जबलपुर। भारत रत्न स्वर कोकिला लता मंगेशकर की सोमवार को पहली पुण्यतिथि है. बीते साल 6 फरवरी 2022 को लता दी ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया था. वह कोरोना से संक्रमित थीं. पूरा देश स्वर कोकिला को याद करते हुए उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित कर रहा है. भारत रत्न लता मंगेशकर के वैसे तो पूरी दुनिया में करोंड़ों फैंस हैं, लेकिन मध्यप्रदेश के जबलपुर में लता मंगेशकर का एक ऐसा फैन है जिसने अपनी कला के जरिए लता मंगेशकर की एक ऐसी पेंटिंग बनाई जिसका नाम एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज हो गया.
एक नजर में स्वर कोकिला: लता मंगेशकर का जन्म 28 सितंबर 1929 को इंदौर में मशहूर संगीतकार दीनानाथ मंगेशकर के यहां हुआ था. इंदौर में जन्मीं लताजी ने गाने की शुरुआत 1940 में की. तब वे महज 11 साल की थीं. 1943 में मराठी फिल्म में उन्होंने हिंदी गाना माता एक सपूत की दुनिया बदल दे को आवाज दी. यह उनका पहला गाना है. 2001 में उन्हें भारत रत्न और 1989 में दादा साहब फाल्के पुरस्कार भी मिला. लता जी सरल-निर्मल थीं, सम्मानित इतनीं कि सब उन्हें ‘दीदी’ कहकर पुकारते हैं.
1436 तस्वीरों से बनीं पेंटिंग है खास: जबलपुर के चित्रकार रामकृपाल नामदेव ने लता मंगेशकर कि खास पेंटिंग बनाई है. यह पेंटिंग लता मंगेशकर के जीवन से जुड़ी कई घटनाओं को भी प्रदर्शित करती है. स्वर कोकिला की इस तस्वीर में 1436 ऐसी छोटी-छोटी तस्वीरें हैं जो लता मंगेशकर के जीवन से जुड़ी हुई घटनाओं से प्रेरित है. लता मंगेशकर की पूरी उम्र के कई चेहरे इस पेंटिंग में साफ नजर आते हैं. गौर से देखने पर इस तस्वीर में छोटी-छोटी तस्वीरें नजर आती हैं जिनकी कुल संख्या 1436 है. इसमें लता मंगेशकर से मुलाकात करने वाले और संगीत की दुनिया से जुड़े कई महान कलाकारों के चित्र लता मंगेशकर के साथ बड़ी ही बारीकी से उकेरे गए हैं.
11 महीनों में बनी पेंटिम: इस तस्वीर को बनाने वाले रामकृपाल का कहना है कि उन्हें इसे बनाने में करीब 11 महीने का वक्त लगा है और इस दौरान उन्होंने तस्वीर को बनाने में बहुत ही बारीक बातों का भी ध्यान रखा है. रामकृपाल ने बताया कि वह लता मंगेशकर के बचपन से ही बड़े फैन रहे हैं इसलिए अपनी कला में हमेशा लता मंगेशकर को शामिल करते हैं. इसी का नतीजा है कि उन्हें लता मंगेशकर से मुलाकात करने का भी मौका मिल गया था. रामकृपाल का कहना है कि अब वह गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड की भी तैयारी कर रहे हैं.
रामकृपाल के नाम कई रिकॉर्ड: किसी भी कला को निखारने के लिए कड़ी मेहनत और एकाग्रता की बेहद जरूरत होती है लता मंगेशकर के जीवन से कई कलाकार यही प्रेरणा लेते हैं. रामकृपाल नामदेव भी एक चित्रकार हैं और वह लता मंगेशकर के जीवन से प्रेरित हैं. रामकृपाल नामदेव का नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड और एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज हो गया है. रामकृपाल का कहना है कि अब वह गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड की भी तैयारी कर रहे हैं.