी करती रहती है. लेकिन उसके बावजूद भी उत्तराखंड के कुछ पुलिसकर्मी अपनी हरकतों से देश को नकारात्मक संदेश दे रहे हैं. ऐसे ही दो मामले राजधानी देहरादून से सामने आए हैं.
ये भी पढ़ेंः बल्लीवाल में पुलिसकर्मी ने युवक को पीटा, वीडियो वायरल

सरेबाजार शख्स पर थप्पड़ों का प्रहार: पहला मामला देहरादून के बल्लीवाला चौक पर चेकिंग के दौरान का है, जहां एक पुलिस कर्मी पहले तो शख्स से बातचीत करता है. उसके बाद सरेबाजार व्यक्ति पर थप्पड़ों की बरसात कर देता है. एक के बाद एक थप्पड़ से सहमा व्यक्ति लगातार बचने का प्रयास करता है. इस दौरान पुलिस कर्मी की ये पूरी दबंगई कैमरे में कैद हो जाती है और देखते ही देखते सोशल मीडिया की सुर्खियां बन जाती है. मामला पुलिस अधिकारियों तक पहुंचती है तो संबंधित पुलिसकर्मी के खिलाफ जांच बैठाई जाती है. पता लगाया जा है कि पूरा प्रकरण आखिर किस बात पर और क्यों शुरू हुआ. फिलहाल मामले में जांच जारी है. उधर ये मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि एक और मामले ने मित्र पुलिस को 'बदनाम' करने का प्रयास किया है.

पुलिस कर्मी का जूते से हमला: राजधानी देहरादून में ही विकास नगर स्थित क्षेत्र में एक पुलिसकर्मी का ऐसा ही वीडियो सामने आया. इस वीडियो ने तो पुलिस कर्मियों द्वारा शर्मसार करने के सारे रिकॉर्ड ही तोड़ दिए. वीडियो में एक कॉन्स्टेबल एक मजदूर को तालिबानी सजा की तरह जूतों की नोक से मारता हुआ दिखाई दिया. पुलिसकर्मी बूट की नोक से मजदूर को ना केवल पीट रहा है बल्कि उसके साथ अभद्र भाषा का प्रयोग भी कर रहा है. वीडियो विकासनगर के सहसपुर क्षेत्र के बद्रीपुर गांव का बताया गया है. हालांकि, मामला जैसे ही एसएसपी तक पहुंचा, पुलिसकर्मी को लाइन हाजिर कर दिया गया. इसके साथ ही मामले के जांच के आदेश भी दे दिए गए.
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पुलिस ने बैठाई विभागीय जांच: राजधानी देहरादून के इन दोनों घटनाओं ने पुलिस अधिकारी को भी सोचने पर विवश कर दिया है. लिहाजा, देहरादून एसएसपी दलीप सिंह कुंवर ने दोनों ही मामलों का संज्ञान लेते हुए विभागीय जांच के आदेश दिए हैं. एसएसपी का कहना है कि उत्तराखंड पुलिस को इस तरह के कृत्य करने की इजाजत नहीं है. अगर पुलिसकर्मी ही इस तरह की हरकतें करेंगे तो आम लोगों में पुलिस की अच्छी छवि प्रस्तुत नहीं होगी. लिहाजा, समय-समय पर पुलिसकर्मियों को संयम में रहने और अन्य बातों को लेकर समझाया जाता है, ताकि इस तरह की घटनाएं समाज में पुलिसकर्मियों द्वारा ना हो.

uttarakhand police
मॉनसून के दौरान प्राकृतिक आपदा में प्रभावितों का रेस्क्यू करते उत्तराखंड पुलिस के जवान

ये पुलिस कर्मी बने मिसाल: उत्तराखंड में इस तरह की वीडियो सामने आने के बाद यह नहीं कहा जा सकता है कि सभी पुलिसकर्मी इस तरह की हरकतें करते हैं. उत्तराखंड पुलिस के ही जवान हैं जो केदारनाथ और हेमकुंड साहिब यात्रा पवाड़ पर तीर्थ यात्रियों को अपनी जान जोखिम में डालकर सुरक्षित यात्रा करा रहे हैं. उत्तराखंड पुलिस के ही जवान हैं जो प्राकृतिक या मानवीय घटनाओं में लोगों की जान बचाने के लिए गहरी खाई से लोगों का रेस्क्यू करते हैं.

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अपनी जान जोखिम में डालकर लोगों की रक्षा करते उत्तराखंड पुलिस के जवान

यह वही उत्तराखंड पुलिस है जिसकी महिला जवान ने धर्मनगरी हरिद्वार में बदतमीजी कर रहे दिल्ली पुलिस के जवान का चालान किया था. साथ ही दिल्ली पुलिस को उनके पुलिसकर्मी द्वारा किए गए अभद्र व्यवहार से अवगत भी कराया था. इसमें कोई दो राय नहीं है कि उत्तराखंड जैसे पहाड़ी राज्य में सिविल पुलिस हो या अन्य पुलिस की यूनिट, हमेशा से संकटमोचक रही है. लेकिन बड़े पुलिस अधिकारियों को यह भी समझना होगा कि चंद पुलिसकर्मियों की इस तरह की हरकतें पूरे डिपार्टमेंट को सोचने पर मजबूर कर देती है.
ये भी पढ़ेंः Chardham Yatra: केदारनाथ में मित्र पुलिस का 'ऑपरेशन मुस्कान', 'देवदूत' बन श्रद्धालुओं की बचा रहे जान

Last Updated : Jun 26, 2023, 7:38 PM IST
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