दुर्गापुर: कोयला माफिया राजेश उर्फ राजू झा की शनिवार शाम कोलकाता के शक्तिगढ़ में गोली मार कर हत्या कर दी गई. अभी कुछ दिन पहले नगर के दुर्गापुर स्थित राजू के परिवहन कार्यालय में दो राउंड फायरिंग हुई थी.उस घटना के बाद शनिवार को सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार जब राजू झा अपनी कार से कोलकाता जा रहे थे, तभी शक्तिगढ़ में उनकी कार के बगल में एक अन्य चौपहिया वाहन आकर रुका. उस कार के अंदर मौजूद बदमाशों ने राजू झा की कार को निशाना बनाया और फायरिंग कर दी, जिसमें तीन गोलियां लगने से राजू की मौत हो गई. राजू झा को गोली किसने मारी, इसकी जांच शक्तिगढ़ थाने की पुलिस कर रही है.
भाजपा का थामा था दामन : कभी काले हीरों के काले कारोबार के बादशाह बने राजू झा को 2011 में पश्चिम बंगाल में नई सरकार आने के बाद कोयले के कारोबार से रोका गया. उसके बाद से राजू झा को कई बार विभिन्न मामलों में गिरफ्तार कर जेल में रखा गया. फिर, राजेश उर्फ राजू झा दुर्गापुर के पलाशडीहा मैदान में भाजपा नेता दिलीप घोष का हाथ पकड़कर भगवा खेमे में शामिल हो गए. राजू झा को पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी के प्रचार के दौरान कई जगहों पर देखा गया था. राजू को भाजपा के विभिन्न कार्यक्रमों में केंद्रीय, राज्य और भाजपा के स्थानीय नेताओं के साथ मंच पर देखा गया था.
गोली लगने से एक घायल : कोलकाता जाते वक्त राजू के साथ अंडाल निवासी ब्रतिन बनर्जी भी थे. जब उनकी कार एक मिठाई की दुकान के सामने खड़ी थी, तभी एक कार उनके बगल में आ गई, जहां से राजू पर गोलियां चलाई गईं. जब ब्रतिन बनर्जी ने कार से भागने की कोशिश की तो उन्हें भी गोली मार दी गई. पुलिस ने ब्रतिन बनर्जी को बचाया और उन्हें बर्दवान के एक अस्पताल में भर्ती कराया.
सूत्रों के मुताबिक, राजू की मौके पर ही मौत हो गई और गंभीर हालत में ब्रतिन बनर्जी का इलाज चल रहा है. वाममोर्चा के शासन काल में कोयला-काला कारोबार करने वाले सिंडिकेट का सरगना बने राजू आर्थिक रूप से खूब फले-फूले. राजेश उर्फ राजू ने ट्रांसपोर्ट बिजनेस से लेकर होटल बिजनेस तक सब कुछ बहुत ही कम समय में मैनेज कर लिया था.
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