हरिद्वार: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश में लैंड जिहाद के खिलाफ जो अभियान छेड़ा है, उसकी हरिद्वार के साधु-संतों ने प्रशंसा की है. साथ काली सेना के प्रमुख और शंकराचार्य परिषद के अध्यक्ष स्वामी आनंद स्वरूप ने हरिद्वार कोतवाली पुलिस को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने हरिद्वार की ज्वालापुर विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक रवि बाहदुर के खिलाफ हिंदूओं की भावनाएं आहत करने का मुकदमा दर्ज करने की मांग की है.
शंकराचार्य परिषद की तरफ से हरिद्वार कोतवाली पुलिस को जो पत्र भेजा है, उसमें उन्होंने लिखा है कि पिछले दिनों ज्वालापुर के विधायक रवि बाहदुर ने दंगा भड़काने और हिंदूओं की आस्था को चोट पहुंचाने की नियत से मजार को जो की अवैध है, उसे समाधि कहा था.
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अध्यक्ष स्वामी आनंद स्वरूप ने लिखा कि समाधि संतों और ऋषियों की पूजनीय स्थल होती है और इस्लाम में मजार कब्रिस्तान है, जहां पर उनका पूजा पाठ नहीं होता है, तो मजार समाधि कैसे हो सकती है? अध्यक्ष स्वामी आनंद स्वरूप का आरोप है कि विधायक रवि बाहदुर ने जानबूझकर हिंदू धर्म को नीचा दिखाने की नियत से यह बयान दिया है, जिससे उनकी धार्मिक भवनाएं आहत हुई है. इसीलिए उन्होंने सरकार से विधायक रवि बाहदुर के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग है. यदि ऐसा नहीं हुआ तो वो सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेंगे.
वहीं, स्वामी आनंद स्वरूप ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से अपील की है कि उन्होंने लैंड जिहाद खिलाफ जो अभियान छेड़ा है, उसमें और सख्ती की जाए. स्वामी आनंद स्वरूप ने दावा किया है कि देवभूमि उत्तराखंड में करीब 20 हजार मजारे है, जिसमें से करीब 400 मजरों को ही हटाया गया है. इन्हें भी जल्द से जल्द हटना चाहिए.
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स्वामी आनंद स्वरूप ने बीजेपी को सलाह दी है कि वो आगामी चुनाव में लैंड जिहाद के मुद्दे को अपने घोषणा पत्र में शामिल करे और बीजेपी वादा करें की जब 2024 में उनकी सरकार दोबार चुन कर सत्ता में आएगी तो वो देशभर के अवैध मजारों का हटाने का काम करेंगी.
धर्मनगरी हरिद्वार में सत्यापन अभियान चलाने की मांग: इसी के साथ काली सेना प्रमुख स्वामी आनंद स्वरूप में हरिद्वार में सत्यापन अभियान चलाने की भी मांग की है. स्वामी आनंद स्वरूप का कहना है कि कई मुसलमान अपने आप को हिंदू बताकर और भेष बदलकर हरिद्वार में रह रहे हैं, जिसके लिए प्रशासन को एक सत्यापन अभियान चलाना चाहिए. जिससे धर्मनगरी हरिद्वार में यह किसी भी तरह का अधर्म ना कर सके.