मुंबई : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है. राष्ट्रपति ने झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस को महाराष्ट्र का राज्यपाल नियुक्त किया है. विवादित बयानों के कारण चर्चा में रहने वाले कोश्यारी के इस्तीफे का शिवसेना (उद्धव गुट), एनसीपी, कांग्रेस ने स्वागत किया है.
शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के विधायक और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे ने कोश्यारी के इस्तीफे का स्वागत किया. उन्होंने ट्वीट किया, 'महाराष्ट्र के लिए बड़ी जीत. महाराष्ट्र विरोधी राज्यपाल का इस्तीफा आखिरकार स्वीकार कर लिया गया.'
विधायक ने कहा, 'छत्रपति शिवाजी महाराज, महात्मा ज्योतिबा फुले और सावित्री बाई फुले, हमारे संविधान, विधानसभा और लोकतांत्रिक आदर्शों का लगातार अपमान करने वाले को राज्यपाल के रूप में स्वीकार नहीं किया जा सकता.'
शिवसेना की उप नेता सुषमा अंधारे ने आलोचना की कि ईडी सरकार के मन में महाराष्ट्र की पहचान के लिए कोई सम्मान नहीं है. विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने आलोचना की कि 'महाराष्ट्र में गंदगी चली गई है.'
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि बीजेपी ने राज्य को बदनाम करने के लिए जानबूझकर इस तरह के पक्षपाती राज्यपाल को बिठाया था. नाना पटोले ने कहा कि अभी जो भी सर्वे आ रहा है उसके मुताबकि महाविकास अघाड़ी से 38 सांसद चुने जाएंगे.इस बात को भांपते हुए बीजेपी ने राज्यपाल का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है ताकि नरेंद्र मोदी अपनी सीट बरकरार रख सकें.
राकांपा के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने तंज करते हुए कहा है कि राज्यपाल के काम की वजह से राज्यपाल का पद सुशोभित हुआ है. पिछले कई दिनों से हर स्तर से मांग की जा रही थी कि महाराष्ट्र के राज्यपाल को बदला जाए. जयंत पाटिल ने एक ट्वीट में कहा, इसलिए हम राष्ट्रपति के राज्यपाल को पद से हटाने के फैसले का स्वागत करते हैं.
जयंत पाटिल ने उम्मीद जताई है कि नए राज्यपाल रमेश बैस भारतीय जनता पार्टी के हाथों की कठपुतली नहीं बनेंगे. एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने ट्वीट कर महाराष्ट्र के नवनिर्वाचित राज्यपाल रमेश बैस का स्वागत किया है. एनसीपी यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष महबूब शेख का कहना है कि कोश्यारी का इस्तीफा स्वीकार करने का पूरे राज्य में जश्न मनाया जाएगा.
इन कारणों से विवादों में रहे कोश्यारी : राज्यपाल का पद संभालने के बाद से ही भगत सिंह कोश्यारी विवादों में घिरे रहे. सुबह-सुबह शपथ ग्रहण समारोह हो या उसके बाद महाराष्ट्र में आई महा विकास अघाड़ी सरकार, उन्होंने हमेशा व्यंग्यात्मक तरीके से व्यवहार किया. इतना ही नहीं छत्रपति शिवाजी महाराज, महात्मा ज्योतिबा फुले, सावित्रीबाई फुले को लेकर भी उन्होंने लगातार विवादित बयान दिए थे. राज्य में शिंदे-फडणवीस सरकार आने के बाद राज्यपाल की ओर से कुछ बयान दिए गए थे. इससे बीजेपी मुश्किल में पड़ रही थी.