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CM धामी उद्यान विभाग की गिना रहे थे उपलब्धि, उधर उनके ही विधायक ने 'ग्राउंड रिपोर्टिंग' कर खोल दी पोल! - उद्यान विभाग में घोटाला

उत्तराखंड में एक तरफ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एक तरफ उद्याग विभाग की उपलब्धियों को गिना रहे थे तो दूसरी तरफ उनके ही बीजेपी विधायक ने ग्राउंड रिपोर्टिंग कर हकीकत सबके सामने रख दी. जी हां, यह वाकया उस वक्त हुआ, जब देहरादून में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था. जहां सीएम धामी प्रदेश में बागवानी समेत खेती पर जोर देने की बात कर रहे थे. उधर, पुरोला विधायक दुर्गेश्वर लाल जरमोला स्थित उद्यान विभाग के अनुसंधान केंद्र की नर्सरी पहुंचकर रियलिटी से रूबरू कराते दिखे. हैरानी तो तब हो गई, जब खुद विधायक कहने लगे कि यह स्थान भ्रष्टाचार का अड्डा बना हुआ है.

Purola MLA Durgeshwar Lal
विधायक ने 'ग्राउंड रिपोर्टिंग' कर खोल दी पोल!
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Published : Apr 20, 2023, 4:18 PM IST

Updated : Apr 21, 2023, 12:18 PM IST

विधायक ने 'ग्राउंड रिपोर्टिंग' कर खोल दी पोल!

देहरादूनः मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बागवानी के क्षेत्र में क्रांति लाने की कवायद में हैं. साथ ही किसानों की आय दोगुनी करने की बात कह रहे हैं. बीती रोज जहां एक ओर खुद सीएम धामी और भगत सिंह कोश्यारी देहरादून में उद्यान विभाग के बड़े कार्यक्रम में सरकार की योजनाओं के बारे बता रहे थे तो वहीं दूसरी ओर उनकी इन योजनाओं और धरातल की स्थितियों की हकीकत कोई और नहीं बल्कि, खुद उनके ही विधायक बयां कर रहे थे. उत्तरकाशी के सीमांत क्षेत्र में उद्यान विभाग ने क्या काम किए हैं, इसकी हकीकत विधायक दुर्गेश्वर लाल ने ग्राउंड पर पहुंचकर बताई. जहां उन्होंने बताया कि कैसे विभाग में भ्रष्टाचार का घुन लग गया है.

दरअसल, बीती रोज 20 अप्रैल को देहरादून के वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्‍थान में इंडो डच हॉर्टिकल्चर एवं कोका कोला इंडिया की ओर से आयोजित 'संकल्प से परिवर्तन की ओर' कार्यक्रम में सीएम धामी ने शिरकत की. जहां उन्होंने सेब उत्पादन के क्षेत्र में बेहतर काम करने वाले लोगों को सम्मानित भी किया. इस मौके पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य सरकार की ओर से तमाम योजनाओं का बखान किया. उन्होंने बताया कि इस बार 823 करोड़ रुपए का बजट उद्यान विभाग के लिए जारी किया गया है. साथ ही बताया कि इस बार नाबार्ड से 18 हजार पॉली हाउस के लिए 280 करोड़ रुपए जारी करवाए गए हैं.

पॉली हाउस का कॉन्सेप्ट साबित होगा गेम चेंजरः सीएम धामी ने अपने संबोधन में ये भी बताया कि किस तरह से आने वाले समय में पॉली हाउस गेम चेंजर साबित हो सकते हैं. इस दौरान उन्होंने कृषि और उद्यान को बढ़ावा देने के साथ ही प्राकृतिक खेती पर आधारित विकल्पों पर ध्यान देने की बात भी कही. उनका कहना था कि उत्तराखंड में एप्पल और कीवी उत्पादन पर फोकस किया जा रहा है. इसे मिशन मोड पर संचालित किया जा रहा है. सरकारी बीते कई सालों से हिमाचल की तरह ही उत्तराखंड के सेबों को पहचान दिलाने की भरसक प्रयास कर रही है, लेकिन आज भी उत्तरकाशी हो या अन्य क्षेत्रों के सेब हिमाचल की पेटी पैक होकर मंडियों तक पहुंचते हैं.

