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उत्तराखंड भारत का मस्तक, राष्ट्रहित में इसका सशक्त होना बेहद जरूरी: निशंक

हरिद्वार सांसद रमेश पोखरियाल निशंक से ईटीवी भारत ने खास बातचीत की. उत्तराखंड के विकास के मुद्दे और सरकार-संगठन के बीच मतभेद की खबरों पर भी रमेश पोखरियाल निशंक ने बेबाकी से अपनी राय रखी. पढ़ें उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और हरिद्वार सांसद रमेश पोखरियाल निशंक का पूरा एक्सक्लूसिव इंटरव्यू.

Nishank Uttarakhand Interview
उत्तराखंड भारत का मस्तक
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Published : Jul 4, 2022, 7:39 PM IST

हैदराबाद: भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में शिरकत करने के बाद उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने रामोजी फिल्म सिटी का दौरा किया और ईटीवी भारत की एडिटोरियम टीम से भी मुलाकात की. इस दौरान ईटीवी भारत ने उत्तराखंड के विकास को लेकर रमेश पोखरियाल 'निशंक' से सवाल-जवाब किया. इस दौरान निशंक ने उत्तराखंड के विकास के मुद्दे और सरकार-संगठन के बीच मतभेद की खबरों को लेकर बेबाकी से जवाब दिया.

सवाल: आपने उत्तराखंड का नेतृत्व किया है, उत्तराखंड को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उम्मीदें बहुत हैं. पीएम मोदी 10 साल में उत्तराखंड को कहीं और देखना चाहते हैं. ऐसे में आपको क्या लगता है कौन से ऐसे काम हैं, जो छूट गए हैं.

जवाब: सवाल के जवाब में रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि अटल जी ने पहाड़ की पीड़ा को समझते हुए उत्तराखंड को अलग राज्य का दर्जा दिया था. अटल जी ने कहा था कि मैंने उत्तराखंड को बनाया है. जबकि, मोदी जी का कहना है कि वो उत्तराखंड को संवारेंगे. ईटीवी भारत से खास बातचीत में निशंक के आगे कहा कि उत्तराखंड भारत का मस्तक है और देश की एकता एवं अखंडता के लिए इसका मजबूत होना बेहद जरूरी है.

उत्तराखंड भारत का मस्तक है- निशंक

निशंक ने कहा कि पहाड़ का पानी और जवानी देश का काम आया है. उत्तराखंड के लगभग हर घर से एक नौजवान भारतीय सेना में जाकर देश की सेवा करते हुए जान कुर्बानी देते हैं. वहीं, दूसरी तरफ उनकी माताएं एवं बहनें चीन एवं नेपाल सीमा से लगे गांवों में रहकर सजग प्रहरी की भूमिका भी निभाती हैं.

ये भी पढ़ें: Nishank Exclusive: तेलंगाना में अगली सरकार BJP की, NEP और अग्निपथ योजनाएं गेम चेंजर

सवाल: उत्तराखंड पिछड़ा कहां हैं, जो 10 साल में उसे आगे ले जाने की रणनीति बन रही है?

जवाब: उत्तराखंड बनने के बाद राज्य को विकास के रास्ते पर ले जाने के लिए बीजेपी ने कोई कसर नहीं छोड़ी. हिमालय के पर्वतीय क्षेत्रों के हिसाब से उत्तराखंड में सड़कों एवं हवाई कनेक्टिविटी के रूप में अद्भभुत विकास कार्य किए गए हैं. इसीलिए पीएम नरेंद्र मोदी उत्तराखंड के विकास में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं. क्योंकि पीएम मोदी का हिमालय के प्रति अटूट श्रद्धा है. इसीलिए पीएम मोदी ने गंगा को स्वच्छ करने के लिए नमामि गंगे प्रोजेक्ट चलाया और इसके लिए अलग मंत्रालय का गठन भी किया. पीएम मोदी चाहते हैं उत्तराखंड पर्यटन के मानचित्र एक नया डेस्टिनेशन बनकर उभरे.

उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और हरिद्वार सांसद रमेश पोखरियाल ने आगे कहा कि केदारनाथ त्रासदी के समय गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए नरेंद्र मोदी ने मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाया था. लेकिन, तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने उनकी मदद लेने से इनकार कर दिया था. पीएम मोदी के मन में है कि उत्तराखंड देश के लिए मॉडल स्टेट हो सकता है, इसीलिए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि अगला दशक उत्तराखंड का होना चाहिए, इसीलिए केंद्र सरकार की मदद से उत्तराखंड का चहुमुंखी विकास हो रहा है. पिछले 5 साल में उत्तराखंड के विकास के लिए 1 लाख करोड़ रुपए से अधिक मोदी सरकार खर्च कर चुकी है. ऐसे में हर उत्तराखंड को तेजी से विकास के रास्ते पर ले जा रहे हैं.

सवाल: उत्तराखंड में सरकार और संगठन के बीच मतभेद की ख़बरों को आप कैसे देखते हैं?

जवाब: उत्तराखंड संगठन और सरकार में मतभेद के सवाल पर बोलते हुए निशंक ने कहा कि बीजेपी दुनिया की सबसे बड़ा राजनीतिक परिवार है. सरकार और संगठन के बीच कोई मतभेद नहीं है. निशंक ने कहा कि वो खुद उत्तराखंड संगठन में कई विभिन्न पदों पर रह चुके हैं और प्रदेश में बीजेपी पूरी तरह से एकजुट है. हालांकि कुछ ऐसे भी लोग हैं, जो सरकार और संगठन के बीच जबरन मतभेद करवाना चाहते हैं. लेकिन, ऐसे लोगों के मंसूबे सफल नहीं हो पाते हैं. उत्तराखंड में सरकार और संगठन एकजुट हैं. क्योंकि, अटल जी ने कहा था कि मैंने उत्तराखंड को बनाया है. जबकि, मोदी जी का कहना है कि वो उत्तराखंड को संवारेंगे. ऐसे में सरकार और संगठन अगला दशक उत्तराखंड के लिए बनाने के लिए जुटा हुआ है.

कौन हैं डॉ. निशंक: डॉ निशंक मोदी सरकार में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रहे हैं. वो उत्तराखंड भारतीय जनता पार्टी के प्रमुख नेता हैं और उत्तराखंड राज्य के पांचवें (2009 से 2011 तक मुख्यमंत्री रहे हैं. वो वर्तमान समय में हरिद्वार क्षेत्र से लोकसभा सांसद है और लोकसभा आश्वासन समिति के अध्यक्ष हैं. रमेश पोखरियाल निशंक एक प्रसिद्ध हिंदी कवि भी हैं. उन्होंने हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल यूनिवर्सिटी, श्रीनगर गढ़वाल से कला स्नातकोत्तर, पीएचडी (ऑनर), डी लिट् (ऑनर) की डिग्री प्राप्त की है. रमेश पोखरियाल 'निशंक' 1991 में पहली बार उत्तर प्रदेश विधानसभा के लिए कर्णप्रयाग निर्वाचन-क्षेत्र से चुने गए थे. इसके बाद 1993 और 1996 में दोबारा उसी निर्वाचन क्षेत्र से उत्तर प्रदेश विधानसभा के लिए चुने गए. 1997 में वो उत्तर प्रदेश राज्य सरकार के उत्तरांचल विकास मंत्री बनें.

  1. वर्ष 1991 से वर्ष 2012 तक पांच बार यूपी-उत्तराखंड की विधानसभा में विधायक रहे.
  2. वर्ष 1991 में पहली बार उत्तर प्रदेश में कर्णप्रयाग से विधायक निर्वाचित. उसके बाद लगातार तीन बार विधायक.
  3. 1997 में यूपी सरकार में कल्याण सिंह मंत्रीमंडल में पर्वतीय विकास विभाग के कैबिनेट मंत्री.
  4. 1999 में रामप्रकाश गुप्त की सरकार में संस्कृति पूर्त एवं धर्मस्व मंत्री.
  5. 2000 में उत्तराखंड राज्य निर्माण के बाद प्रदेश के पहले वित्त, राजस्व, कर, पेयजल सहित 12 विभागों के मंत्री.
  6. 2007 में उत्तराखंड सरकार में चिकित्सा स्वास्थ्य, भाषा व विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग के मंत्री.
  7. 2009 में उत्तराखंड प्रदेश के सबसे युवा मुख्यमंत्री.
  8. 2012 में डोईवाला (देहरादून) क्षेत्र से विधायक निर्वाचित.
  9. 2014 में डोईवाला से इस्तीफा देकर हरिद्वार लोकसभा क्षेत्र से सांसद निर्वाचित.
  10. वर्तमान में लोकसभा की सरकारी आश्वासन समिति के सभापति.

