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उत्तराखंड एवलॉन्च में पर्वतारोही सविता कंसवाल की मौत, मई में पाई थी एवरेस्ट पर विजय - एवलॉन्च में सविता कंसवाल की मौत

उत्तराखंड के उत्तरकाशी एवलॉन्च में देश ने एक उभरती पर्वतारोही को खो दिया है. एवरेस्ट विजेता सविता कंसवाल की एवलॉन्च हादसे में मौत हो गई है. सविता नेहरू पर्वतारोहण संस्थान की एक कुशल प्रशिक्षक थीं. इसी साल 12 मई को सविता ने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट (8848 मीटर) पर तिरंगा फहराया था.

Savita Kanswal died
सविता कंसवाल
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Published : Oct 5, 2022, 9:02 AM IST

उत्तराखंड: उत्तरकाशी जिले के लोंथरू गांव की निवासी पर्वतारोही सविता कंसवाल की निम हादसे में मौत हो गई है. सविता ने इसी साल मई माह में 15 दिन के अंदर एवरेस्ट और माउंट मकालू पर्वतों पर सफल आरोहण कर नेशनल रिकॉर्ड अपने नाम किया था. मंगलवार सुबह द्रौपदी का डांडा चोटी में निम के एडवांस माउंटेनियरिंग कोर्स में गए प्रशिक्षकों में शामिल पर्वतारोही सविता की एवलॉन्च में दबने से मौत हो गई.

मंगलवार देर शाम निम के प्रधानाचार्य अमित बिष्ट ने हादसे में एवरेस्ट विजेता सविता कंसवाल की मौत की पुष्टि की. सविता उत्तरकाशी जनपद की एक उभरती हुई पर्वतारोही थीं. उन्होंने बेहद कम समय में पर्वतारोहण के क्षेत्र में अपना नाम बनाया था. सविता ने नेहरू पर्वतारोहण संस्थान से एडवांस और सर्च एंड रेस्क्यू कोर्स के साथ पर्वतारोहण प्रशिक्षक का कोर्स किया था.
ये भी पढ़ें: उत्तरकाशी की सविता कंसवाल ने 'माउंट ल्होत्से' किया फतह

सविता नेहरू पर्वतारोहण संस्थान की एक कुशल प्रशिक्षक थीं. इसी साल 12 मई को सविता ने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट (8848 मीटर) पर तिरंगा फहराया था. इसके 15 दिन बाद सविता ने माउंट मकालू (8463 मीटर) पर भी सफल आरोहण किया था. उनकी सफलता से उसके क्षेत्र और जनपदभर में खुशी की लहर थी. वहीं मंगलवार देर शाम सविता की मौत की खबर आने के बाद उसके गांव सहित जनपदभर में शोक की लहर फैल गई है.

आर्थिक तंगी में गुजरा बचपन: सविता का बचपन आर्थिक तंगी में गुजरा. चार बहनों में सबसे छोटी सविता वृद्ध पिता राधेश्याम कंसवाल और मां कमलेश्वरी देवी की रेखदेख करने के साथ घर की जिम्मेदारियां भी बखूबी संभाल रही थीं. माता-पिता अपनी इस बेटी को कोहिनूर की तरह मानते थे.
ये भी पढ़ें: VIDEO: सविता कंसवाल ने 15 दिन में फतह किया एवरेस्ट-मकालू पर्वत, बनाया नेशनल रिकॉर्ड

निम से किया था पर्वतारोहण का कोर्स: सरकारी स्कूल से पढ़ी सविता ने वर्ष 2013 में नेहरू पर्वतारोहण संस्थान उत्तरकाशी से पर्वतारोहण का बेसिक कोर्स और फिर एडवांस व सर्च एंड रेस्क्यू कोर्स के साथ पर्वतारोहण प्रशिक्षक का कोर्स भी किया. कोर्स की फीस जुटाने के लिए सविता ने देहरादून की एक कंपनी में भी नौकरी की. वर्ष 2018 से सविता निम में बतौर प्रशिक्षक तैनात थीं.

