नई दिल्ली : चीनी जहाज ने साउथ चाइना सी (दक्षिण चीन सागर) में फिलीपींस के जहाज को टक्कर मार दी. इसके बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है. टक्कर रविवार को लगी थी. इसका एक वीडियो भी सामने आया है. इस वीडियो में दोनों जहाजों की टक्कर देखी जा सकती है.
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Videos released by the Armed Forces of the Philippines show a Chinese coast guard vessel hitting a Philippine supply boat that’s on the way to the Second Thomas Shoal in the South China Sea. A Chinese maritime militia vessel also touched a Philippine coast guard ship, as shown in… pic.twitter.com/W5pLKAxBox
— Barnaby Lo 吳宗鴻 (@barnabychuck) October 22, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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साउथ चीन सागर के उथले इलाके में हुई टक्कर - वैसे, आपको बता दें कि चीन और फिलीपींस के बीच कई मुद्दों पर विवाद लंबे समय से चला आ रहा है. इस घटना ने उनके बीच तनाव को और अधिक बढ़ा दिया है. जिस जगह पर दोनों जहाजों की टक्कर हुई है, उस जगह को अयुंगीन शोल के नाम से जाना जाता है. यह साउथ चीन सागर का उथला इलाका है, यानी पानी का स्तर काफी कम है.
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#FMsays The Ren'ai Reef issue is a bilateral issue between China and the Philippines and has nothing to do with the US, FM spokeswoman Mao Ning said, adding that endorsing the Philippines' infringement and provocation while accusing China's legitimate law enforcement practices of… pic.twitter.com/N1fyNTvgSN
— China Daily (@ChinaDaily) October 23, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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फिलीपींस ने बताया चीन का धौंस - फिलीपींस मीडिया के अनुसार चीन ने उनके सामुद्रिक क्षेत्र में अतिक्रमण किया है. फिलीपींस के अनुसार जिस समुद्री इलाके में टक्कर हुई है, वह फिलीपींस का सामुद्रिक क्षेत्र है. उनके अनुसार इस घटना ने फिर से दर्शाया है कि चीन धौंस जमाकर दूसरे देशों के क्षेत्र पर कब्जा करता है.
कुछ मीडिया रिपोर्ट के अनुसार फिलीपींस इस मुद्दे को जानबूझकर दुनिया के सामने प्रचारित कर रहा है, ताकि चीन को एक्सपोज किया जा सके और उस पर दबाव बन सके. रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि फिलीपींस इस तरह की घटनाओं का वीडियो शूट करता है और उसके बाद चीन को एक्सपोज करने की कोशिश करता है. उनके अनुसार ऐसा लगता है कि यह रणनीति चीन पर दबाव बनाने में कामयाब हो रही है.
चीन ने कहा कि मनीला जानबूझकर तनाव बढ़ा रहा है. चीनी अधिकारी ने कहा कि अगर मनीला ने इस क्षेत्र में तनाव बढ़ाया, तो इसका सबसे अधिक खामियाजा फिलीपींस को भुगतना पड़ेगा. ग्लोबल टाइम्स ने एक वीडियो भी जारी किया है. आप इस ट्वीट में देख सकते हैं.
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If the Philippines continues to escalate provocations, the situation in Ren'ai Reef will escalate significantly, and China will firmly fight to the end. Manila will undoubtedly suffer the most: Media Professional Hu Xijin #HuSays pic.twitter.com/k6WYoz4lKe
— Global Times (@globaltimesnews) October 23, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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द्वितीय विश्व युद्ध से है जहाज का संंबंध - यहां इसका उल्लेख जरूरी है कि चीन के जहाज ने फिलीपींस के जिस जहाज को टक्कर मारी है, वह जहाज निष्क्रिय है. 1999 से यह इसी जगह पर टिकी हुई है. क्योंकि यह उथले इलाके में है, लिहाजा इस पर पानी के बहाव का कोई असर नहीं पड़ता है, लेकिन जंग जरूर इसे नुकसान पहुंचा रहा है. इस जहाज का उपयोग फिलीपींस ने सेकेंड वर्ल्ड वार में किया था. इस जहाज का नाम सिएरा माद्रे है. फिलीपींस की नौ सेना इस जहाज की देखरेख करती है. फिलीपींस मीडिया के अनुसार फिलीपींस की नौ सेना की इजाजत के बाद इस जहाज को देखने के लिए कई अंतरराष्ट्रीय मीडिया ग्रुप आते रहे हैं.
