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Rebrand Rahul : अब विदेश में भी यात्रा करेंगे राहुल गांधी, पार्टी ने बनाई योजना

राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा की सफलता से उत्साहित होकर कांग्रेस ने राहुल की अंतरराष्ट्रीय इमेज को ब्रांड बनाने के लिए यूरोप का प्लान बनाया है. इसको लेकर पार्टी के नेताओं ने वहां पर होने वाले कार्यक्रमों के लिए जमीन तैयार करनी शुरू कर दी है. पढ़िए ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता अमित अग्निहोत्री की रिपोर्ट...

Congress leader Rahul Gandhi
कांग्रेस नेता राहुल गांधी
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Published : Feb 22, 2023, 5:26 PM IST

नई दिल्ली : भारत जोड़ो से उत्साहित कांग्रेस ने राहुल गांधी की अंतरराष्ट्रीय इमेज को ब्रांड बनाने के लिए यूरोप प्लान तैयार किया है. कांग्रेस राहुल गांधी की कन्याकुमारी से कश्मीर तक की भारत जोड़ो यात्रा को ऐतिहासिक बताने के साथ ही माइलस्टोन के रूप में पेश कर रही है. पार्टी सूत्रों ने मुताबिक 24 से 26 फरवरी तक छत्तीसगढ़ के नया रायपुर में होने वाले पूर्ण सत्र के तुरंत बाद पूर्व पार्टी प्रमुख के 28 फरवरी को विदेश जाने की संभावना है. इस दौरान राहुल गांधी बातचीत सत्र में भाग लेने के साथ प्रवासी समूहों के साथ बातचीत करने के अलावा एक सार्वजनिक रैली को भी संबोधित करेंगे.

बताया जाता है कि राहुल गांधी का यूरोप का दौरा 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए एक दिशा तय करेगा. इतना ही नहीं कांग्रेस ने राहुल के नेतृत्व को प्रोजेक्ट करने और यह बताने की उम्मीद जताई है उनकी चार हजार किलोमीटर की राष्ट्रव्यापी भारत जोड़ो यात्रा कितनी सफल रही थी. पार्टी सूत्रों के मुताबिक, राहुल की आने वाली यात्रा लंदन के कैंब्रिज विश्वविद्यालय से शुरू होने की संभावना है. यहां पर राहुल गांधी पूर्व छात्रों के एक समारोह में भाग लेने, व्याख्यान देने और शिक्षाविदों के साथ छोटी-छोटी बातचीत करने की उम्मीद है. इस दौरान राहुल गांधी विदेश में चीन को लेकर अपनी राय रखेंगे, फलस्वरूप इसको लेकर विवाद हो सकता है.

इसी कड़ी में कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के बाद राहुल के ब्रसेल्स में यूरोपीय संघ के कार्यालयों का दौरा करने की संभावना है, जहां वह प्रभावशाली हस्तियों के साथ बातचीत करेंगे. राहुल के नीदरलैंड जाने की भी संभावना है, जहां वह एक प्रवासी सम्मेलन को संबोधित कर सकते हैं. इन सबको लेकर पार्टी की विदेश शाखा सैम पित्रोदा के मार्गदर्शन में यात्रा के लिए जमीन तैयार कर रही है और यात्रा को सफल बनाने के लिए काम कर रही है.

पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के करीबी सहयोगी पित्रोदा के राहुल के साथ मिलिंद देवड़ा जैसे कुछ वरिष्ठ नेताओं के जाने की उम्मीद है. अगर सब कुछ ठीक रहा तो एक जनसभा हो सकती है जहां राहुल प्रवासी भारतीयों को संबोधित करेंगे और मोदी सरकार की नीतियों पर अपने विचार व्यक्त करेंगे. आने वाली विदेश यात्रा पिछले साल मई राहुल गांधी के द्वारा की गई विदेश यात्रा की तरह की होगी. उस समय घरेलू राजनीति पर उनके विचारों ने सत्तारूढ़ भाजपा को नाराज कर दिया था और केंद्र ने तीखी प्रतिक्रिया जताने के साथ ही कांग्रेस नेता के द्वारा विदेश में सरकार की आलोचना किए जाने का आरोप लगाया था. राहुल गांधी की यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब भारतीय मूल के एक व्यक्ति ऋषि सुनक ने यूके के प्रधानमंत्री के रूप में पदभार संभाला है. यह दौरा दोनों देशों के लिए शुभ संकेत होगा. राहुल वह अतीत में अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर अपने विचार व्यक्त करते रहे हैं.

