देहरादूनः उत्तराखंड के परिवहन मंत्री चंदन रामदास का निधन हो गया है. उन्होंने बागेश्वर के एक अस्पताल में अंतिम सांस ली. वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे. चंदन रामदास इलाज के लिए कई बार दिल्ली भी जा चुके थे. यही वजह है कि वे काफी कम ही नजर आते थे. इन दिनों चंदन रामदास अपने गृह जनपद बागेश्वर में थे, लेकिन आज दोपहर को अचानक उनकी तबीयत खराब होने पर बागेश्वर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका निधन हो गया. उनके निधन के बाद उत्तराखंड की राजनीति को बड़ी क्षति पहुंची है.
चंदन रामदास का राजनीति सफरः बता दें कि चंदन रामदास चार बार के विधायक रहे हैं. पहली बार धामी 2.0 सरकार के मंत्रिमंडल में शामिल हुए. उनकी राजनीतिक करियर की बात करें तो चंदन रामदास साल 1980 से राजनीति में सक्रिय हुए. इसी के साथ ही साल 1997 में नगर पालिका बागेश्वर के निर्दलीय अध्यक्ष बने थे. इसके बाद साल 2006 में पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी से प्रेरित होकर बीजेपी में शामिल हुए, फिर साल 2007 में हुए विधानसभा चुनाव में पहली बार विधायक के रूप में चुने गए. इसके बाद उनके विधायक बनने का सिलसिला लगातार जारी रहा.
चंदन रामदास साल 2012, 2017 और फिर 2022 में लगातार विधानसभा का चुनाव जीतते आए. हालांकि, उन्हें लंबे समय से उम्मीद थी कि मंत्रिमंडल में बीजेपी जगह दे सकती है. उनकी उम्मीदों पर खरा उतरते हुए साल 2022 में बीजेपी सरकार के दोबारा वापसी के बाद धामी सरकार में चंदन रामदास को जगह दी गई. बता दें कि अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित बागेश्वर विधानसभा सीट चुनाव जीतते रहे हैं. चंदन रामदास कद्दावर जनप्रतिनिधि होने के साथ ही संगठन में बेहतर तालमेल के लिए जाने जाते थे. इतना ही नहीं जनता में भी उनकी काफी लोकप्रियता रही.
वहीं, साल 2022 में धामी सरकार के दोबारा सत्ता पर काबिज होने के बाद मंत्रियों को लेकर जद्दोजहद किया जा रहा था. इन्हीं जद्दोजहद के बीच चंदन रामदास का भी नाम सामने आया. लिहाजा, चंदन रामदास के लंबे राजनीतिक अनुभव और पार्टी संगठन के प्रति निष्ठा की वजह से ही उनको मंत्रिमंडल में जगह दी गई. इतना ही नहीं चार बार से लगातार विधायक होने की वजह से उनके क्षेत्र की जनता भी मंत्री पद की जिम्मेदारी दिए जाने की मांग कर रही थी, लेकिन उनकी निधन पर बड़ी क्षति मानी जा रही है.
उत्तराखंड में तीन दिन का राजकीय शोकः कैबिनेट मंत्री चंदन रामदास के निधन पर राज्य सरकार ने तीन दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है. इस दौरान प्रदेश के सभी कार्यालयों में राष्ट्रीय ध्वज आधे झुके रहेंगे. रामदास परिवहन विभाग के अलावा कई अन्य विभागों की भी जिम्मेदारी भी संभाल रहे थे. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी समेत अन्य मंत्रियों ने रामदास के आकस्मिक निधन पर गहरा दुख जताया है. उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल में हमारे वरिष्ठ साथी चंदन रामदास का निधन पूरे प्रदेश के लिए अपूरणीय क्षति है.
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उन्होंने समाज में गरीबों, शोषितों, पिछड़ों के लिए और आम आदमी की भलाई के लिए काम किया. सीएम पुष्कर धामी ने कहा कि चंदन रामदास एक संघर्षशील नेता थे. उन्होंने हमेशा समाज के अंतिम छोर में खड़े लोगों की आवाज को उठाने और समाधान की ओर ले जाने का काम किया. उनका व्यक्तित्व सरल, सहज और मृदुभाषी था. उन्होंने उनके परिजनों को दुख की इस घड़ी में धैर्य प्रदान करने की कामना की है.