हरिद्वार: धर्म संसद हेट स्पीच मामले (Dharma Sansad Hate Speech Case) में हरिद्वार जिला कारागार में बंद जितेंद्र नारायण त्यागी (Jitendra Narayan Tyagi) उर्फ वसीम रिजवी को अंतरिम जमानत पर रिहा कर दिया (Wasim Rizvi released on interim bail) गया है. इस दौरान उन्हें जिला कारागार से लेने अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी (Akhara Prishad president Mahant Ravindra Puri) पहुंचे थे.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी और न्यायमूर्ति बीवी नागरथ की पीठ ने जितेंद्र नारायण त्यागी उर्फ वसीम रिजवी (Wasim Rizvi) को धर्म संसद हेट स्पीच मामले में जमानत दे दी थी. उन पर 17 से 19 दिसंबर 2021 के बीच हरिद्वार में आयोजित धर्म संसद कार्यक्रम में हेट स्पीच देने का का आरोप है.
12 सितंबर को हुई सुनवाई में पीठ ने कहा था कि मामले में सह-आरोपी को जमानत दे दी गई है और पुलिस ने जांच के बाद आरोपपत्र दायर किया गया. सुप्रीम कोर्ट ने 29 अगस्त को मेडिकल आधार पर 17 मई को दी गई. अंतरिम जमानत को 3 महीने के लिए बढ़ाने से इनकार कर दिया था और त्यागी को आत्मसमर्पण करने के लिए कहा था. 12 सितंबर को त्यागी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा ने पीठ को सूचित किया कि उन्होंने पिछले आदेश के अनुसार आत्मसमर्पण कर दिया है.
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पीठ ने त्यागी द्वारा दायर एक रिट याचिका पर भी नोटिस जारी किया, जिसमें बाद की प्राथमिकी को क्लब करने की मांग की गई थी. त्यागी को इस साल 13 जनवरी को भारतीय दंड संहिता की धारा 153ए और 298 के तहत दर्ज एक मामले में गिरफ्तार किया गया था.
जानें पूरा मामला: बता दें कि हरिद्वार में 17 से 19 दिसंबर के बीच धर्म संसद का आयोजन किया गया था, जिसमें कथित रूप से एक विशेष समुदाय के खिलाफ कुछ आपत्तिजनक बयान दिए गए थे. ये बयान सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुए थे. हरिद्वार धर्म संसद हेट स्पीच का वीडियो वायरल होने के बाद पूर्व सेना प्रमुखों, कार्यकर्ताओं और बहुत से अन्य लोगों ने विवादित भाषण की निंदा करते हुए कार्रवाई की मांग की गई थी.
आरटीआई कार्यकर्ता साकेत गोखले ने इस मामले में आयोजकों आौर वक्ताओं के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई थी. जिसके बाद इन वायरल वीडियो के आधार एवं गुलबहार खान की तहरीर पर पुलिस ने शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी के खिलाफ 23 दिसंबर को हरिद्वार शहर कोतवाली में मामला दर्ज कराया था. जिसके बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया था.