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कोरोना के कारण डल झील के नाविकों की आजीविका प्रभावित

जम्मू-कश्मीर में कोरोना महामारी के कारण समय से पर्यटन समेत तमाम तरह ही आर्थिक गतिविधियां ठप पड़ी हैं. पहले श्रीनगर की डल झील में हाउसबोट की सवारी का आनंद लेने बड़ी संख्या में पर्यटक यहां आते थे, लेकिन कोरोना के कारण जब कुछ ठप पड़ा गया है. कोरोना वायरस की दूसरी लहर तेजी से लोगों को अपनी चपेट में ले रही है, ऐसे में लोगों को आजीविका चलाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.

डल झील
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Published : Apr 20, 2021, 11:03 PM IST

श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर में घूमने कई सैलानी यहां आते हैं. श्रीनगर की डल झील में कई डाउस बोट चलती हैं. यह पर्यटकों के लिए एक मुख्य आकर्षण है. वे हाउसबोट की सवारी का आनंद लेने यहां आते हैं, लेकिन कोरोना के बढ़ते प्रकोप के कारण पर्यटकों का आना भी कम हो गया है. इसके साथ ही कोरोना बड़ी संख्या में लोगों की अपनी चपेट में ले रहा है, जिसके चलते लोग घरों से बाहर निकलने में भी कतराने लगे हैं, जरूरी होने पर ही वह घर से बाहर जाते हैं, ऐसे में लोगों को आजीविका चलाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.

डल झील के नाविकों की आजीविका प्रभावित

पर्यटन क्षेत्र से जुड़े सभी लोगों की तरह, डल झील में भी नाव चलाने वालों (शिकारा) ने भी अपनी आजीविका धीरे-धीरे ही अर्जित करना शुरू कर दिया था, लेकिन कोविड-19 की दूसरी लहर ने एक बार फिर उन्हें बुरी तरह प्रभावित कर दिया है.

पढ़ें- आंध्रप्रदेश सचिवालय में कोरोना का आतंक, कर्मचारी कर रहे 'वर्क फ्राम होम' की मांग

कश्मीर घाटी में पर्यटकों की आमद लगभग दो वर्षों के बाद शुरू हुई, जो घाटे में चल रहे पर्यटन क्षेत्र के लिए राहत लेकर आई थी, लेकिन पर्यटकों की आमद के साथ ही जम्मू-कश्मीर में कोरोनोवायरस के मामलों में भी तेजी से वृद्धि हुई, जिसके कारण पर्यटकों की आमद धीरे-धीरे कम होती चली गई.

घाटी के सुंदर दृश्य हर साल लाखों पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं, जिनमें से अधिकांश विदेशों से आते हैं. कोरोना की दूसरी लहर के प्रसार को कम करने के लिए सैलानियों के आने पर हाल फिलहाल रोक लगा दी गई है, जिसके चलते एक बार फिर लोगों को आजीविका चलाने में काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है.

श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर में घूमने कई सैलानी यहां आते हैं. श्रीनगर की डल झील में कई डाउस बोट चलती हैं. यह पर्यटकों के लिए एक मुख्य आकर्षण है. वे हाउसबोट की सवारी का आनंद लेने यहां आते हैं, लेकिन कोरोना के बढ़ते प्रकोप के कारण पर्यटकों का आना भी कम हो गया है. इसके साथ ही कोरोना बड़ी संख्या में लोगों की अपनी चपेट में ले रहा है, जिसके चलते लोग घरों से बाहर निकलने में भी कतराने लगे हैं, जरूरी होने पर ही वह घर से बाहर जाते हैं, ऐसे में लोगों को आजीविका चलाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.

डल झील के नाविकों की आजीविका प्रभावित

पर्यटन क्षेत्र से जुड़े सभी लोगों की तरह, डल झील में भी नाव चलाने वालों (शिकारा) ने भी अपनी आजीविका धीरे-धीरे ही अर्जित करना शुरू कर दिया था, लेकिन कोविड-19 की दूसरी लहर ने एक बार फिर उन्हें बुरी तरह प्रभावित कर दिया है.

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कश्मीर घाटी में पर्यटकों की आमद लगभग दो वर्षों के बाद शुरू हुई, जो घाटे में चल रहे पर्यटन क्षेत्र के लिए राहत लेकर आई थी, लेकिन पर्यटकों की आमद के साथ ही जम्मू-कश्मीर में कोरोनोवायरस के मामलों में भी तेजी से वृद्धि हुई, जिसके कारण पर्यटकों की आमद धीरे-धीरे कम होती चली गई.

घाटी के सुंदर दृश्य हर साल लाखों पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं, जिनमें से अधिकांश विदेशों से आते हैं. कोरोना की दूसरी लहर के प्रसार को कम करने के लिए सैलानियों के आने पर हाल फिलहाल रोक लगा दी गई है, जिसके चलते एक बार फिर लोगों को आजीविका चलाने में काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है.

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