चमोली (उत्तराखंड): चमोली के गोपेश्वर पीपलकोटी स्थित अलकनंदा नदी के किनारे निर्माणाधीन नमामि गंगे प्रोजेक्ट साइट पर हुई बुधवार को दुखद घटना में 16 लोगों की मृत्यु हुई, जबकि 11 लोग घायल हुए. हादसे में जान गंवाने वाले चमोली के हरमनी गांव के 10 लोग, रंगतोली गांव के 2, पाटोली और पाडूली गांव के एक-एक और रूपा गांव का एक व्यक्ति है. इसके अलावा हादसे में सब इंस्पेक्टर चौकी पीपलकोटी प्रदीप रावत की भी मृत्यु हुई. गुरुवार को अलकनंदा नदी किनारे बाजपुर में 13 शवों का उसने पैतृक घाट में अंतिम संस्कार किया गया है, जबकि दो शवों का अंतिम संस्कार बालखिला नदी के तट पर किया गया. इस दौरान बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे.
गुरुवार को सीएम धामी द्वारा घटना में मृत होमगार्ड के जवानों को श्रद्धांजलि देने के बाद जिला अस्पताल गोपेश्वर के शव गृह से सभी 15 पार्थिव शवों को उनके पैतृक घाट पर ले जाया गया. जबकि घटना में मृत पीपलकोटी पुलिस उपनिरीक्षक प्रदीप रावत के पार्थिव शरीर को बीते दिन ही सलामी देने के पश्चात उनके पैतृक गांव ऊखीमठ के लिए विदा कर दिया गया था.
अंतिम विदाई के लिए जुटे हजारों लोग: वहीं, जैसे ही सभी पार्थिव शरीर घाट पर पहुंचे तो माहौल गमगीन हो गया. मृतकों को अंतिम विदाई देने के लिए इतने लोग जुटे कि बदरीनाथ हाईवे पर जाम की स्थिति उत्पन्न हो गई. एक साथ इतनी चिताएं जलती देखकर हर किसी की आंखों में आंसू थे. अंतिम विदाई देने के लिए घाट पर पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह, खटीमा विधायक भुवन कापड़ी, बदरीनाथ विधायक राजेंद्र भंडारी, मदन बिष्ट समेत बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता भी मौजूद रहे. जबकि जिला मुख्यालय गोपेश्वर में ही चमोली जिले के दो भाजपा विधायकों ने अंतिम विदाई दी. इसके बाद दोनों विधायक देहरादून के लिए रवाना हो गए.
ये भी पढ़ेंः चमोली करंट हादसे में एक्शन, एसटीपी संचालन कर रही कंपनी के खिलाफ मुकदमा दर्ज
एसआई प्रदीप रावत को दी अंतिम विदाई: वहीं, करंट हादसे में जान गंवाने वाले पीपलकोटी चौकी प्रभारी 42 वर्षीय प्रदीप रावत को भी गुरुवार को उनके पैतृक घाट काकडागाड केदार घाटी, रुद्रप्रयाग में पुलिस सैन्य सम्मान के साथ नम आंखों से अंतिम विदाई दी गई. सुबह 8:30 बजे उनके ऊखीमठ आवास पर परिजनों व रिश्तेदारों ने अन्तिम दर्शन किए. इसके बाद शव यात्रा पैतृक घाट काकडागाड पहुंची. उनके निधन पर उनके पैतृक गांव तुंगनाथ घाटी उथिण्ड गांव सहित संपूर्ण क्षेत्र में शोक की लहर रही जबकि ऊखीमठ व भीरी के व्यापारियों ने शोक में अपने व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रखे. अंतिम संस्कार पर सैकड़ों जनप्रतिनिधि, ग्रामीण, व्यापारी, परिजन व पुलिस प्रशासन के अधिकारी, कर्मचारी शामिल हुए.
जानें पूरा हादसा: 19 जुलाई की सुबह अलकनंदा नदी के किनारे निर्माणाधीन नमामि गंगे प्रोजेक्ट साइट पर 35 से 40 लोग प्रदर्शन कर रहे थे. प्रदर्शन के दौरान अचानक प्लांट पर करंट दौड़ा और 16 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई जबकि 11 लोग घायल हो गए. इसमें एक पुलिसकर्मी व तीन होमगार्ड भी शामिल थे. सभी लोग 18 जुलाई को प्रोजेक्ट साइट के केयर टेकर गणेश लाल की संदिग्ध मृत्यु पर प्रदर्शन करते हुए मुआवजे की मांग कर रहे थे. बताया जा रहा है कि गणेश लाल की मौत भी प्लांट में करंट दौड़ने से हुई थी.
ये भी पढ़ेंः Chamoli Inside Story: महज 4 मिनट में तड़प-तड़पकर हुई 16 लोगों की मौत, शरीर पर मिले खौफनाक निशान दे रहे गवाही