ये भी पढ़ें - Rahul Gandhi in Jammu Kashmir : राहुल बोले, जम्मू कश्मीर के लोगों को लोकतांत्रिक अधिकारों से वंचित किया गया

नई दिल्ली : भारत जोड़ो से उत्साहित कांग्रेस ने राहुल गांधी की अंतरराष्ट्रीय इमेज को ब्रांड बनाने के लिए यूरोप प्लान तैयार किया है. कांग्रेस राहुल गांधी की कन्याकुमारी से कश्मीर तक की भारत जोड़ो यात्रा को ऐतिहासिक बताने के साथ ही माइलस्टोन के रूप में पेश कर रही है. पार्टी सूत्रों ने मुताबिक 24 से 26 फरवरी तक छत्तीसगढ़ के नया रायपुर में होने वाले पूर्ण सत्र के तुरंत बाद पूर्व पार्टी प्रमुख के 28 फरवरी को विदेश जाने की संभावना है. इस दौरान राहुल गांधी बातचीत सत्र में भाग लेने के साथ प्रवासी समूहों के साथ बातचीत करने के अलावा एक सार्वजनिक रैली को भी संबोधित करेंगे.

बताया जाता है कि राहुल गांधी का यूरोप का दौरा 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए एक दिशा तय करेगा. इतना ही नहीं कांग्रेस ने राहुल के नेतृत्व को प्रोजेक्ट करने और यह बताने की उम्मीद जताई है उनकी चार हजार किलोमीटर की राष्ट्रव्यापी भारत जोड़ो यात्रा कितनी सफल रही थी. पार्टी सूत्रों के मुताबिक, राहुल की आने वाली यात्रा लंदन के कैंब्रिज विश्वविद्यालय से शुरू होने की संभावना है. यहां पर राहुल गांधी पूर्व छात्रों के एक समारोह में भाग लेने, व्याख्यान देने और शिक्षाविदों के साथ छोटी-छोटी बातचीत करने की उम्मीद है. इस दौरान राहुल गांधी विदेश में चीन को लेकर अपनी राय रखेंगे, फलस्वरूप इसको लेकर विवाद हो सकता है.

इसी कड़ी में कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के बाद राहुल के ब्रसेल्स में यूरोपीय संघ के कार्यालयों का दौरा करने की संभावना है, जहां वह प्रभावशाली हस्तियों के साथ बातचीत करेंगे. राहुल के नीदरलैंड जाने की भी संभावना है, जहां वह एक प्रवासी सम्मेलन को संबोधित कर सकते हैं. इन सबको लेकर पार्टी की विदेश शाखा सैम पित्रोदा के मार्गदर्शन में यात्रा के लिए जमीन तैयार कर रही है और यात्रा को सफल बनाने के लिए काम कर रही है.

पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के करीबी सहयोगी पित्रोदा के राहुल के साथ मिलिंद देवड़ा जैसे कुछ वरिष्ठ नेताओं के जाने की उम्मीद है. अगर सब कुछ ठीक रहा तो एक जनसभा हो सकती है जहां राहुल प्रवासी भारतीयों को संबोधित करेंगे और मोदी सरकार की नीतियों पर अपने विचार व्यक्त करेंगे. आने वाली विदेश यात्रा पिछले साल मई राहुल गांधी के द्वारा की गई विदेश यात्रा की तरह की होगी. उस समय घरेलू राजनीति पर उनके विचारों ने सत्तारूढ़ भाजपा को नाराज कर दिया था और केंद्र ने तीखी प्रतिक्रिया जताने के साथ ही कांग्रेस नेता के द्वारा विदेश में सरकार की आलोचना किए जाने का आरोप लगाया था. राहुल गांधी की यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब भारतीय मूल के एक व्यक्ति ऋषि सुनक ने यूके के प्रधानमंत्री के रूप में पदभार संभाला है. यह दौरा दोनों देशों के लिए शुभ संकेत होगा. राहुल वह अतीत में अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर अपने विचार व्यक्त करते रहे हैं.

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