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देश के अंतिम गांव माणा में गरजे PM मोदी, 'मेरे लिए सीमा पर बसा हर गांव देश का पहला गांव' - गुलामी के तराजू पर तौलते हैं विकास कार्य

भारत के आखिरी गांव माणा में देशवासियों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आज बाबा केदार और बदरी विशाल के दर्शन करके मन प्रसन्न हो गया और जीवन धन्य हो गया है. पीएम मोदी ने आगे कहा कि माणा गांव भारत के अंतिम गांव के रूप में जाना जाता है. लेकिन मेरे लिए सीमा पर बसा हर गांव, देश का पहला गांव है. पीएम मोदी ने आगे कहा कि हरी भरी पहाड़ियों पर रेल गाड़ी की आवाज उत्तराखंड के विकास की नई गाथा लिखेगी.

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देश के अंतिम गांव माणा में गरजे PM मोदी
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Published : Oct 21, 2022, 2:46 PM IST

Updated : Oct 21, 2022, 3:34 PM IST

चमोली: भारत के आखिरी गांव माणा से देशवासियों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि माणा गांव भारत का अंतिम गांव के रूप में जाना जाता है. लेकिन मेरी लिए सीमा पर बसा हर गांव देश का पहला गांव है.

माणा का महत्व: पीएम मोदी ने कहा कि आज से 25 साल पहले उत्तराखंड में बीजेपी के कार्यकर्ता के रूप में मैंने माणा में उत्तराखंड बीजेपी कार्यसमिति की बैठक बुलाई थी. तो मेरे साथी कार्यकर्ता उस समय नाराज हो गए थे. मैंने कार्यकर्ताओं से कहा कि जिस दिन उत्तराखंड बीजेपी के दिल में माणा का महत्व पक्का हो जाएगा. उस दिन उत्तराखंड की जनता के दिल में भाजपा के लिए महत्व बन जाएगा.

देश के अंतिम गांव माणा में गरजे PM मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि देश की आजादी के 75 साल पूरे होने पर मैंने लाल किले पर एक आह्वान किया था. ये आह्वान है गुलामी की मानसिकता से पूरी तरह मुक्ति का. ऐसा इसलिए, क्योंकि आजादी के इतने वर्षों बाद भी हमारे देश को गुलामी की मानसिकता ने ऐसा जकड़ा हुआ है कि प्रगति का कुछ कार्य कुछ लोगों को अपराध की तरह लगता है.

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केदारनाथ में पीएम मोदी.

ये भी पढ़ें: पीएम मोदी ने किया मिशन-2024 का शंखनाद! केदारपुरी-काशी और महाकाल के बाद बदरीनाथ पर फोकस

गुलामी के तराजू पर तौलते हैं विकास कार्य: पीएम मोदी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ लोगों को प्रगति का हर काम अपराध की तरह लगता है. कुछ लोग प्रगति के कार्यों को तराजू पर तौलते हैं. ऐसे लोग अपनी विरासत से विद्वेष रखते हैं.

धार्मिक स्थलों की हुई उपेक्षा: लंबे समय तक हमारे यहां अपने आस्था स्थलों के विकास को लेकर एक नफरत का भाव रहा है. विदेशों में वहां की संस्कृति से जुड़े स्थानों की ये लोग तारीफ करते नहीं थकते थे. लेकिन, भारत में इस तरह के कार्य को हेय की दृष्टि से देखते थे. आस्था के ये केंद्र सिर्फ एक ढांचा नहीं, बल्कि हमारे लिए प्राणवायु की तरह हैं. वो हमारे लिए ऐसे शक्तिपुंज हैं, जो कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी हमें जीवंत बनाए रखते हैं.

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बदरीनाथ में पीएम मोदी.

आजादी के बाद सोमनाथ मंदिर के निर्माण के वक्त क्या हुआ, सब जानते हैं. राम मंदिर के इतिहास से भी हम परिचित हैं. गुलामी की इस स्थिति ने हमारे आस्था घरों को जर्जर स्थिति में ला दिया था. सबकुछ तबाह करके रख दिया गया था. दशकों तक हमारे अध्यात्मिक केंद्रों की स्थिति ऐसी थी कि वहां की यात्रा सबसे कठिन यात्रा बन जाती थी. जहां जाना जीवन का सपना हो, लेकिन सरकारें ऐसी थीं कि अपने नागरिकों को वहां तक जाने की सुविधा देने की नहीं सोची. ये अन्याय था कि नहीं? आपका हां का जवाब आपका नहीं 130 करोड़ लोगों का है, इसलिए मुझे ईश्वर का काम सौंपा गया है.

