ETV Bharat / bharat

पैसों और शराब के लालच में पिता बना बेटी का सौदागर

उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में जबरन नाबालिग बेटी की शादी करवाने का मामला आया है. पैसों और शराब के लालच में ये शादी तय की गई थी.

rudraprayag etv bharat
rudraprayag etv bharat
author img

By

Published : Dec 5, 2021, 9:57 PM IST

रुद्रप्रयाग : जिले में पैसों और शराब के लालच में एक पिता ने अपनी नाबालिग बेटी की शादी (father deal with the minor daughter in the greed of money) तय कर दी. शादी 12 दिसंबर को तय थी. जिसके कार्ड भी छपवाकर लोगों को बांट दिये गये. आस-पास के लोगों को यह भनक लगी तो उन्होंने यह जानकारी वन स्टॉप सेंटर और समौण फाउंडेशन को दी. जिसके बाद मामले में तत्परता दिखाते हुए शादी को रोका गया.

दरअसल, जिले के जखोली विकासखण्ड के एक गांव में पिता ने अपनी नाबालिग बेटी की जबरन शादी तय की थी. पैसों के लालच में पिता अपनी लड़की की शादी करवाना चाहता था. हैरत की बात यह कि लड़की की शादी मानसिक रूप से दिव्यांग व्यक्ति से तय की गई थी.

पैसों और शराब के लालच में पिता ने किया बेटी का सौदा.

स्थानीय लोगों के मुताबिक शराब और पैसों के लालच में एक पिता ने अपनी नाबालिग बेटी का विवाह जबरन मानसिक विक्षिप्त व्यक्ति से तय कर दिया था, जबकि बालिका विवाह नहीं करना चाहती थी. पिता के बहुत दबाव डालने पर बेटी विवाह के लिए विवश हो गई. कमल ने बताया जैसे ही यह सूचना उन्हें मिली तो उन्होंने तत्परता से बाल संरक्षण विभाग व चाइल्ड वेलफेयर एसोसिएशन रुद्रप्रयाग से संपर्क किया. लेकिन इन विभागों ने इस मामले में खास रुचि नहीं ली.

इसके बाद उन्होंने बालिका को बचाने के लिए महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग के वन स्टॉप सेंटर की केंद्र प्रशासक रंजना गैरोला भट्ट से संपर्क किया. रंजना ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तुंरत अपनी एक टीम बालिका के गांव भेजी. जहां दस्तावेज देखने पर बालिका के नाबालिग होने की पुष्टि हुई.

जांच टीम की महिला केस वर्कर आयुषी ने बताया कि लड़की विवाह नहीं करना चाहती थी. लड़का मानसिक रूप से विक्षिप्त है. लड़के को उससे मिलवाया भी नहीं गया. बस एक बार जंगल में घास काटते हुए काफी दूर से एक व्यक्ति को दिखाया गया था. तब उससे कहा गया कि ये तुम्हारा होने वाला पति है. मना करने के बावजूद कुछ दिन बाद लड़के के पिता सगाई की अंगूठी एवं कपडे़ देकर सगाई की रस्म पूरी कर चले गए.

बालिका ने बताया कि शादी के कार्ड बंट जाने और सारी तैयारियां हो जाने के साथ ही लोक लाज के कारण वह चुप रही. इसके बाद जांच टीम ने लड़के पक्ष को बुलाया और सख्ती से कानूनी प्रावधान समझाए. जिसके बाद लड़के के पिता ने शादी न कराने की बात कही. साथ ही वो सगाई में दिया गया सारा सामान वापस ले गए. टीम की ओर से नाबालिग को उसकी स्वयं की मर्जी पर उसके मामा-मामी के संरक्षण में भेज दिया गया, जहां वह आगे पढ़ाई करेगी.

पढ़ेंः केदारनाथ धाम में बर्फबारी के बाद सूर्यदेव ने दिए दर्शन, मिली राहत

रुद्रप्रयाग : जिले में पैसों और शराब के लालच में एक पिता ने अपनी नाबालिग बेटी की शादी (father deal with the minor daughter in the greed of money) तय कर दी. शादी 12 दिसंबर को तय थी. जिसके कार्ड भी छपवाकर लोगों को बांट दिये गये. आस-पास के लोगों को यह भनक लगी तो उन्होंने यह जानकारी वन स्टॉप सेंटर और समौण फाउंडेशन को दी. जिसके बाद मामले में तत्परता दिखाते हुए शादी को रोका गया.

दरअसल, जिले के जखोली विकासखण्ड के एक गांव में पिता ने अपनी नाबालिग बेटी की जबरन शादी तय की थी. पैसों के लालच में पिता अपनी लड़की की शादी करवाना चाहता था. हैरत की बात यह कि लड़की की शादी मानसिक रूप से दिव्यांग व्यक्ति से तय की गई थी.

पैसों और शराब के लालच में पिता ने किया बेटी का सौदा.

स्थानीय लोगों के मुताबिक शराब और पैसों के लालच में एक पिता ने अपनी नाबालिग बेटी का विवाह जबरन मानसिक विक्षिप्त व्यक्ति से तय कर दिया था, जबकि बालिका विवाह नहीं करना चाहती थी. पिता के बहुत दबाव डालने पर बेटी विवाह के लिए विवश हो गई. कमल ने बताया जैसे ही यह सूचना उन्हें मिली तो उन्होंने तत्परता से बाल संरक्षण विभाग व चाइल्ड वेलफेयर एसोसिएशन रुद्रप्रयाग से संपर्क किया. लेकिन इन विभागों ने इस मामले में खास रुचि नहीं ली.

इसके बाद उन्होंने बालिका को बचाने के लिए महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग के वन स्टॉप सेंटर की केंद्र प्रशासक रंजना गैरोला भट्ट से संपर्क किया. रंजना ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तुंरत अपनी एक टीम बालिका के गांव भेजी. जहां दस्तावेज देखने पर बालिका के नाबालिग होने की पुष्टि हुई.

जांच टीम की महिला केस वर्कर आयुषी ने बताया कि लड़की विवाह नहीं करना चाहती थी. लड़का मानसिक रूप से विक्षिप्त है. लड़के को उससे मिलवाया भी नहीं गया. बस एक बार जंगल में घास काटते हुए काफी दूर से एक व्यक्ति को दिखाया गया था. तब उससे कहा गया कि ये तुम्हारा होने वाला पति है. मना करने के बावजूद कुछ दिन बाद लड़के के पिता सगाई की अंगूठी एवं कपडे़ देकर सगाई की रस्म पूरी कर चले गए.

बालिका ने बताया कि शादी के कार्ड बंट जाने और सारी तैयारियां हो जाने के साथ ही लोक लाज के कारण वह चुप रही. इसके बाद जांच टीम ने लड़के पक्ष को बुलाया और सख्ती से कानूनी प्रावधान समझाए. जिसके बाद लड़के के पिता ने शादी न कराने की बात कही. साथ ही वो सगाई में दिया गया सारा सामान वापस ले गए. टीम की ओर से नाबालिग को उसकी स्वयं की मर्जी पर उसके मामा-मामी के संरक्षण में भेज दिया गया, जहां वह आगे पढ़ाई करेगी.

पढ़ेंः केदारनाथ धाम में बर्फबारी के बाद सूर्यदेव ने दिए दर्शन, मिली राहत

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.