नई दिल्ली : संसद में बजट सत्र के दौरान अनुदान की मांगों पर चर्चा के दौरान भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि हमें (भारत को) अपने पड़ोसियों के साथ अच्छे संबंध रखने हैं. चीन नेपाल में अपना प्रभाव डालने की कोशिश कर रहा है. अंग्रेजों ने अच्छा एग्रीमेंट साइन कर दिया था. बफर स्टेट की कल्पना थी हमारी. नेपाल, भूटान और तिब्बत बफर स्टेट थे. उन्होंने कहा कि रूस को चाहे जितनी गाली दे दीजिए मैं व्यक्तिगत रूप से मानता हूं कि अगर रूस ने यूक्रेन पर हमला किया है तो ठीक किया है. उन्होंने कहा कि रूस की सीमा पर यूक्रेन ने यह एग्रीमेंट साइन किया तो वह कभी नाटो का पार्ट नहीं बनेगा, लेकिन आज अगर वह नाटो का हिस्सा बनना चाह रहा है.
उसने भारत की दुर्गति देखी है. कांग्रेस ने जब तिब्बत को दे दिया तो चीन हमारी सीमा पर आ गया है. चीन के साथ मुकाबला करने में हम अक्सर परेशान रहते हैं, अपने संसाधन ले जाते हैं. रूस के पास कोई चारा नहीं था, सिवाय यूक्रेन पर हमला करने के. उन्होंने कहा कि भारत के पास नेपाल और भूटान के साथ नजदीकी बढ़ाने का विकल्प है. हालांकि, इसके लिए कई चीजें किए जाने की जरूरत है.
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निशिकांत दुबे के बयान के बाद कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने सख्त आपत्ति दर्ज कराई. उन्होंने कहा कि निशिकांत दुबे के बयान को सदन की कार्यवाही से हटाना चाहिए. इस पर स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि चर्चा के लिए निर्धारित विषयों पर बात की जाए. हालांकि, दुबे का बयान लोक सभा की कार्यवाही से हटाया जाएगा कि नहीं, स्पीकर ने इस पर कोई फैसला नहीं लिया. बता दें कि दुबे झारखंड की गोड्डा लोक सभा सीट से निर्वाचित सांसद हैं.