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सर्दी में धधके उत्तराखंड के जंगल, कैंची धाम के वन में आग, मदमहेश्वर फॉरेस्ट भी सुलगा

Fire in Kainchi Dham forest of Uttarakhand अभी जनवरी का महीना चल रहा है और उत्तराखंड में भीषण सर्दी पड़ रही है. इसके बावजूद यहां के जंगलों में आग लगी हुई है. कुमाऊं में कैंची धाम के पीछे जंगल में आग लगी है. उधर गढ़वाल के रुद्रप्रयाग जिले में मदमहेश्वर के वन में आग धधकी हुई है.

Fire in Kainchi Dham forest
फॉरेस्ट फायर
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 3, 2024, 1:13 PM IST

Updated : Jan 3, 2024, 1:39 PM IST

सर्दी में धधके उत्तराखंड के जंगल

हल्द्वानी (उत्तराखंड): अभी सर्दियां चल रही हैं, लेकिन उससे पहले ही पहाड़ों के जंगलों में आग लगनी शुरू हो गई है. नैनीताल वन प्रभाग के कैंची धाम मंदिर के जंगलों में पिछले तीन दिनों से आग लगी हुई है. आग की लपटें सड़क तक पहुंच रही हैं. इसके चलते कैंची धाम आने वाले पर्यटकों के साथ-साथ अल्मोड़ा जाने वाले लोगों को भी परेशानी उठानी पड़ रही है.

नीम करोली धाम के पीछे जंगल में लगी आग: आग जंगल के कई क्षेत्रों में फैली हुई है. आग के साथ ही आसपास धुआं फैल रहा है. काफी क्षेत्रफल में आग लगी हुई है, लेकिन वन विभाग पूरी तरह से लापरवाह बना हुआ है. आग के चलते जंगलों के साथ-साथ वन्यजीवों को भी नुकसान पहुंच रहा है. इसके बावजूद वन विभाग द्वारा आग नहीं बुझाई गई है. आग विश्व प्रसिद्ध बाबा नीम करोली महाराज के कैंची धाम मंदिर के पिछले हिस्से के जंगलों में कुछ मीटर की दूरी पर लगी हुई है. मंदिर के पिछले हिस्से में चीड़ का जंगल है. वहां चीड़ के जंगलों में आग लगी हुई है.

वन संरक्षक ने क्या कहा: बताया जा रहा कि करीब 3 दिन से जंगल धधक रहा है. इसके बावजूद वन विभाग के लोग आग बुझाने नहीं पहुंच रहे हैं. ऐसे में कैंची धाम मंदिर के दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं में भी अच्छा संदेश नहीं जा रहा है. वन संरक्षक दक्षिणी वृत्त टीआर बीजू लाल का कहना है कि जिन क्षेत्रों में आग लगी है, हो सकता है कि वार्निंग फायर का कार्य चल रहा होगा. फिर भी इस मामले को लेकर डीएफओ को निर्देशित कर आग पर काबू करने की कार्रवाई की जाएगी. इस पूरे मामले में ईटीवी भारत ने जब डीएफओ चंद्रशेखर जोशी से बात करने की कोशिश की तो उन्होंने फोन नहीं उठाया.
ये भी पढ़ें: मदमहेश्वर घाटी के जंगलों में लगी भीषण आग, वन्यजीवों पर मंडराया खतरा, आग बुझाने में जुटे वनकर्मी

मदमहेश्वर के ऊंचे जंगल में भी लगी आग: रुद्रप्रयाग जिले के मदमहेश्वर घाटी के ऊंचाई वाले जंगल में भी आग लगी है. भीषण आग से वन संपदा खाक हो रही है. समय रहते आग पर काबू नहीं पाया गया तो ये आग बड़ा रूप ले सकती है. बुरुवा भेंटी के वन में लगी आग टिंगरी से सोन पर्वत के बुग्यालों तक पहुंचने का खतरा बढ़ गया है. ऐसा माना जा रहा है कि इस बार कम बर्फबारी हुई है, इस कारण छोटी आग ने बड़ा रूप ले लिया होगा.

सर्दी में धधके उत्तराखंड के जंगल

हल्द्वानी (उत्तराखंड): अभी सर्दियां चल रही हैं, लेकिन उससे पहले ही पहाड़ों के जंगलों में आग लगनी शुरू हो गई है. नैनीताल वन प्रभाग के कैंची धाम मंदिर के जंगलों में पिछले तीन दिनों से आग लगी हुई है. आग की लपटें सड़क तक पहुंच रही हैं. इसके चलते कैंची धाम आने वाले पर्यटकों के साथ-साथ अल्मोड़ा जाने वाले लोगों को भी परेशानी उठानी पड़ रही है.

नीम करोली धाम के पीछे जंगल में लगी आग: आग जंगल के कई क्षेत्रों में फैली हुई है. आग के साथ ही आसपास धुआं फैल रहा है. काफी क्षेत्रफल में आग लगी हुई है, लेकिन वन विभाग पूरी तरह से लापरवाह बना हुआ है. आग के चलते जंगलों के साथ-साथ वन्यजीवों को भी नुकसान पहुंच रहा है. इसके बावजूद वन विभाग द्वारा आग नहीं बुझाई गई है. आग विश्व प्रसिद्ध बाबा नीम करोली महाराज के कैंची धाम मंदिर के पिछले हिस्से के जंगलों में कुछ मीटर की दूरी पर लगी हुई है. मंदिर के पिछले हिस्से में चीड़ का जंगल है. वहां चीड़ के जंगलों में आग लगी हुई है.

वन संरक्षक ने क्या कहा: बताया जा रहा कि करीब 3 दिन से जंगल धधक रहा है. इसके बावजूद वन विभाग के लोग आग बुझाने नहीं पहुंच रहे हैं. ऐसे में कैंची धाम मंदिर के दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं में भी अच्छा संदेश नहीं जा रहा है. वन संरक्षक दक्षिणी वृत्त टीआर बीजू लाल का कहना है कि जिन क्षेत्रों में आग लगी है, हो सकता है कि वार्निंग फायर का कार्य चल रहा होगा. फिर भी इस मामले को लेकर डीएफओ को निर्देशित कर आग पर काबू करने की कार्रवाई की जाएगी. इस पूरे मामले में ईटीवी भारत ने जब डीएफओ चंद्रशेखर जोशी से बात करने की कोशिश की तो उन्होंने फोन नहीं उठाया.
ये भी पढ़ें: मदमहेश्वर घाटी के जंगलों में लगी भीषण आग, वन्यजीवों पर मंडराया खतरा, आग बुझाने में जुटे वनकर्मी

मदमहेश्वर के ऊंचे जंगल में भी लगी आग: रुद्रप्रयाग जिले के मदमहेश्वर घाटी के ऊंचाई वाले जंगल में भी आग लगी है. भीषण आग से वन संपदा खाक हो रही है. समय रहते आग पर काबू नहीं पाया गया तो ये आग बड़ा रूप ले सकती है. बुरुवा भेंटी के वन में लगी आग टिंगरी से सोन पर्वत के बुग्यालों तक पहुंचने का खतरा बढ़ गया है. ऐसा माना जा रहा है कि इस बार कम बर्फबारी हुई है, इस कारण छोटी आग ने बड़ा रूप ले लिया होगा.

Last Updated : Jan 3, 2024, 1:39 PM IST
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