पुणे/मुंबई : महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार को कहा, बाढ़ की मुश्किलों का एकमात्र हल प्रभावित लोगों का पुनर्वास है और राज्य सरकार इस मोर्चे पर हरसंभव सहायता देगी.
कोल्हापुर जिले में पिछले सप्ताह की मूसलाधार वर्षा और बाढ़ से हुए नुकसान का जायजा लेने पहुंचे ठाकरे ने बाढ़ प्रभावित लोगों से अपने पुनर्वास के बारे में मिल-बैठकर फैसला करने की अपील की और ऐसे गांवों से इस संबंध में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित करने का आग्रह किया.
स्थिति का जायजा लेने के बाद मुख्यमंत्री ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, बाढ़ संभावित क्षेत्रों में रह रहे लोगों के सामने उत्पन्न होने वाली परेशानियों का स्थायी हल ढूंढने के लिए शीघ्र ही कड़े कदम उठाये जायेंगे.
शिरोली तहसील के एक गांव में अस्थायी शिविरों में रह रहे बाढ़ प्रभावितों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, यदि समूचा गांव पुनर्वास के लिए तैयार है तो राज्य सरकार उन्हें इस प्रक्रिया में जरूरी सभी मदद देगी.
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उन्होंने ग्रामीणों से कहा, पुनर्वास ही बाढ़ से उत्पन्न होने वाली परेशानियों का एकमात्र हल है. आप (बाढ़ प्रभावित गांवों के) सभी लोग मिल-बैठकर (पुनर्वास के बारे में) फैसला कीजिए और हम मदद करेंगे.
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार राज्य में बाढ़ संभावित गांवों की समस्याओं का स्थायी हल ढूंढने की इच्छुक है.
नरसिंहवादी में ग्रामीणों ने ठाकरे से 2019 की बाढ, पिछले सप्ताह की बाढ़ और कोविड महामारी के बारे में जिक्र किया. साथ ही कहा कि पिछले तीन सालों में इन चीजों ने उनकी जिंदगी तबाह कर दी है. उन्हें अपनी जिंदगी पटरी पर लाने के लिए सहायता चाहिए.
शाहपुरी क्षेत्र में ठाकरे ने लोगों से कहा, चिंता मत कीजिए. सरकार हल ढूंढने के लिए यहां के निर्वाचित प्रतिनिधियों के साथ संवाद करेगी. स्थानीय लोगों ने बताया कि इस साल की बाढ़ 2005 और 2019 की बाढ़ से अधिक अधिक है.
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अपने इस दौरे के दौरान शाहपुरी में मुख्यमंत्री की मुलाकात विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस से हुई. फडणवीस भी बाढ़ की स्थिति का जायजा लेने के लिए पश्चिमी महाराष्ट्र के दौरे पर हैं.
महाराष्ट्र के कई हिस्सों में बाढ़ एवं भूस्खलन के चलते 213 लोगों की जान चली गयी और हजारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया. कोंकण तथा पश्चिमी महाराष्ट्र के कोल्हापुर और सांगली जिलों में भयंकर नुकसान हुआ है.
ठाकरे ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के भूस्खलन संभावित इलाकों की कॉलोनियां स्थानांतरित की जाएंगी. उन्होंने कहा, स्थिति की प्रथम दृष्टया गंभीरता जानने के बाद मैं तब तक चैन नहीं लूंगा, जब तक बाढ़ प्रबंधन का स्थायी हल ढूंढने की प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती.
(भाषा)