नई दिल्ली/रुद्रपुर: उत्तराखंड के कद्दावर नेता हरक सिंह रावत को बीजेपी ने मंत्रीपद से हटाते हुए पार्टी से बाहर का रास्ता भी दिखा दिया है. बीजेपी की इस कार्रवाई पर दिल्ली पहुंचे हरक सिंह रावत से ईटीवी भारत ने खास बातचीत की. इस दौरान हरक सिंह रावत (Harak Singh Rawat expelled from BJP) ने कहा कि बीजेपी ने उनको लेकर जो निर्णय लिया है, वो तात्कालीक तौर पर भले ही बुरा लग रहा हो, लेकिन उत्तराखंड के भविष्य और राजनीति के लिए ये बहुत बड़ा कदम है. ईश्वर जो करता है वो अच्छा करता है और इसका परिणाम भी अच्छा ही होगा.
हरक सिंह रावत ने कहा कि, हर बुराई में अच्छाई तलाशनी चाहिए और वो बीजेपी के इस फैसले को भी इसी रूप में देख रहे हैं. हरक सिंह ने साफ किया कि उनका बीजेपी से जाने का कोई इरादा नहीं था, लेकिन बीजेपी से न जाने कहां चूक हो गई. हालांकि, उन्होंने इशारों ही इशारों अपनी नाराजगी की बात को स्वीकार भी किया.
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कांग्रेसी नेताओं ने किया था फोन: हरक सिंह रावत ने बताया कि, ये अलग बात है कि लोकतंत्र में हम विकास के लिए नाराज होते और अपनी मांगें मनवाते हैं, लेकिन वो वहीं तक था. उनको कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल और नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह समेत कांग्रेस के कई बड़े नेताओं के फोन आ रहे थे, लेकिन वो उन्हें साफ कह देते थे कि उनका कांग्रेस में आने का कोई विचार नहीं है.
बीजेपी बोल रही सफेद झूठ: वहीं, हरक सिंह रावत ने बताया कि वो दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह और चुनाव प्रभारी प्रह्वाद जोशी से मिलने आए थे, लेकिन उनके दिल्ली पहुंचने से पहले ही बीजेपी ने ये निर्णय ले लिया. अब उसमें वो क्या कर सकते हैं. जब हरक से सवाल किया गया कि सीएम धामी ने ये बयान दिया है कि वो अपने परिवार के लिए टिकट मांग रहे थे, जो पार्टी के नियम के खिलाफ है. इस पर हरक सिंह ने कहा कि ये सब सफेद झूठ बोल रहे हैं. सीएम अपने पाप, गुनाह और गलतियों को छुपाने की कोशिश कर रहे हैं. उनकी इस तरह की कोई बात ही नहीं हुई है.
बहू अनुकृति गुसाईं ने लिए नहीं मांगा टिकट: क्या उन्होंने अपनी बहू अनुकृति गुसाईं के लिए बीजेपी से टिकट की मांग की थी, इस पर हरक सिंह रावत ने कहा कि उन्होंने तो बीजेपी से ये कहा था कि वो चुनाव नहीं लड़ना चाहते, लेकिन बीजेपी ने उनको चुनाव लड़ने को कहा. उन्होंने इतना जरूर कहा था कि यदि उनकी बहू अनुकृति ने अच्छा काम किया है तो पार्टी उस पर एक बार विचार कर ले. इसके अलावा उनकी कोई बात नहीं हुई. हरक ने बताया कि कल (16 जनवरी) उन्हें मैसेज भी आया था कि उनके इस प्रस्ताव पर विचार भी किया जा रहा है. यहां बता दें कि हरक सिंह रावत की पुत्रवधू अनुकृति गुसाईं ने ईटीवी भारत पर पौड़ी जिले की लैंसडाउन विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने का ऐलान किया था.
सोशल मीडिया की खबरों पर किया विश्वास: हरक ने दुख जताते हुए कहा कि सोशल मीडिया पर चली गलत खबरों को आधार बनकर बीजेपी ने उन्हें बाहर निकाल दिया. उनसे न कुछ पूछा गया न उन्हें सूचित किया गया.
कांग्रेस में जाने का विचार? बीजेपी से निकाले जाने के बाद क्या हरक सिंह रावत अब कांग्रेस में जाने की सोच रहे हैं. इस पर हरक ने कहा कि अभीतक उनकी किसी से बात नहीं हुई है, लेकिन अब वे बातचीत जरूर करेंगे, बाकी देखा जाएगा क्या अच्छा हो सकता है.
हरीश रावत की नाराजगी पर दिया जवाब: वहीं, हरक सिंह रावत को भाजपा के निकाले जाने के बाद अब पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत का बड़ा बयान सामने आया है. हरीश रावत ने कहा है कि अगर हरक सिंह रावत अपनी कांग्रेस छोड़ने की गलती मान लेते हैं तो वो पार्टी में उनका स्वागत करने के लिए तैयार हैं. इस पर हरक सिंह ने कहा कि उन्हें ये मालूम नहीं कि उन्होंने क्या कहा? उनकी कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल से जरूर बात हुई है, लेकिन हरीश रावत ने उनकी कोई बात नहीं हुई है.
कांग्रेस से अनुकृति के लिए टिकट मांगेंगे? इस पर हरक सिंह रावत ने कहा कि वो बीजेपी में भी दो टिकट नहीं मांग रहे थे. जिस तरह की चर्चाएं हो रही हैं, ये सब बेकार है. इन बातों का कोई सिर-पैर नहीं है. हालांकि, वो कांग्रेस से बातचीत करने के लिए तैयार हैं.
कैबिनेट मंत्री अरविंद पांडे ने साधा निशाना: उधर, हरक सिंह रावत के निष्कासन पर बीजेपी के बड़े नेता और कैबिनेट मंत्री अरविंद पांडे ने कहा कि जो नेता राजनीति में अपने बच्चों को स्थापित करने का काम करते हैं, उनका कोई ईमान और दल नहीं होता है. आम जनता को ऐसे लोगों का बहिष्कार करना चाहिए. ऐसे लोग राजनीति की सेहत के लिए भी ठीक नहीं है. उन्होंने उत्तराखंड और यूपी में बीजेपी की सरकार बनने का दावा किया.