रोपवे प्रोजेक्ट पर बोले पीएम मोदी: विकास के इन सभी प्रोजेक्ट्स के लिए उत्तराखंड को और देश-विदेश के हर श्रद्धालु को मैं बहुत-बहुत बधाई देता हूं. गुरुओं की कृपा बनी रहे, बाबा केदार की कृपा बनी रहे और बदरी विशाल की भी कृपा बनी रहे. हमारे सभी श्रमिक साथियों को भी शक्ति मिले, यही प्रार्थना करते हैं.

उत्तराखंड की हुई उपेक्षा: पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि पिछले सरकारों में उत्तराखंड की जमकर उपेक्षा हुई है. पहले जिन इलाकों को देश की सीमाओं का अंत मानकर नजरअंदाज किया जाता था, हमने वहां से समृद्ध का आरंभ मानकर काम शुरू किया. पहले देश का आखिरी गांव जानकर जिसकी उपेक्षा की जाती थी, हमने वहां के लोगों की अपेक्षाओं पर फोकस किया है.

जब पहाड़ पर रेल, रोड और रोपवे पहुंचते हैं तो अपने साथ रोजगार लेकर आते हैं. जब पहाड़ पर रेल, रोड और रोपवे पहुंचते हैं तो पहाड़ का जीवन भी आसान बनता है. हिमालय की हरी भरी पहाड़ियों पर रेल गाड़ी की आवाज उत्तराखंड के विकास की नई गाथा लिखेगी. देहरादून एयरपोर्ट भी नए अवतार में सेवा दे रहा है. चारधाम ऑलवेदर रोड से उत्तराखंड के लोगों के साथ-साथ पयर्टकों और श्रद्धालुओं को एक नया अहसास दे रही है.

देवभूमि में विकास की गति बढ़ें: पीएम मोदी अपने संबोधन के दौरान कई बार हिमाचल का जिक्र किया. पीएम ने कहा कि जब हिमाचल गया था, तो वहां कुछ लोगों ने मुझसे कहा कि हमने ट्रेन नहीं देखी थी, लेकिन आप वंदे भारत ट्रेन ले आए. प्रधानमंत्री ने कहा कि वो दिन मैं उत्तराखंड में भी देखना चाहते हूं. हिमाचल जैसे ही उत्तराखंड में विकास की गति तेजी से बढ़े. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड और हिमाचल में रोपवे का एक बड़ा नेटवर्क बनने जा रहा है.

ये दशक उत्तराखंड का दशक होगा: 'बाबा के सान्निध्य में उनके आदेश से उनकी कृपा से पिछली बार जब आया था तो कुछ शब्द निकले थे, वो मेरे नहीं थे. कैसे आए, क्यों आए, किसने दिए पता नहीं. यूं ही मुंह से निकल गया था कि ये दशक उत्तराखंड का दशक होगा. मुझे पक्का विश्वास है कि इन शब्दों पर बाबा, बदरी विशाल और मां गंगा के आशीर्वाद की शक्ति बनी रहेगी'.

पहाड़ पर वैक्सीन ही नहीं आती: प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पहले देश के विकास में जिनके योगदान को महत्व नहीं दिया गया. हमने उन्हीं को साथ लेकर प्रगति के महान लक्ष्यों की ओर बढ़ने का संकल्प लिया. एक संवेदनशील सरकार, गरीबों का दुख-दर्द समझने वाली सरकार कैसे काम करती है, आज देश के हर कोने में लोग अनुभव कर रहे हैं. कोराना काल में जब वैक्सीन लगवाने की बारी आई, अगर पहले की सरकारें होती, तो शायद अभी तक वैक्सीन यहां तक नहीं आता.

भारत के निर्माण के दो प्रमुख स्तंभ: पीएम ने कहा कि 21वीं सदी के विकसित भारत के निर्माण के दो प्रमुख स्तंभ हैं. पहला अपनी विरासत पर गर्व और दूसरा विकास के लिए हर संभव प्रयास करना.

स्थानीय उत्पाद जरूर खरीदें: प्रधानमंत्री नरेंद्र देश देश के अंतिम गांव माणा में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि मैं यहां की माताओं और बहनों को प्रणाम करता हूं जिस तरह के उत्पाद वह बना रही हैं, उसके लिए वह बधाई की पात्र हैं. मैं उन्हें देखकर बड़ा प्रसन्न हुआ. इस दौरान पीएम मोदी ने यहां आने वाले यात्रियों से अपील की है कि जब भी आप कहीं भी यात्रा पर जाए वहां के उत्पाद जरूर खरीदें. अपनी यात्रा पर जितना पैसा खर्च करते हैं उसमें से पांच प्रतिशत खर्च भी अगर स्थानीय उत्पादों पर खर्च करेंगे तो ये स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने की दिशा में बड़ा कदम होगा. उन्होंने कहा कि स्थानीय उत्पाद खरीदने से आपको संतोष होगा.

