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1965 के भारत-पाक युद्ध में हीरो रहे महावीर चक्र विजेता ब्रिगेडियर रघुबीर सिंह का निधन - Israel-Egyptian War

1965 के भारत-पाक युद्ध में दुश्मन सेना के 22 पैटन टैंकों को नष्ट करने वाले महावीर चक्र विजेता ब्रिगेडियर रघुबीर सिंह का रविवार को देहावसान हो गया. टोंक में जन्मे इस योद्धा ने 99 साल की उम्र में अंतिम सांस ली.

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Published : Jun 13, 2021, 8:15 PM IST

जयपुर : भारत पाकिस्तान के 1965 में हुए युद्ध में अपूर्व शौर्य का प्रदर्शन करने वाले ब्रिगेडियर रघुबीर सिंह का निधन हो गया. वे 99 वर्ष के थे और बीमारी से जूझ रहे थे.

टोंक जिले के सोडा गांव में 2 नवंबर 1923 को जन्मे ब्रिगेडियर रघुबीर सिंह को 18 अप्रैल 1946 को सवाई मान गार्ड्स में सेकंड लेफ्टिनेंट के रूप में कमीशन दिया गया था. उन्होंने दूसरे विश्व युद्ध सहित कई युद्ध लड़े थे.

उन्होंने 1944 में बर्मा युद्ध में भाग लिया और लड़ने के लिए जापान गए. इसके बाद उन्होंने स्वतंत्रता के तुरंत बाद उरी सेक्टर में 1947-48 के भारत-पाक युद्ध में लड़ाई लड़ी. 1954 में उत्तर-दक्षिण कोरिया के युद्ध के दौरान उन्हें शांति सेना के हिस्से के रूप में राष्ट्र प्रतिनिधि आयोग के अध्यक्ष के रूप में तैनात किया गया था.

पूर्व राष्ट्रपति
पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एस राधाकृष्णन ने किया था सम्मानित.

1958-59 के दौरान इसराइल-मिस्र युद्ध में वो संयुक्त राष्ट्र आपातकालीन बल का हिस्सा थे. 1965 के भारत-पाक युद्ध के दौरान बटालियन 18 राजपूताना राइफल्स की कमान संभालते हुए उन्होंने इस लड़ाई में पाकिस्तानी सेना के 22 पैटन टैंकों को नष्ट कर बहादुरी के उत्कृष्ट मानकों का प्रदर्शन किया.

ब्रिगेडियर रघुवीर सिंह के नाम के साथ ऐसी कई शौर्य गाथाएं जुड़ी हुई हैं. लेफ्टिनेंट कर्नल रहते हुए रघुवीर सिंह को भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. एस राधाकृष्णन ने देश के दूसरे सर्वोच्च वीरता पुरस्कार महावीर चक्र से सम्मानित किया. 1971 में भारत-पाक युद्ध के दौरान उन्होंने बांग्लादेश के समर्पण शिविर में युद्ध के एक लाख पाकिस्तानी कैदियों की देखभाल करने की जिम्मेदारी के साथ, सैन्य पुलिस में प्रोवोस्ट मार्शल के पद को भी संभाला.

आज ब्रिगेडियर रघुवीर सिंह एमवीसी जैसे योद्धा को देश ने खो दिया. उनके परिवार में उनके पुत्र संग्राम सिंह राजावत भी सेना में मेजर रहे हैं.

पढ़ेंः राहुल गांधी का तंज- भारत सरकार का झूठ और खोखले नारों वाला सबसे कुशल मंत्रालय कौन सा?

जयपुर : भारत पाकिस्तान के 1965 में हुए युद्ध में अपूर्व शौर्य का प्रदर्शन करने वाले ब्रिगेडियर रघुबीर सिंह का निधन हो गया. वे 99 वर्ष के थे और बीमारी से जूझ रहे थे.

टोंक जिले के सोडा गांव में 2 नवंबर 1923 को जन्मे ब्रिगेडियर रघुबीर सिंह को 18 अप्रैल 1946 को सवाई मान गार्ड्स में सेकंड लेफ्टिनेंट के रूप में कमीशन दिया गया था. उन्होंने दूसरे विश्व युद्ध सहित कई युद्ध लड़े थे.

उन्होंने 1944 में बर्मा युद्ध में भाग लिया और लड़ने के लिए जापान गए. इसके बाद उन्होंने स्वतंत्रता के तुरंत बाद उरी सेक्टर में 1947-48 के भारत-पाक युद्ध में लड़ाई लड़ी. 1954 में उत्तर-दक्षिण कोरिया के युद्ध के दौरान उन्हें शांति सेना के हिस्से के रूप में राष्ट्र प्रतिनिधि आयोग के अध्यक्ष के रूप में तैनात किया गया था.

पूर्व राष्ट्रपति
पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एस राधाकृष्णन ने किया था सम्मानित.

1958-59 के दौरान इसराइल-मिस्र युद्ध में वो संयुक्त राष्ट्र आपातकालीन बल का हिस्सा थे. 1965 के भारत-पाक युद्ध के दौरान बटालियन 18 राजपूताना राइफल्स की कमान संभालते हुए उन्होंने इस लड़ाई में पाकिस्तानी सेना के 22 पैटन टैंकों को नष्ट कर बहादुरी के उत्कृष्ट मानकों का प्रदर्शन किया.

ब्रिगेडियर रघुवीर सिंह के नाम के साथ ऐसी कई शौर्य गाथाएं जुड़ी हुई हैं. लेफ्टिनेंट कर्नल रहते हुए रघुवीर सिंह को भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. एस राधाकृष्णन ने देश के दूसरे सर्वोच्च वीरता पुरस्कार महावीर चक्र से सम्मानित किया. 1971 में भारत-पाक युद्ध के दौरान उन्होंने बांग्लादेश के समर्पण शिविर में युद्ध के एक लाख पाकिस्तानी कैदियों की देखभाल करने की जिम्मेदारी के साथ, सैन्य पुलिस में प्रोवोस्ट मार्शल के पद को भी संभाला.

आज ब्रिगेडियर रघुवीर सिंह एमवीसी जैसे योद्धा को देश ने खो दिया. उनके परिवार में उनके पुत्र संग्राम सिंह राजावत भी सेना में मेजर रहे हैं.

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