मौजूदा समय में गणेश जोशी सूबे के कृषि मंत्री हैं. लिहाजा, उनकी भी जिम्मेदारी बनती है कि वो धरातल पर जाकर विभाग के कार्यों को देखें. हर जगह पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी न जा पाएं, लेकिन विधायक और मंत्रियों को समय समय पर धरताल पर जाकर योजनाओं की हकीकत तो जाननी चाहिए. आखिर इतना पैसा का कहीं सदुपयोग भी हो रहा है या नहीं, लेकिन धामी सरकार के एक विधायक ऐसे निकले जिन्होंने धरातल की हकीकत सामने ला दी. दरअसल, बीजेपी विधायक दुर्गेश्वर लाल जरमोला स्थित उद्यान विभाग के अनुसंधान केंद्र की नर्सरी में निरीक्षण करने पहुंचे तो हकीकत देख उनका पारा चढ़ गया.
ये भी पढ़ेंः विधायक जी को अपने क्षेत्र की दुर्दशा का तब पता चला, जब खुद हलक में अटकी जान, देखें VIDEO

बीजेपी विधायक दुर्गेश्वर लाल ने की 'ग्राउंड रिपोर्टिंग': पुरोला से विधायक दुर्गेश्वर लाल ने जरमोला अनुसंधान केंद्र की नर्सरी में जो कुछ देखा, उसे देख वे हैरान रह गए. इतना ही नहीं, उन्होंने अपने सहयोगी के हाथ में मोबाइल थमा दिया और खुद उद्यान विभाग और नर्सरी की हकीकत दिखानी शुरू कर दी. दुर्गेश्वर लाल का कहना था कि बीते लंबे समय से इस पॉली हाउस में गड़बड़ी की सूचना मिल रही थी, लेकिन उनका आना नहीं हो पा रहा था. आज जब वो मौके पर आए तो हालत काफी खराब मिले. यहां पर जम्मू कश्मीर से पौधे लाए गए हैं. भारत टेंडर नाम की कंपनी को काम दिया गया है और इस काम को करने वाले उस कंपनी के अधिकारी जमाल पैसों को डकार रहे हैं.

उनका कहना था कि हर साल सरकार इस पॉली हाउस के लिए पैसे दे रही है, लेकिन उन्हें लगता है कि यहां पर अवैध काम होते हैं. एक के बाद एक दुर्गेश्वर लाल उद्यान विभाग और उससे जुड़े अधिकारियों की कलई खोल रहे थे. आगे विधायक कहते हैं कि अधिकारी लगातार लोगों को गुमराह कर रहे हैं. जिस जगह पर अधिकारी और कर्मचारियों को बैठना चाहिए था, आज वहां पर कुत्ते और मवेशियों का अड्डा बना हुआ है, यह सब पैसे ठिकाने लगाने के लिए किया जा रहा है. जो अधिकारी इसमें शामिल है, उनके लिए भी यह जगह भ्रष्टाचार का अड्डा बना हुआ है.

दुर्गेश्वर लाल यहां भी नहीं रुकते, आगे वे आरोप लगाते हैं कि उत्तराखंड में भ्रष्टाचार चरम पर है. हालांकि, बाद में वे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से अपील भी कर रहे हैं कि इन तमाम लोगों की जांच की जाए. जो भी इस गड़बड़ी में शामिल हैं, उसे किसी भी सूरत में बख्शा न जाए. गौर हो कि खुद दुर्गेश्वर लाल सेब उत्पादन करने वाले क्षेत्र से आते हैं, ऐसे में उन्हें सेब और खेती की जानकारी ज्यादा है. दुर्गेश्वर लाल युवा विधायकों में शामिल हैं. जो इस तरह से अपने क्षेत्र की लगातार आवाज उठाते रहते हैं.

विधायक दुर्गेश्वर लाल को जानिएः दुर्गेश्वर लाल उत्तरकाशी जिले के मोरी क्षेत्र के निवासी हैं. साल 2017 में उन्होंने निर्दलीय विधानसभा चुनाव लड़ा था. जिसमें उन्होंने बीजेपी और कांग्रेस के प्रत्याशियों को जबरदस्त टक्कर दी थी. इसके बाद उन्होंने साल 2021 में कांग्रेस का दामन थाम लिया था, लेकिन साल 2022 में टिकट बंटवारे से पहले ही उन्होंने एक बार फिर से बीजेपी के पाले में जाना उचित समझा. इतना ही नहीं बीजेपी ने दुर्गेश्वर पर विश्वास जताते हुए टिकट दिया. जिसमें उन्होंने जीत हासिल की और पुरोला विधानसभा से विधायक बन गए.

