देहरादून(उत्तराखंड): इन दिनों मध्यप्रदेश के बागेश्वर धाम की चर्चा चारों ओर हो रही है. बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री को बड़ी संख्या में लोग देखना और सुनना चाहते हैं. बाबा बागेश्वर के भक्त धीरेंद्र शास्त्री के सामने अपनी फरियाद के साथ उनसे पर्चा लिखवाना चाहते हैं. जहां भी धीरेंद्र शास्त्री कथा और प्रवचन करते हैं वहां लाखों लोगों की भीड़ इकट्ठा हो जाती है. बेहद कम समय में चर्चित हुए कथावाचक धीरेंद्र शास्त्री का मुख्य स्थान बागेश्वर धाम है. हर कोई बागेश्वर धाम में माथा टेकना चाहता है, लेकिन, धीरेंद्र शास्त्री की वजह से उत्तराखंड का एक जिला और जिले में तैनात अधिकारी परेशान हो गये हैं. यह फरियाद उत्तराखंड से नहीं बल्कि देश के अलग-अलग हिस्सों से आ रही है.
दरअसल उत्तराखंड के कुमाऊं स्थित बागेश्वर जिले में पुलिस के अधिकारी हो या जिले के दूसरे अधिकारी, जिनका भी नंबर सोशल साइट पर मिल जाता है उन अधिकारियों को रोजाना बागेश्वर धाम से जुड़े कॉल आ रहे हैं. इन कॉल्स पर फरियादी अपना दुख दर्द सुनाकर बागेश्वर धाम के बारे में जानकारी जुटाने की कोशिश कर रहे हैं.
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डीएम, पुलिस अधिकारियों को आ रहे कॉल्स: बागेश्वर जिले के जिलाधिकारी, पुलिस अधिकारी, थाना, कोतवाली में तैनात सभी के पास इस तरह के फोन कॉल्स आ रहे हैं. पुलिस कंट्रोल रूम के साथ ही मेडिकल से जुड़े डॉक्टरों को भी ऐसी ही कॉल्स आ रही हैं. इन कॉल्स में बागेश्वर धाम के बारे में जानकारी मांगी जाती है. मना करने के बाद जब फोन काट दिया जाता है तो सामने से फरियादी दूसरा नंबर डायल कर देता है. दूसरे फोन पर फरियादी बेहद परेशान होकर बागेश्वर वाले बाबा धीरेंद्र शास्त्री से बात करवाने की गुजारिश करता है. खास बात यह है कि जिन अधिकारियों के पास फोन आ रहे हैं उनका कहना है कि ज्यादातर कॉल्स पर महिला ही बात करती हैं. ऐसे में महिलाओं को समझाना बड़ा मुश्किल हो जाता है. कई महिलाओं को लगता है कि वह धीरेंद्र शास्त्री का पता बताना ही नहीं चाहते हैं.
कोतवाल बोले समझा समझा कर थक गया हूं: बागेश्वर कोतवाली के कोतवाल कैलाश नेगी ने ईटीवी भारत से फोन पर बातचीत की. कैलाश नेगी ने बताया सुबह से शाम तक एक दर्जन से ज्यादा कॉल्स बागेश्वर धाम के बारे में जानकारी के लिए आ रहे हैं. लोगों को लगता है कि यह धीरेंद्र शास्त्री के बागेश्वर धाम का नंबर है. कई महिलाएं तो रोते हुए उनसे धीरेंद्र शास्त्री से बात करवाने का आग्रह करती हैं. बहुत कोशिशों के बाद जब लोग नहीं मानते तो मजबूरन उन्हें फोन काटना पड़ता है. कैलाश नेगी ने कहा ज्यादातर लोग उनके धाम का सही पता पूछने के लिए फोन कर रहे हैं. ऐसे में उन्होंने अपने पास धाम का छोटा सा एड्रेस रख लिया है. अगर कोई पूछता भी है तो उन्हें वह बता देते हैं. साथ ही वे ये भी बता देते हैं कि वह मध्यप्रदेश के बागेश्वर धाम से नहीं बल्कि उत्तराखंड के बागेश्वर जिले से पुलिस के अधिकारी बात कर रहे हैं. कैलाश नेगी बताते हैं जिले में अधिकारियों के पास सिर्फ फोन ही नहीं आ रहे हैं, बल्कि कई लोग मध्य प्रदेश जाने के बजाए उत्तराखंड के बागेश्वर पहुंच जा रहे हैं.