उत्तरकाशी एवलॉन्च में क्या हुआ: सीमांत जनपद उत्तरकाशी में द्रौपदी का डांडा 2 पर्वत चोटी के पास हिमस्खलन हुआ. इसमें अभी तक 7 शव बरामद कर लिए गए हैं. डीजीपी के मुताबिक अभी तक 8 पर्वतारोहियों को सुरक्षित रेस्क्यू कर दिया गया है. अभी तक 25 लोग लापता बताए जा रहे हैं. बचाव और राहत कार्यों के लिए IAF ने 2 चीता हेलीकॉप्टर तैनात किए हैं, अन्य सभी हेलीकॉप्टरों के बेड़े को किसी भी अन्य आवश्यकता के लिए स्टैंडबाय पर रखा गया है.
ये भी पढ़ें: उत्तरकाशी एवलॉन्च: अब तक 7 शव बरामद, 8 लोग रेस्क्यू, 25 लापता, ये हैं पर्वतारोहियों के नाम, PM ने जताया दुख

उत्तराखंड: उत्तरकाशी जिले के लोंथरू गांव की निवासी पर्वतारोही सविता कंसवाल की निम हादसे में मौत हो गई है. सविता ने इसी साल मई माह में 15 दिन के अंदर एवरेस्ट और माउंट मकालू पर्वतों पर सफल आरोहण कर नेशनल रिकॉर्ड अपने नाम किया था. मंगलवार सुबह द्रौपदी का डांडा चोटी में निम के एडवांस माउंटेनियरिंग कोर्स में गए प्रशिक्षकों में शामिल पर्वतारोही सविता की एवलॉन्च में दबने से मौत हो गई.

मंगलवार देर शाम निम के प्रधानाचार्य अमित बिष्ट ने हादसे में एवरेस्ट विजेता सविता कंसवाल की मौत की पुष्टि की. सविता उत्तरकाशी जनपद की एक उभरती हुई पर्वतारोही थीं. उन्होंने बेहद कम समय में पर्वतारोहण के क्षेत्र में अपना नाम बनाया था. सविता ने नेहरू पर्वतारोहण संस्थान से एडवांस और सर्च एंड रेस्क्यू कोर्स के साथ पर्वतारोहण प्रशिक्षक का कोर्स किया था.
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सविता नेहरू पर्वतारोहण संस्थान की एक कुशल प्रशिक्षक थीं. इसी साल 12 मई को सविता ने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट (8848 मीटर) पर तिरंगा फहराया था. इसके 15 दिन बाद सविता ने माउंट मकालू (8463 मीटर) पर भी सफल आरोहण किया था. उनकी सफलता से उसके क्षेत्र और जनपदभर में खुशी की लहर थी. वहीं मंगलवार देर शाम सविता की मौत की खबर आने के बाद उसके गांव सहित जनपदभर में शोक की लहर फैल गई है.

आर्थिक तंगी में गुजरा बचपन: सविता का बचपन आर्थिक तंगी में गुजरा. चार बहनों में सबसे छोटी सविता वृद्ध पिता राधेश्याम कंसवाल और मां कमलेश्वरी देवी की रेखदेख करने के साथ घर की जिम्मेदारियां भी बखूबी संभाल रही थीं. माता-पिता अपनी इस बेटी को कोहिनूर की तरह मानते थे.
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निम से किया था पर्वतारोहण का कोर्स: सरकारी स्कूल से पढ़ी सविता ने वर्ष 2013 में नेहरू पर्वतारोहण संस्थान उत्तरकाशी से पर्वतारोहण का बेसिक कोर्स और फिर एडवांस व सर्च एंड रेस्क्यू कोर्स के साथ पर्वतारोहण प्रशिक्षक का कोर्स भी किया. कोर्स की फीस जुटाने के लिए सविता ने देहरादून की एक कंपनी में भी नौकरी की. वर्ष 2018 से सविता निम में बतौर प्रशिक्षक तैनात थीं.

उत्तरकाशी एवलॉन्च में क्या हुआ: सीमांत जनपद उत्तरकाशी में द्रौपदी का डांडा 2 पर्वत चोटी के पास हिमस्खलन हुआ. इसमें अभी तक 7 शव बरामद कर लिए गए हैं. डीजीपी के मुताबिक अभी तक 8 पर्वतारोहियों को सुरक्षित रेस्क्यू कर दिया गया है. अभी तक 25 लोग लापता बताए जा रहे हैं. बचाव और राहत कार्यों के लिए IAF ने 2 चीता हेलीकॉप्टर तैनात किए हैं, अन्य सभी हेलीकॉप्टरों के बेड़े को किसी भी अन्य आवश्यकता के लिए स्टैंडबाय पर रखा गया है.
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