चमोली: भारत के आखिरी गांव माणा से देशवासियों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि माणा गांव भारत का अंतिम गांव के रूप में जाना जाता है. लेकिन मेरी लिए सीमा पर बसा हर गांव देश का पहला गांव है.

माणा का महत्व: पीएम मोदी ने कहा कि आज से 25 साल पहले उत्तराखंड में बीजेपी के कार्यकर्ता के रूप में मैंने माणा में उत्तराखंड बीजेपी कार्यसमिति की बैठक बुलाई थी. तो मेरे साथी कार्यकर्ता उस समय नाराज हो गए थे. मैंने कार्यकर्ताओं से कहा कि जिस दिन उत्तराखंड बीजेपी के दिल में माणा का महत्व पक्का हो जाएगा. उस दिन उत्तराखंड की जनता के दिल में भाजपा के लिए महत्व बन जाएगा.

देश के अंतिम गांव माणा में गरजे PM मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि देश की आजादी के 75 साल पूरे होने पर मैंने लाल किले पर एक आह्वान किया था. ये आह्वान है गुलामी की मानसिकता से पूरी तरह मुक्ति का. ऐसा इसलिए, क्योंकि आजादी के इतने वर्षों बाद भी हमारे देश को गुलामी की मानसिकता ने ऐसा जकड़ा हुआ है कि प्रगति का कुछ कार्य कुछ लोगों को अपराध की तरह लगता है.

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केदारनाथ में पीएम मोदी.

ये भी पढ़ें: पीएम मोदी ने किया मिशन-2024 का शंखनाद! केदारपुरी-काशी और महाकाल के बाद बदरीनाथ पर फोकस

गुलामी के तराजू पर तौलते हैं विकास कार्य: पीएम मोदी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ लोगों को प्रगति का हर काम अपराध की तरह लगता है. कुछ लोग प्रगति के कार्यों को तराजू पर तौलते हैं. ऐसे लोग अपनी विरासत से विद्वेष रखते हैं.

धार्मिक स्थलों की हुई उपेक्षा: लंबे समय तक हमारे यहां अपने आस्था स्थलों के विकास को लेकर एक नफरत का भाव रहा है. विदेशों में वहां की संस्कृति से जुड़े स्थानों की ये लोग तारीफ करते नहीं थकते थे. लेकिन, भारत में इस तरह के कार्य को हेय की दृष्टि से देखते थे. आस्था के ये केंद्र सिर्फ एक ढांचा नहीं, बल्कि हमारे लिए प्राणवायु की तरह हैं. वो हमारे लिए ऐसे शक्तिपुंज हैं, जो कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी हमें जीवंत बनाए रखते हैं.

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बदरीनाथ में पीएम मोदी.

आजादी के बाद सोमनाथ मंदिर के निर्माण के वक्त क्या हुआ, सब जानते हैं. राम मंदिर के इतिहास से भी हम परिचित हैं. गुलामी की इस स्थिति ने हमारे आस्था घरों को जर्जर स्थिति में ला दिया था. सबकुछ तबाह करके रख दिया गया था. दशकों तक हमारे अध्यात्मिक केंद्रों की स्थिति ऐसी थी कि वहां की यात्रा सबसे कठिन यात्रा बन जाती थी. जहां जाना जीवन का सपना हो, लेकिन सरकारें ऐसी थीं कि अपने नागरिकों को वहां तक जाने की सुविधा देने की नहीं सोची. ये अन्याय था कि नहीं? आपका हां का जवाब आपका नहीं 130 करोड़ लोगों का है, इसलिए मुझे ईश्वर का काम सौंपा गया है.

रोपवे प्रोजेक्ट पर बोले पीएम मोदी: विकास के इन सभी प्रोजेक्ट्स के लिए उत्तराखंड को और देश-विदेश के हर श्रद्धालु को मैं बहुत-बहुत बधाई देता हूं. गुरुओं की कृपा बनी रहे, बाबा केदार की कृपा बनी रहे और बदरी विशाल की भी कृपा बनी रहे. हमारे सभी श्रमिक साथियों को भी शक्ति मिले, यही प्रार्थना करते हैं.

