नई दिल्ली: प्रभास-स्टारर फिल्म 'आदिपुरुष' में कुछ आपत्तिजनक दृश्यों को हटाने की मांग को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की गई है. याचिका में कहा गया है कि फिल्म में पौराणिक महाकाव्य रामायण के रावण, भगवान राम और सीता के धार्मिक चरित्रों को विवादित ढंग से दर्शाया गया है. जबकि महर्षि वाल्मीकि की रामायण और तुलसीदास की रामचरितमानस में ऐसा वर्णन नहीं मिलता है.
यह जनहित याचिका हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता द्वारा दायर की गई है. याचिका में दावा किया गया है कि ओम राउत द्वारा निर्देशित फीचर फिल्म सिनेमैटोग्राफ अधिनियम, 1952 की धारा 5 ए के संदर्भ में अप्रतिबंधित सार्वजनिक प्रदर्शन के लिए उपयुक्त नहीं है. याचिका में आगे कहा गया है कि फिल्म से हिंदू भावनाएं बुरी तरह आहत हुई हैं.
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इसी तरह, भगवान राम, सीता और हनुमान की वेशभूषा और छवि को भी बिल्कुल अलग तरीके से चित्रित किया गया है, जिसने हिंदुओं की भावनाओं को भड़काया है. विष्णु गुप्ता ने याचिका में केंद्र सरकार, फिल्म सेंसर बोर्ड, तमिलनाडु सरकार, फिल्म निर्माता ओम राउत और कंपनी टी-सीरीज को प्रतिवादी बनाया है. साथ ही यह मांग की गई है कि फिल्म से विवादित सीन हटाए बिना इसको सेंसर बोर्ड से प्रमाण पत्र न दिया जाए और न ही सिनेमाघरों में प्रदर्शित किया जाए.
बता दें कि फिल्म 'आदिपुरूष' शुक्रवार को देश भर के सिनेमाघरों में रिलीज हुई है. जिसको लेकर दर्शकों ने अलग-अलग प्रतिक्रियाएं दी है. कुछ दर्शकों ने फिल्म को अच्छा बताया है तो कुछ ने उस पर सवाल उठाए हैं.
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