दावणगेरे: कर्नाटक विधानसभा चुनाव की तारीख का ऐलान होने के बाद से ही राज्य में राजनितिक सरगर्मी शुरू हो गई है. पार्टियां अपने उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर रही हैं, तो वहीं दूसरी ओर अपनी पार्टी से नाखुश कार्यकर्ता पाला भी बदल रहे हैं. बीजेपी जहां फिर से सत्ता में आने के लिए पूरा जोर लगा रही है, वहीं कुछ सीटें हैं, जिन पर कांग्रेस पार्टी का कब्जा लंबे समय से बना हुआ है. इनमें से एक सीट दावणगेरे दक्षिण निर्वाचन क्षेत्र की है, जहां से कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेता शमनूर शिवशंकरप्पा अब तक अपराजित रहे हैं.
दावणगेरे दक्षिण निर्वाचन क्षेत्र ने उम्मीदवार और राजनीतिक मुद्दों की वजह से ध्यान आकर्षित किया है. शमनूर शिवशंकरप्पा यहां कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार है, उनका मुकाबला बीजेपी के बीजी अजयकुमार से होने वाला हैं. बीजेपी ने इस बार शमनूर को परास्त करने के लिए लिंगायत समुदाय के उम्मीदवार को टिकट दिया है, जिसने यहां मुकाबले को और रोचक बना दिया है. शमनूर शिवशंकरप्पा ने दावणगेरे दक्षिण निर्वाचन क्षेत्र से लगातार तीन बार जीत हासिल की है.
वह दावणगेरे शहर में पांच बार विधायक चुने गए हैं. वह वीरशैव लिंगायत महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं. 92 साल की उम्र में भी वह दावणगेरे दक्षिण से चौथी बार बीजेपी उम्मीदवार के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं. दावणगेरे दक्षिण विधानसभा क्षेत्र में मुसलमानों के 83 हजार वोट हैं और ये वोट उम्मीदवारों की जीत में एक निर्णायक भूमिका निभाते हैं. 2008 में इस निर्वाचन क्षेत्र के विभाजन के बाद से शमनूर शिवशंकरप्पा लगातार चुने गए हैं.
शमनूर के राजनीतिक इतिहास पर नजर डालें तो, उन्होंने 1994 में राजनीति में कदम रखा था, 1994 में पहली बार वह दावणगेरे नगर परिषद अध्यक्ष बने. बाद में उसी साल शमनूर ने दावणगेरे क्षेत्र से चुनाव लड़ा और जीत हासिल करके विधानसभा में कदम रखा. 2004 में उन्होंने फिर से उसी निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. 2008 में निर्वाचन क्षेत्र का विभाजन हो गया, जिसके बाद उन्होंने 2008, 2013 और 2018 के विधानसभा चुनावों में दावणगेरे दक्षिण निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ा और लगातार पांच बार विधायक चुने गए.
1997 में वह लोकसभा के सदस्य भी चुने गए, हालांकि 1999 में वह लोकसभा चुनाव हार गए. दावणगेरे दक्षिण से जीत का दंभ भरने वाले शमनूर ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि 'निर्वाचन क्षेत्र की जनता का आशीर्वाद मुझ पर है. मैं 92 साल का होने के बावजूद चुनाव लड़ रहा हूं. उन्होंने कहा कि जनता के सहयोग से वह फिर से जीतेंगे, वह दक्षिणी विधानसभा क्षेत्र में लगातार जीतते रहे हैं और इस बार भी जीतकर इतिहास रचेंगे.
अपने पिता की उम्र के बारे में बताते हुए शमनूर के बेटे और पूर्व मंत्री एसएस मल्लिकार्जुन ने भविष्यवाणी की है कि मेरे पिता इस उम्र में भी जोर-शोर से चुनाव प्रचार कर रहे हैं और इस बार भी जीतेंगे और पूरे राज्य में इतिहास रचेंगे. इसके अलावा, भाजपा उम्मीदवार बीजी अजय कुमार, जिनके मुस्लिम समुदाय से अच्छे संबंध हैं, अल्पसंख्यक कॉलोनियों में अपने विकास के कामों के लिए जाने जाते हैं.
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शमनूर के नियंत्रण वाले इस निर्वाचन क्षेत्र में अजय कुमार अपनी ताकत दिखाने के लिए तैयार हैं. अब यह देखने के लिए 13 मई का इंतजार करना होगा कि क्या शमनूर का विजयरथ इस बार भी आगे बढ़ता रहेगा, या इस बार बीजेपी के उम्मीदवार बीजी अजय कुमार इतिहास बदलेंगे.