हैदराबाद: भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में शिरकत करने के बाद उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने रामोजी फिल्म सिटी का दौरा किया और ईटीवी भारत की एडिटोरियम टीम से भी मुलाकात की. इस दौरान ईटीवी भारत ने उत्तराखंड के विकास को लेकर रमेश पोखरियाल 'निशंक' से सवाल-जवाब किया. इस दौरान निशंक ने उत्तराखंड के विकास के मुद्दे और सरकार-संगठन के बीच मतभेद की खबरों को लेकर बेबाकी से जवाब दिया.

सवाल: आपने उत्तराखंड का नेतृत्व किया है, उत्तराखंड को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उम्मीदें बहुत हैं. पीएम मोदी 10 साल में उत्तराखंड को कहीं और देखना चाहते हैं. ऐसे में आपको क्या लगता है कौन से ऐसे काम हैं, जो छूट गए हैं.

जवाब: सवाल के जवाब में रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि अटल जी ने पहाड़ की पीड़ा को समझते हुए उत्तराखंड को अलग राज्य का दर्जा दिया था. अटल जी ने कहा था कि मैंने उत्तराखंड को बनाया है. जबकि, मोदी जी का कहना है कि वो उत्तराखंड को संवारेंगे. ईटीवी भारत से खास बातचीत में निशंक के आगे कहा कि उत्तराखंड भारत का मस्तक है और देश की एकता एवं अखंडता के लिए इसका मजबूत होना बेहद जरूरी है.

उत्तराखंड भारत का मस्तक है- निशंक

निशंक ने कहा कि पहाड़ का पानी और जवानी देश का काम आया है. उत्तराखंड के लगभग हर घर से एक नौजवान भारतीय सेना में जाकर देश की सेवा करते हुए जान कुर्बानी देते हैं. वहीं, दूसरी तरफ उनकी माताएं एवं बहनें चीन एवं नेपाल सीमा से लगे गांवों में रहकर सजग प्रहरी की भूमिका भी निभाती हैं.

ये भी पढ़ें: Nishank Exclusive: तेलंगाना में अगली सरकार BJP की, NEP और अग्निपथ योजनाएं गेम चेंजर

सवाल: उत्तराखंड पिछड़ा कहां हैं, जो 10 साल में उसे आगे ले जाने की रणनीति बन रही है?

जवाब: उत्तराखंड बनने के बाद राज्य को विकास के रास्ते पर ले जाने के लिए बीजेपी ने कोई कसर नहीं छोड़ी. हिमालय के पर्वतीय क्षेत्रों के हिसाब से उत्तराखंड में सड़कों एवं हवाई कनेक्टिविटी के रूप में अद्भभुत विकास कार्य किए गए हैं. इसीलिए पीएम नरेंद्र मोदी उत्तराखंड के विकास में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं. क्योंकि पीएम मोदी का हिमालय के प्रति अटूट श्रद्धा है. इसीलिए पीएम मोदी ने गंगा को स्वच्छ करने के लिए नमामि गंगे प्रोजेक्ट चलाया और इसके लिए अलग मंत्रालय का गठन भी किया. पीएम मोदी चाहते हैं उत्तराखंड पर्यटन के मानचित्र एक नया डेस्टिनेशन बनकर उभरे.

उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और हरिद्वार सांसद रमेश पोखरियाल ने आगे कहा कि केदारनाथ त्रासदी के समय गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए नरेंद्र मोदी ने मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाया था. लेकिन, तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने उनकी मदद लेने से इनकार कर दिया था. पीएम मोदी के मन में है कि उत्तराखंड देश के लिए मॉडल स्टेट हो सकता है, इसीलिए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि अगला दशक उत्तराखंड का होना चाहिए, इसीलिए केंद्र सरकार की मदद से उत्तराखंड का चहुमुंखी विकास हो रहा है. पिछले 5 साल में उत्तराखंड के विकास के लिए 1 लाख करोड़ रुपए से अधिक मोदी सरकार खर्च कर चुकी है. ऐसे में हर उत्तराखंड को तेजी से विकास के रास्ते पर ले जा रहे हैं.