कोश्यारी बोले- जमीन पर देखनी होगी हकीकतः ऐसा नहीं है कि सिर्फ विधायक ही उद्यान विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर रहे है. देहरादून में आयोजित कार्यक्रम में उत्तराखंड के पूर्व सीएम रहे भगत सिंह कोश्यारी ने भी इस बात का जिक्र किया था कि मुख्यमंत्री को चाहिए कि वो सचिवालय के अधिकारियों को छोड़कर जो अधिकारी फील्ड में तैनात हैं, वो सातों दिन धरातल पर हो रहे कार्यों और हकीकत को देखते रहें. दफ्तरों में बैठकर किसी तरह का कोई भी काम नहीं किया जा सकता.

विधायक ने 'ग्राउंड रिपोर्टिंग' कर खोल दी पोल!

देहरादूनः मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बागवानी के क्षेत्र में क्रांति लाने की कवायद में हैं. साथ ही किसानों की आय दोगुनी करने की बात कह रहे हैं. बीती रोज जहां एक ओर खुद सीएम धामी और भगत सिंह कोश्यारी देहरादून में उद्यान विभाग के बड़े कार्यक्रम में सरकार की योजनाओं के बारे बता रहे थे तो वहीं दूसरी ओर उनकी इन योजनाओं और धरातल की स्थितियों की हकीकत कोई और नहीं बल्कि, खुद उनके ही विधायक बयां कर रहे थे. उत्तरकाशी के सीमांत क्षेत्र में उद्यान विभाग ने क्या काम किए हैं, इसकी हकीकत विधायक दुर्गेश्वर लाल ने ग्राउंड पर पहुंचकर बताई. जहां उन्होंने बताया कि कैसे विभाग में भ्रष्टाचार का घुन लग गया है.

दरअसल, बीती रोज 20 अप्रैल को देहरादून के वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्‍थान में इंडो डच हॉर्टिकल्चर एवं कोका कोला इंडिया की ओर से आयोजित 'संकल्प से परिवर्तन की ओर' कार्यक्रम में सीएम धामी ने शिरकत की. जहां उन्होंने सेब उत्पादन के क्षेत्र में बेहतर काम करने वाले लोगों को सम्मानित भी किया. इस मौके पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य सरकार की ओर से तमाम योजनाओं का बखान किया. उन्होंने बताया कि इस बार 823 करोड़ रुपए का बजट उद्यान विभाग के लिए जारी किया गया है. साथ ही बताया कि इस बार नाबार्ड से 18 हजार पॉली हाउस के लिए 280 करोड़ रुपए जारी करवाए गए हैं.

पॉली हाउस का कॉन्सेप्ट साबित होगा गेम चेंजरः सीएम धामी ने अपने संबोधन में ये भी बताया कि किस तरह से आने वाले समय में पॉली हाउस गेम चेंजर साबित हो सकते हैं. इस दौरान उन्होंने कृषि और उद्यान को बढ़ावा देने के साथ ही प्राकृतिक खेती पर आधारित विकल्पों पर ध्यान देने की बात भी कही. उनका कहना था कि उत्तराखंड में एप्पल और कीवी उत्पादन पर फोकस किया जा रहा है. इसे मिशन मोड पर संचालित किया जा रहा है. सरकारी बीते कई सालों से हिमाचल की तरह ही उत्तराखंड के सेबों को पहचान दिलाने की भरसक प्रयास कर रही है, लेकिन आज भी उत्तरकाशी हो या अन्य क्षेत्रों के सेब हिमाचल की पेटी पैक होकर मंडियों तक पहुंचते हैं.

मौजूदा समय में गणेश जोशी सूबे के कृषि मंत्री हैं. लिहाजा, उनकी भी जिम्मेदारी बनती है कि वो धरातल पर जाकर विभाग के कार्यों को देखें. हर जगह पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी न जा पाएं, लेकिन विधायक और मंत्रियों को समय समय पर धरताल पर जाकर योजनाओं की हकीकत तो जाननी चाहिए. आखिर इतना पैसा का कहीं सदुपयोग भी हो रहा है या नहीं, लेकिन धामी सरकार के एक विधायक ऐसे निकले जिन्होंने धरातल की हकीकत सामने ला दी. दरअसल, बीजेपी विधायक दुर्गेश्वर लाल जरमोला स्थित उद्यान विभाग के अनुसंधान केंद्र की नर्सरी में निरीक्षण करने पहुंचे तो हकीकत देख उनका पारा चढ़ गया.
ये भी पढ़ेंः विधायक जी को अपने क्षेत्र की दुर्दशा का तब पता चला, जब खुद हलक में अटकी जान, देखें VIDEO

