लखनऊः भड़काऊ और विवादित बयान दे कर सुर्खियों में रहने वाले शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी ने अब अपने पिता का भी नाम बदल दिया है. हरिद्वार थाना अध्यक्ष को लिखे एक पत्र में वसीम रिजवी ने अपने आपको राजेश्वर दयाल त्यागी का पुत्र बताया है. रिजवी का लिखा यह पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
इस्लाम धर्म छोड़कर सनातन धर्म अपनाने वाले जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी का एक पत्र सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. दरअसल मंगलवार को रिजवी ने उत्तराखंड के थाने में शिकायती पत्र लिखकर अपनी हत्या कराए जाने की एक बार फिर से आशंका जताई है. थानाध्यक्ष को लिखा यह पत्र अब इसलिए भी वायरल हो रहा क्योंकि इसमें वसीम रिजवी ने अपने अब्बा का नाम राजेश्वर दयाल त्यागी बताया है.
वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी मूल रूप से लखनऊ के रहने वाले हैं. लखनऊ के कश्मीरी मोहल्ला में एक तंग गली में उनके पिता का 394/13 ए नंबर से मकान है. हालांकि रिजवी लम्बे समय से इस मकान में नहीं रहते हैं और कुछ दूर शिया वक्फ बोर्ड की जमीन पर बने शिया यतीम खाने को अपना ठिकाना बनाए हुए थे. इसके साथ ही लखनऊ के पॉश इलाके में वसीम रिजवी का आलीशान फ्लैट भी है, जिसमें वह दूसरी पत्नी के साथ रहा करते थे.
इसे भी पढ़ें- Haridwar Hate Speech: प्राथमिकी दर्ज हुई तो भड़के साधु-संत, क्रॉस FIR की तैयारी
हाल ही में मुसलमान से हिंदू बने जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी ने अब अपना आशियाना नक्खास स्थित एक भव्य पेंट हाउस को बनाया हुआ है. मुस्लिम बाहुल क्षेत्र में रह रहे वसीम रिजवी ने उत्तराखंड में मुसलमानों से अपनी जान को खतरा बताते हुए हरिद्वार थाने में तहरीर दी है.
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे पत्र के बाद से वसीम रिजवी को लेकर एक बार फिर से तरह तरह की बातें निकलकर सामने आ रही हैं. हालांकि इस पत्र में जिस शख्स को उन्होंने अपना पिता बताया है. वह दरअसल गाजियाबाद स्थित डासना मंदिर के यति नरसिंहा नंद सरस्वती के पिता हैं. यति नरसिंहा नंद ने ही वसीम रिजवी का धर्म परिवर्तन कराया था और वसीम रिजवी को अपना भाई बताया था.