विवाद क्या है - जिस इलाके में यह जहाज टिका हुआ है, चीन उस पर दावा ठोकता है. इसलिए बिना चीन की इजाजत के फिलीपींस की नौ सेना वहां पर नहीं जा सकती है. जब भी दोनों देशों के बीच संबंध सामान्य रहते हैं, फिलीपींस की नौ सेना आती जाती रहती है, लेकिन जैसे ही संबंधों में तनाव दिखता है, चीन एक्टिव हो जाता है और जहाज पर किसी को पहुंचने की अनुमति नहीं प्रदान करता है.
चीन यह भी दावा करता है कि फिलीपींस की नौ सेना निर्माण की सामग्री लेकर इस जहाज पर आ रही है, इसलिए वह उनका विरोध करती है. फिलीपींस चाहता है कि यह जहाज लंबे समय तक बचा रहे, इसिलए उसकी मरम्मत भी करवा देता है, लेकिन चीन चाहता है कि इस जहाज को यूं ही खत्म होने दिया जाए. इस इलाके के जानकार बताते हैं कि एक बार यह जहाज डूब जाएगा, या नष्ट हो जाएगा तो उसके बाद चीन इस इलाके पर अपना दावा और भी पुख्ता ढंग से दावा कर सकता है. इसके ठीक उलट फिलीपींस चाहता है कि यह जहाज लंबे समय तक यहीं पर बना रहे, ताकि इस क्षेत्र पर उसके अधिकार को यह मजबूत करता रहेगा. द्वितीय विश्व युद्ध में फिलीपींस ने इस आउटपोस्ट का उपयोग किया था.
अमेरिका ने बढ़ाया तनाव - फिलीपींस में जब भी अमेरिका के प्रति सॉफ्ट नजरिया रखने वाली सत्ता आती है, चीन अपना रूख कड़ा कर लेता है. फिलहाल फिलीपींस में जिनकी सरकार है, वह अमेरिका और अमरीकी नीतियों के प्रति झुकाव रखती है. फिलीपींस के राष्ट्रपति फर्डिनेंड मार्कोस हैं. इनसे पहले रोड्रिगो डुटर्टे सत्ता में थे, उनका रूख चीन के प्रति सॉफ्ट था. अंतरराष्ट्रीय नियमों के अनुसार किसी भी देश का 200 नौटिकल मील तक समुद्र में अपना अधिकार रहता है. उसके बाद अंतरराष्ट्रीय कानूनों के मुताबिक अधिकार होता है. चीनी प्रवक्ता ने आरोप लगाया है कि अमेरिका इस क्षेत्र में तनाव बढ़ा रहा है. प्रवक्ता ने कहा कि इस मुद्दे का निपटारा फिलीपींस और चीन मिलकर करेंगे, न कि अमेरिका.
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The 🇺🇸 stands with our 🇵🇭 allies in the face of the PRC Coast Guard and maritime militia’s dangerous and unlawful actions obstructing an October 22 Philippine resupply mission to Second Thomas Shoal in the South China Sea.
— U.S. Embassy in the Philippines (@USEmbassyPH) October 23, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
Read: https://t.co/7TC2tbGmDY#FreeAndOpenIndoPacific pic.twitter.com/FHT4DP7Xn1
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साउथ चीन सागर में चीन का कई देशों के साथ विवाद - चीन ने अप्रैल 2020 में वियतनाम के एक बोट को डूबा दिया था. इस पर वियतनाम ने कड़ी आपत्ति जताई थी. चीन दावा करता है कि वियतनाम दक्षिण चीन सागर के उन इलाकों को अपना बता रहा है, जो दरअसल चीन का है. जबकि वियतनाम मानता है कि यह वियतनाम का इलाका है. दोनों देशों के बीच पैरासल आइलैंड और स्प्रैटली आइलैंड को लेकर विवाद है.
स्प्रैटली आइलैंड के कुछ हिस्सों पर मलेशिया भी दावा करता है. इस क्षेत्र में जब भी मेलशिया का जहाज आता है, तो वह इसका न सिर्फ विरोध करता है, बल्कि अपनी नौसेना का भी प्रयोग करता है. इसी तरह से साउथ चीन सागर के कुछ हिस्सों पर ब्रूनेई दावा करता है, ब्रूनेई भी स्प्रैटली आइलैंड के एक हिस्से को अपना मानता है. चीन और इंडोनेशिया के बीच नातुना आइलैंड को लेकर विवाद है. इंडोनेशिया के प्रोजेक्ट पर चीन ने आपत्ति जताई है.
अमेरिका साउथ चीन सागर में चीन का काउंटर करता है. अमेरिका चाहता है कि भारत उसका साथ दे. भारत साउथ चीन सागर को अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र मानता है. यानी इस पर किसी भी एक देश का अधिकार नहीं हो सकता है. भारत का यह आधिकारिक स्टैंड है.
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