बीजेपी विधायक दुर्गेश्वर लाल ने की 'ग्राउंड रिपोर्टिंग': पुरोला से विधायक दुर्गेश्वर लाल ने जरमोला अनुसंधान केंद्र की नर्सरी में जो कुछ देखा, उसे देख वे हैरान रह गए. इतना ही नहीं, उन्होंने अपने सहयोगी के हाथ में मोबाइल थमा दिया और खुद उद्यान विभाग और नर्सरी की हकीकत दिखानी शुरू कर दी. दुर्गेश्वर लाल का कहना था कि बीते लंबे समय से इस पॉली हाउस में गड़बड़ी की सूचना मिल रही थी, लेकिन उनका आना नहीं हो पा रहा था. आज जब वो मौके पर आए तो हालत काफी खराब मिले. यहां पर जम्मू कश्मीर से पौधे लाए गए हैं. भारत टेंडर नाम की कंपनी को काम दिया गया है और इस काम को करने वाले उस कंपनी के अधिकारी जमाल पैसों को डकार रहे हैं.

उनका कहना था कि हर साल सरकार इस पॉली हाउस के लिए पैसे दे रही है, लेकिन उन्हें लगता है कि यहां पर अवैध काम होते हैं. एक के बाद एक दुर्गेश्वर लाल उद्यान विभाग और उससे जुड़े अधिकारियों की कलई खोल रहे थे. आगे विधायक कहते हैं कि अधिकारी लगातार लोगों को गुमराह कर रहे हैं. जिस जगह पर अधिकारी और कर्मचारियों को बैठना चाहिए था, आज वहां पर कुत्ते और मवेशियों का अड्डा बना हुआ है, यह सब पैसे ठिकाने लगाने के लिए किया जा रहा है. जो अधिकारी इसमें शामिल है, उनके लिए भी यह जगह भ्रष्टाचार का अड्डा बना हुआ है.

दुर्गेश्वर लाल यहां भी नहीं रुकते, आगे वे आरोप लगाते हैं कि उत्तराखंड में भ्रष्टाचार चरम पर है. हालांकि, बाद में वे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से अपील भी कर रहे हैं कि इन तमाम लोगों की जांच की जाए. जो भी इस गड़बड़ी में शामिल हैं, उसे किसी भी सूरत में बख्शा न जाए. गौर हो कि खुद दुर्गेश्वर लाल सेब उत्पादन करने वाले क्षेत्र से आते हैं, ऐसे में उन्हें सेब और खेती की जानकारी ज्यादा है. दुर्गेश्वर लाल युवा विधायकों में शामिल हैं. जो इस तरह से अपने क्षेत्र की लगातार आवाज उठाते रहते हैं.

विधायक दुर्गेश्वर लाल को जानिएः दुर्गेश्वर लाल उत्तरकाशी जिले के मोरी क्षेत्र के निवासी हैं. साल 2017 में उन्होंने निर्दलीय विधानसभा चुनाव लड़ा था. जिसमें उन्होंने बीजेपी और कांग्रेस के प्रत्याशियों को जबरदस्त टक्कर दी थी. इसके बाद उन्होंने साल 2021 में कांग्रेस का दामन थाम लिया था, लेकिन साल 2022 में टिकट बंटवारे से पहले ही उन्होंने एक बार फिर से बीजेपी के पाले में जाना उचित समझा. इतना ही नहीं बीजेपी ने दुर्गेश्वर पर विश्वास जताते हुए टिकट दिया. जिसमें उन्होंने जीत हासिल की और पुरोला विधानसभा से विधायक बन गए.

कोश्यारी बोले- जमीन पर देखनी होगी हकीकतः ऐसा नहीं है कि सिर्फ विधायक ही उद्यान विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर रहे है. देहरादून में आयोजित कार्यक्रम में उत्तराखंड के पूर्व सीएम रहे भगत सिंह कोश्यारी ने भी इस बात का जिक्र किया था कि मुख्यमंत्री को चाहिए कि वो सचिवालय के अधिकारियों को छोड़कर जो अधिकारी फील्ड में तैनात हैं, वो सातों दिन धरातल पर हो रहे कार्यों और हकीकत को देखते रहें. दफ्तरों में बैठकर किसी तरह का कोई भी काम नहीं किया जा सकता.

Last Updated : Apr 21, 2023, 12:18 PM IST
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