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केंद्र ने NDA परीक्षा में महिलाओं को शामिल होने की अनुमति दी - राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में महिलाओं को शामिल करने का फैसला

राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के माध्यम से महिलाओं को सशस्त्र बलों में शामिल करने की अनुमति देने का फैसला किया गया है. केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में इसकी जानकारी दी है.

एनडीए परीक्षा
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Published : Sep 8, 2021, 1:59 PM IST

Updated : Sep 8, 2021, 2:24 PM IST

नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि सशस्त्र बलों ने राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) में महिलाओं को अपनी उम्मीदवारी पेश करने की अनुमति देने का निर्णय किया है. हालांकि, केंद्र ने बुनियादी ढांचे में बदलाव करने की आवश्यकता का हवाला देते हुए अदालत से चालू वर्ष के लिए एनडीए में महिलाओं के प्रवेश से छूट देने का अनुरोध किया है.

अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) ऐश्वर्या भाटी ने एनडीए परीक्षा में महिला को भाग लेने की अनुमति देने के मामले में अदालत के समक्ष यह दलील दी.

न्यायमूर्ति एसके कौल और न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश की पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है.

एएसजी ने पीठ को बताया कि उच्चतम स्तर के बलों और सरकार में निर्णय लिया गया है कि महिलाओं को राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के माध्यम से स्थाई कमीशन के लिए शामिल किया जाएगा. उन्होंने कहा कि मंगलवार देर शाम यह निर्णय लिया गया.

हालांकि, एएसजी ने अदालत से अनुरोध किया कि वर्तमान शैक्षणिक वर्ष के लिए एनडीए में प्रवेश के संबंध में यथास्थिति बरकरार रखी जाए, क्योंकि इसके लिए प्रक्रिया और बुनियादी ढांचे में बदलाव की आवश्यकता है.

यह भी पढ़ें- सेना में महिलाओं को स्थाई कमीशन, जानें इतिहास और वैश्विक परिदृश्य

अदालत ने केंद्र को हलफनामे के जरिए घटनाक्रम को रिकॉर्ड में रखने का निर्देश दिया है.

न्यायमूर्ति कौल ने कहा कि सशस्त्र बल इस देश की सम्मानित शक्ति हैं, लेकिन लैंगिक समानता पर उन्हें और अधिक करना होगा.

बता दें, सुप्रीम कोर्ट ने 18 अगस्त को अंतरिम आदेश में महिलाओं को अस्थाई आधार पर एनडीए परीक्षा में शामिल होने की अनुमति दी थी. यह आदेश एक रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने पारित किया था, जिसमें तर्क दिया गया था कि एनडीए से महिलाओं का बहिष्कार मनमाना, भेदभावपूर्ण और असंवैधानिक है.

नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि सशस्त्र बलों ने राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) में महिलाओं को अपनी उम्मीदवारी पेश करने की अनुमति देने का निर्णय किया है. हालांकि, केंद्र ने बुनियादी ढांचे में बदलाव करने की आवश्यकता का हवाला देते हुए अदालत से चालू वर्ष के लिए एनडीए में महिलाओं के प्रवेश से छूट देने का अनुरोध किया है.

अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) ऐश्वर्या भाटी ने एनडीए परीक्षा में महिला को भाग लेने की अनुमति देने के मामले में अदालत के समक्ष यह दलील दी.

न्यायमूर्ति एसके कौल और न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश की पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है.

एएसजी ने पीठ को बताया कि उच्चतम स्तर के बलों और सरकार में निर्णय लिया गया है कि महिलाओं को राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के माध्यम से स्थाई कमीशन के लिए शामिल किया जाएगा. उन्होंने कहा कि मंगलवार देर शाम यह निर्णय लिया गया.

हालांकि, एएसजी ने अदालत से अनुरोध किया कि वर्तमान शैक्षणिक वर्ष के लिए एनडीए में प्रवेश के संबंध में यथास्थिति बरकरार रखी जाए, क्योंकि इसके लिए प्रक्रिया और बुनियादी ढांचे में बदलाव की आवश्यकता है.

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अदालत ने केंद्र को हलफनामे के जरिए घटनाक्रम को रिकॉर्ड में रखने का निर्देश दिया है.

न्यायमूर्ति कौल ने कहा कि सशस्त्र बल इस देश की सम्मानित शक्ति हैं, लेकिन लैंगिक समानता पर उन्हें और अधिक करना होगा.

बता दें, सुप्रीम कोर्ट ने 18 अगस्त को अंतरिम आदेश में महिलाओं को अस्थाई आधार पर एनडीए परीक्षा में शामिल होने की अनुमति दी थी. यह आदेश एक रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने पारित किया था, जिसमें तर्क दिया गया था कि एनडीए से महिलाओं का बहिष्कार मनमाना, भेदभावपूर्ण और असंवैधानिक है.

Last Updated : Sep 8, 2021, 2:24 PM IST

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