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देश के अलग-अलग हिस्सों से बागेश्वर पहुंच रहे लोग: बागेश्वर धाम और बागेश्वर जिले को लेकर लोगों में इतना कन्फ्यूजन है कि वे मध्यप्रदेश के बागेश्वर धाम जाने बजाय ट्रेन, बस या अपनी गाड़ी से उत्तराखंड के बागेश्वर पहुंच जा रहे हैं. यहां पहुंचकर वे लोगों से धीरेंद्र शास्त्री का पता पूछ रहे हैं. जब थक हार कर उन्हें यह मालूम हो जाता है कि वह गलत पते पर आ गए हैं तो वापस लौट जाते हैं. बागेश्वर धाम के चक्कर में बागेश्वर पहुंचने वाले लोग देश के अलग-अलग हिस्सों से यहां पहुंच रहे हैं.
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पुलिस कंट्रोल में भी आ रहे फोन कॉल्स: ऐसा ही हाल बागेश्वर के पुलिस कंट्रोल रूम का भी है. पुलिस कंट्रोल रूम का नंबर गूगल पर उपलब्ध है. जिसकी वजह से लोग कंट्रोल रूम में भी फोन कर रहे हैं. कंट्रोल रूम में तैनात महिला कर्मचारी ने बताया फोन करने वाले लोगों को समझाया जाता है कि यह धीरेंद्र शास्त्री बागेश्वर धाम का नंबर नहीं बल्कि पुलिस कंट्रोल रूम का नंबर है. लोग इतना सुनकर और उत्सुक हो जाते हैं. उन्हें लगता है कि अगर यह पुलिस का नंबर है तो पुलिस किसी का भी पता दे सकती है. कंट्रोल रूम में तैनात महिला पुलिसकर्मी का कहना है कि हमें उनके स्थान के बारे में नहीं पता, लिहाजा हमें मजबूरन फोन काटना पड़ता है.
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जिलाधिकारी भी फोन कॉल्स से परेशान: बागेश्वर जिले की जिलाधिकारी अनुराधा पाल का नंबर भी सोशल मीडिया पर है. लिहाजा उनके सरकारी नंबर पर भी रोजाना इस तरह की कई कॉल्स आ रही हैं. उनके दफ्तर में ही तैनात कर्मचारी इस बात की पुष्टि करते हैं. वे बताते हैं कॉल करने वाले बागेश्वर धाम वाले धीरेंद्र शास्त्री से बात कराने का आग्रह करते हैं. अधिकारी भी अब इस बात को समझने लगे हैं. वे अब पहले ही फरियादी को बता देते हैं कि उन्होंने गलत नंबर डायल किया है.
नाम की वजह से कन्फ्यूजन: बागेश्वर जिले के एसपी हिमांशु कुमार वर्मा कहते हैं कि यह सभी कन्फ्यूजन बागेश्वर जिले के नाम से हो रहा है. यह एक स्वाभाविक प्रक्रिया भी है. सोशल मीडिया के जमाने में लोग किसी के बारे में भी जानना चाहते हैं तो वह सर्च करते हैं. फिर वह नंबर हो या किसी की कोई भी जानकारी सबका एक ही सिस्टम है. उन्होंने बताया आप भी अगर गूगल पर बागेश्वर धाम या बागेश्वर जिला लिखकर सर्च करेंगे तो कई नंबर सामने आ जाएंगे. उसमें सरकारी नंबर भी हैं. बागेश्वर धाम और बागेश्वर जिले में ये ही कन्फ्यूजन हो रहा है. जिसके कारण लोगों के हाथ जो नंबर लग रहा है वे उस पर कॉल कर रहे हैं.