सवाल: उत्तराखंड में सरकार और संगठन के बीच मतभेद की ख़बरों को आप कैसे देखते हैं?

जवाब: उत्तराखंड संगठन और सरकार में मतभेद के सवाल पर बोलते हुए निशंक ने कहा कि बीजेपी दुनिया की सबसे बड़ा राजनीतिक परिवार है. सरकार और संगठन के बीच कोई मतभेद नहीं है. निशंक ने कहा कि वो खुद उत्तराखंड संगठन में कई विभिन्न पदों पर रह चुके हैं और प्रदेश में बीजेपी पूरी तरह से एकजुट है. हालांकि कुछ ऐसे भी लोग हैं, जो सरकार और संगठन के बीच जबरन मतभेद करवाना चाहते हैं. लेकिन, ऐसे लोगों के मंसूबे सफल नहीं हो पाते हैं. उत्तराखंड में सरकार और संगठन एकजुट हैं. क्योंकि, अटल जी ने कहा था कि मैंने उत्तराखंड को बनाया है. जबकि, मोदी जी का कहना है कि वो उत्तराखंड को संवारेंगे. ऐसे में सरकार और संगठन अगला दशक उत्तराखंड के लिए बनाने के लिए जुटा हुआ है.

कौन हैं डॉ. निशंक: डॉ निशंक मोदी सरकार में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रहे हैं. वो उत्तराखंड भारतीय जनता पार्टी के प्रमुख नेता हैं और उत्तराखंड राज्य के पांचवें (2009 से 2011 तक मुख्यमंत्री रहे हैं. वो वर्तमान समय में हरिद्वार क्षेत्र से लोकसभा सांसद है और लोकसभा आश्वासन समिति के अध्यक्ष हैं. रमेश पोखरियाल निशंक एक प्रसिद्ध हिंदी कवि भी हैं. उन्होंने हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल यूनिवर्सिटी, श्रीनगर गढ़वाल से कला स्नातकोत्तर, पीएचडी (ऑनर), डी लिट् (ऑनर) की डिग्री प्राप्त की है. रमेश पोखरियाल 'निशंक' 1991 में पहली बार उत्तर प्रदेश विधानसभा के लिए कर्णप्रयाग निर्वाचन-क्षेत्र से चुने गए थे. इसके बाद 1993 और 1996 में दोबारा उसी निर्वाचन क्षेत्र से उत्तर प्रदेश विधानसभा के लिए चुने गए. 1997 में वो उत्तर प्रदेश राज्य सरकार के उत्तरांचल विकास मंत्री बनें.

  1. वर्ष 1991 से वर्ष 2012 तक पांच बार यूपी-उत्तराखंड की विधानसभा में विधायक रहे.
  2. वर्ष 1991 में पहली बार उत्तर प्रदेश में कर्णप्रयाग से विधायक निर्वाचित. उसके बाद लगातार तीन बार विधायक.
  3. 1997 में यूपी सरकार में कल्याण सिंह मंत्रीमंडल में पर्वतीय विकास विभाग के कैबिनेट मंत्री.
  4. 1999 में रामप्रकाश गुप्त की सरकार में संस्कृति पूर्त एवं धर्मस्व मंत्री.
  5. 2000 में उत्तराखंड राज्य निर्माण के बाद प्रदेश के पहले वित्त, राजस्व, कर, पेयजल सहित 12 विभागों के मंत्री.
  6. 2007 में उत्तराखंड सरकार में चिकित्सा स्वास्थ्य, भाषा व विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग के मंत्री.
  7. 2009 में उत्तराखंड प्रदेश के सबसे युवा मुख्यमंत्री.
  8. 2012 में डोईवाला (देहरादून) क्षेत्र से विधायक निर्वाचित.
  9. 2014 में डोईवाला से इस्तीफा देकर हरिद्वार लोकसभा क्षेत्र से सांसद निर्वाचित.
  10. वर्तमान में लोकसभा की सरकारी आश्वासन समिति के सभापति.
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