उत्तराखंड की हुई उपेक्षा: पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि पिछले सरकारों में उत्तराखंड की जमकर उपेक्षा हुई है. पहले जिन इलाकों को देश की सीमाओं का अंत मानकर नजरअंदाज किया जाता था, हमने वहां से समृद्ध का आरंभ मानकर काम शुरू किया. पहले देश का आखिरी गांव जानकर जिसकी उपेक्षा की जाती थी, हमने वहां के लोगों की अपेक्षाओं पर फोकस किया है.

जब पहाड़ पर रेल, रोड और रोपवे पहुंचते हैं तो अपने साथ रोजगार लेकर आते हैं. जब पहाड़ पर रेल, रोड और रोपवे पहुंचते हैं तो पहाड़ का जीवन भी आसान बनता है. हिमालय की हरी भरी पहाड़ियों पर रेल गाड़ी की आवाज उत्तराखंड के विकास की नई गाथा लिखेगी. देहरादून एयरपोर्ट भी नए अवतार में सेवा दे रहा है. चारधाम ऑलवेदर रोड से उत्तराखंड के लोगों के साथ-साथ पयर्टकों और श्रद्धालुओं को एक नया अहसास दे रही है.

देवभूमि में विकास की गति बढ़ें: पीएम मोदी अपने संबोधन के दौरान कई बार हिमाचल का जिक्र किया. पीएम ने कहा कि जब हिमाचल गया था, तो वहां कुछ लोगों ने मुझसे कहा कि हमने ट्रेन नहीं देखी थी, लेकिन आप वंदे भारत ट्रेन ले आए. प्रधानमंत्री ने कहा कि वो दिन मैं उत्तराखंड में भी देखना चाहते हूं. हिमाचल जैसे ही उत्तराखंड में विकास की गति तेजी से बढ़े. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड और हिमाचल में रोपवे का एक बड़ा नेटवर्क बनने जा रहा है.

ये दशक उत्तराखंड का दशक होगा: 'बाबा के सान्निध्य में उनके आदेश से उनकी कृपा से पिछली बार जब आया था तो कुछ शब्द निकले थे, वो मेरे नहीं थे. कैसे आए, क्यों आए, किसने दिए पता नहीं. यूं ही मुंह से निकल गया था कि ये दशक उत्तराखंड का दशक होगा. मुझे पक्का विश्वास है कि इन शब्दों पर बाबा, बदरी विशाल और मां गंगा के आशीर्वाद की शक्ति बनी रहेगी'.

पहाड़ पर वैक्सीन ही नहीं आती: प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पहले देश के विकास में जिनके योगदान को महत्व नहीं दिया गया. हमने उन्हीं को साथ लेकर प्रगति के महान लक्ष्यों की ओर बढ़ने का संकल्प लिया. एक संवेदनशील सरकार, गरीबों का दुख-दर्द समझने वाली सरकार कैसे काम करती है, आज देश के हर कोने में लोग अनुभव कर रहे हैं. कोराना काल में जब वैक्सीन लगवाने की बारी आई, अगर पहले की सरकारें होती, तो शायद अभी तक वैक्सीन यहां तक नहीं आता.

भारत के निर्माण के दो प्रमुख स्तंभ: पीएम ने कहा कि 21वीं सदी के विकसित भारत के निर्माण के दो प्रमुख स्तंभ हैं. पहला अपनी विरासत पर गर्व और दूसरा विकास के लिए हर संभव प्रयास करना.

स्थानीय उत्पाद जरूर खरीदें: प्रधानमंत्री नरेंद्र देश देश के अंतिम गांव माणा में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि मैं यहां की माताओं और बहनों को प्रणाम करता हूं जिस तरह के उत्पाद वह बना रही हैं, उसके लिए वह बधाई की पात्र हैं. मैं उन्हें देखकर बड़ा प्रसन्न हुआ. इस दौरान पीएम मोदी ने यहां आने वाले यात्रियों से अपील की है कि जब भी आप कहीं भी यात्रा पर जाए वहां के उत्पाद जरूर खरीदें. अपनी यात्रा पर जितना पैसा खर्च करते हैं उसमें से पांच प्रतिशत खर्च भी अगर स्थानीय उत्पादों पर खर्च करेंगे तो ये स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने की दिशा में बड़ा कदम होगा. उन्होंने कहा कि स्थानीय उत्पाद खरीदने से आपको संतोष होगा.

Last Updated : Oct 21, 2022, 3:34 PM IST
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