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ब्राह्मण मतदाताओं को सम्मान सूत्र में बांधेगी कांग्रेस, अध्यक्ष पद पर लगाएगी 'ब्रह्मगांठ'

यूपी विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Election 2022) में कांग्रेस ब्राह्मण कार्ड खेल सकती है. यही वजह है कि पार्टी के हाईकमान ने तीन ब्राह्मण नेताओं को दिल्ली बुलाया और बातचीत की गई है. अटकलें लगाई जा रही हैं कि यूपी कांग्रेस अध्यक्ष भी बदले जा सकते हैं और यह पद किसी ब्राह्मण नेता को दिया जा सकता है.

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Published : Sep 8, 2021, 7:25 PM IST

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लखनऊ : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Election 2022) से पहले कांग्रेस पार्टी तीन बड़े ब्राह्मण नेताओं को बड़ी जिम्मेदारी देने का प्लान बना रही है. पार्टी के तीन बड़े ब्राह्मण नेता दिल्ली बुलाए गए हैं. उनके नामों पर मंथन चल रहा है.

इन तीन बड़े नेताओं में प्रमोद तिवारी, राजेश पति त्रिपाठी और राजेश मिश्रा शामिल हैं. पार्टी के विश्वस्त सूत्र बताते हैं कि दो दिन के अंदर कांग्रेस पार्टी में बड़ा फेरबदल हो जाएगा. प्रदेश अध्यक्ष भी बदल सकते हैं.

यूपी विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में बड़ा फेरबदल होने की सुगबुगाहट है. प्रदेश स्तर की कार्यकारिणी में तो बदलाव होगा ही, यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू की भी अध्यक्ष पद से विदाई हो सकती है. इसके पीछे बड़ा कारण यह है कि पार्टी के वरिष्ठ सवर्ण नेता अजय कुमार लल्लू को अध्यक्ष के रूप में पचा नहीं पा रहे हैं.

पार्टी के नेता और कार्यकर्ता भी यही चाहते हैं कि यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर कोई सवर्ण चेहरा काबिज हो. पार्टी के अंदर से उठ रही आवाज को आलाकमान भी नकार नहीं रहा है. यही वजह है कि उत्तर प्रदेश के तीन बड़े ब्राह्मण नेताओं को तीन दिन पहले हाईकमान ने दिल्ली बुलाया और दो दिन तक विचार-विमर्श किया.

यूपी में ब्राह्मण कार्ड खेलने की तैयारी में कांग्रेस

यूपी कांग्रेस में प्रदेश अध्यक्ष के रूप में काफी समय से सवर्ण नेता को कमान देने की मांग उठ रही थी. अब जब चुनाव करीब आ रहा है तो पार्टी को भी यह महसूस हो रहा है कि किसी ब्राह्मण चेहरे को यूपी की कमान दे दी जाए. साथ ही प्रदेश की जनता के बीच संदेश प्रसारित किया जा सके कि कांग्रेस पार्टी ब्राह्मण नेताओं को महत्व देती है.

प्रमोद तिवारी का सबसे आगे

दिल्ली आईसीसी में पार्टी के तीनों बड़े नेताओं की बैठक के बाद अब वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी के नाम पर मुहर लग सकती है. प्रमोद तिवारी लगातार 9 बार विधायक रहे हैं. इसके बाद पार्टी ने उन्हें राज्यसभा सांसद बनाया. पार्टी की विभिन्न कमेटियों में वे शामिल हैं. अब पार्टी उन्हें यूपी का जिम्मा सौंप सकती है.

राजेश मिश्रा भा बड़े दावेदार

राजेश मिश्रा पुराने कांग्रेसी नेता हैं. 2004 के लोकसभा चुनाव में वाराणसी से जीते थे लेकिन, 2009 में डॉ. मुरली मनोहर जोशी से चुनाव हार गए. राजेश मिश्रा गांधी परिवार के करीबी माने जाते हैं. राजेश मिश्रा की पूर्वांचल की राजनीति में अच्छी पकड़ है. वे उत्तर प्रदेश कांग्रेस में बड़ा ब्राह्मण चेहरा माने जाते हैं.

राजेश पति त्रिपाठी भी रेस में

राजेश पति त्रिपाठी का परिवार पीढ़ियों से कांग्रेस जुड़ा हुआ है. वे कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे कमलापति त्रिपाठी के पपौत्र हैं. राजेशपति त्रिपाठी को गांधी परिवार का काफी करीबी माना जाता है. वे यूपी में कांग्रेस का एक बड़ा ब्राह्मण चेहरा हैं. राजेशपति त्रिपाठी की भी पूर्वांचल की राजनीति में अच्छी पकड़ मानी जाती है.

कार्यवाहक अध्यक्ष भी बनेंगे

पार्टी के विश्वस्त सूत्रों की मानें तो कांग्रेस पार्टी हर वर्ग से एक बड़े नेता को कार्यवाहक अध्यक्ष भी बना सकती है. कुल चार कार्यवाहक अध्यक्ष बनाए जा सकते हैं. यह कार्यवाहक अध्यक्ष पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के साथ मिलकर काम करेंगे, इससे संगठन को मजबूती मिलेगी.

लखनऊ : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Election 2022) से पहले कांग्रेस पार्टी तीन बड़े ब्राह्मण नेताओं को बड़ी जिम्मेदारी देने का प्लान बना रही है. पार्टी के तीन बड़े ब्राह्मण नेता दिल्ली बुलाए गए हैं. उनके नामों पर मंथन चल रहा है.

इन तीन बड़े नेताओं में प्रमोद तिवारी, राजेश पति त्रिपाठी और राजेश मिश्रा शामिल हैं. पार्टी के विश्वस्त सूत्र बताते हैं कि दो दिन के अंदर कांग्रेस पार्टी में बड़ा फेरबदल हो जाएगा. प्रदेश अध्यक्ष भी बदल सकते हैं.

यूपी विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में बड़ा फेरबदल होने की सुगबुगाहट है. प्रदेश स्तर की कार्यकारिणी में तो बदलाव होगा ही, यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू की भी अध्यक्ष पद से विदाई हो सकती है. इसके पीछे बड़ा कारण यह है कि पार्टी के वरिष्ठ सवर्ण नेता अजय कुमार लल्लू को अध्यक्ष के रूप में पचा नहीं पा रहे हैं.

पार्टी के नेता और कार्यकर्ता भी यही चाहते हैं कि यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर कोई सवर्ण चेहरा काबिज हो. पार्टी के अंदर से उठ रही आवाज को आलाकमान भी नकार नहीं रहा है. यही वजह है कि उत्तर प्रदेश के तीन बड़े ब्राह्मण नेताओं को तीन दिन पहले हाईकमान ने दिल्ली बुलाया और दो दिन तक विचार-विमर्श किया.

यूपी में ब्राह्मण कार्ड खेलने की तैयारी में कांग्रेस

यूपी कांग्रेस में प्रदेश अध्यक्ष के रूप में काफी समय से सवर्ण नेता को कमान देने की मांग उठ रही थी. अब जब चुनाव करीब आ रहा है तो पार्टी को भी यह महसूस हो रहा है कि किसी ब्राह्मण चेहरे को यूपी की कमान दे दी जाए. साथ ही प्रदेश की जनता के बीच संदेश प्रसारित किया जा सके कि कांग्रेस पार्टी ब्राह्मण नेताओं को महत्व देती है.

प्रमोद तिवारी का सबसे आगे

दिल्ली आईसीसी में पार्टी के तीनों बड़े नेताओं की बैठक के बाद अब वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी के नाम पर मुहर लग सकती है. प्रमोद तिवारी लगातार 9 बार विधायक रहे हैं. इसके बाद पार्टी ने उन्हें राज्यसभा सांसद बनाया. पार्टी की विभिन्न कमेटियों में वे शामिल हैं. अब पार्टी उन्हें यूपी का जिम्मा सौंप सकती है.

राजेश मिश्रा भा बड़े दावेदार

राजेश मिश्रा पुराने कांग्रेसी नेता हैं. 2004 के लोकसभा चुनाव में वाराणसी से जीते थे लेकिन, 2009 में डॉ. मुरली मनोहर जोशी से चुनाव हार गए. राजेश मिश्रा गांधी परिवार के करीबी माने जाते हैं. राजेश मिश्रा की पूर्वांचल की राजनीति में अच्छी पकड़ है. वे उत्तर प्रदेश कांग्रेस में बड़ा ब्राह्मण चेहरा माने जाते हैं.

राजेश पति त्रिपाठी भी रेस में

राजेश पति त्रिपाठी का परिवार पीढ़ियों से कांग्रेस जुड़ा हुआ है. वे कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे कमलापति त्रिपाठी के पपौत्र हैं. राजेशपति त्रिपाठी को गांधी परिवार का काफी करीबी माना जाता है. वे यूपी में कांग्रेस का एक बड़ा ब्राह्मण चेहरा हैं. राजेशपति त्रिपाठी की भी पूर्वांचल की राजनीति में अच्छी पकड़ मानी जाती है.

कार्यवाहक अध्यक्ष भी बनेंगे

पार्टी के विश्वस्त सूत्रों की मानें तो कांग्रेस पार्टी हर वर्ग से एक बड़े नेता को कार्यवाहक अध्यक्ष भी बना सकती है. कुल चार कार्यवाहक अध्यक्ष बनाए जा सकते हैं. यह कार्यवाहक अध्यक्ष पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के साथ मिलकर काम करेंगे, इससे संगठन को मजबूती मिलेगी.

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